Ranchi Coronavirus News: नेफ्रॉन क्लीनिक के संचालक समेत 23 लोग आइसोलेशन में, कोरोना संक्रमण का खतरा
Ranchi Coronavirus News. क्लिनिक में इलाज करा रही महिला का कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद नेफ्रॉन क्लीनिक सील किया गया है। संचालक का भी सैंपल लिया गया है।
रांची, जासं। रांची के हिंदीपीढ़ी की 54 वर्षीय कोरोना ब्रिटिश महिला के किडनी का इलाज बूटी मोड़ स्थित नेफ्रॉन क्लीनिक में चल रहा था। महिला का रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद जिला प्रशासन की टीम द्वारा क्लीनिक को सील कर दिया गया। साथ ही संचालक डॉ अशोक कुमार वैद्य समेत इलाज के आने वाले और भर्ती 23 मरीजों को क्वारांटाइन करते हुए रिम्स के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है। भर्ती करने के बाद महिला के संपर्क में आए सभी संदिग्धों का सैंपल लिया जा चुका है। इन सबकी रिपोर्ट आनी बाकी है।
नेफ्रॉन क्लीनिक में हुआ था डायलिसिस
नेफ्रॉन क्लीनिक में महिला का डायलिसिस किया गया था। रूटीन चेकअप के दौरान महिला को क्लीनिक से ही कोरोना जांच के लिए रिम्स भेज आ गया था। 4 अप्रैल को महिला का सैंपल लिया गया था। 5 अप्रैल को जांच के बाद देर शाम महिला का रिपोर्ट पॉजिटिव मिला। इसके बाद सोमवार सुबह 8 बजे ही जिला प्रशासन की टीम महिला के घर पहुंच कर उसे रिम्स लाने की तैयारी में जुट गए। इधर, रिपोर्ट पोजिटिव आने के बाद परिवार के अन्य 7 सदस्यों को भी सैंपल जांच के लिए रिम्स लाया गया। सोमवार को ही सभी सदस्यों का सैंपल लिया गया था।
हिंदपीढ़ी की कोरोना पॉजिटिव महिला का नहीं हो सका डायलिसिस, आज संभावना
इधर, रिम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती हिंदपीढ़ी की रहने वाली 54 वर्षीय कोरोना पॉजिटिव महिला का बुधवार को डायलिसिस नहीं हो सका। जानकारी के अनुसार महिला का डायलिसिस मंगलवार को ही किया जाना था। लेकिन हीमोग्लोबिन कम होने के वजह से नहीं किया जा सका था। क्रिटिकल केयर के इंचार्ज डॉ प्रदीप भट्टाचार्य ने बताया कि बुधवार को पॉजिटिव महिला को 2 यूनिट ब्लड चढ़ाया गया। डायलिसिस के लिए हीमोग्लोबिन नियंत्रण करना जरूरी था।
दो यूनिट ब्लड ट्रांसफ्यूजन के बाद उक्त महिला की स्थिति पहले से बेहतर है। गुरुवार को डायलिसिस किया जाएगा। उन्होंने बताया कि महिला इलाज में काफी अच्छे से रिस्पॉन्ड कर रही है। उम्र काफी हो चुकी है और वार्ड में परिवार के कोई भी सदस्य नहीं है, इसे लेकर थोड़ी परेशान रहती है। हालांकि नर्स और डॉक्टर लगातार मरीज की देखभाल कर रहे हैं। किडनी की समस्या से पीड़ित होने के वजह से कमरे से बाहर नहीं निकल पाती, अंदर ही इलाज में सहयोग कर रही है।