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टेरर फंडिंग मामला : महेश अग्रवाल बंधुओं को नहीं मिली राहत, उग्रवादी संगठन को फंडिंग देने का आरोप

Jharkhand Crime News टेरर फंडिंग मामले (Terror Funding Case) में आधुनिक पावर कंपनी (Power Company) के एमडी महेश अग्रवाल एवं ट्रांसपोटर्स (Mahesh Aggarwal and Transporters) अमित अग्रवाल (Amit Agarwal) व विनीत अग्रवाल (Vineet Agarwal) को हाई कोर्ट (High Court) से राहत नहीं मिली है।

By Sanjay KumarEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 12:30 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 12:30 PM (IST)
टेरर फंडिंग मामला : महेश अग्रवाल बंधुओं को नहीं मिली राहत, उग्रवादी संगठन को फंडिंग देने का आरोप
Jharkhand Terror Funding Case : महेश अग्रवाल बंधुओं को नहीं मिली राहत

रांची, (राज्य ब्यूरो)। Jharkhand Terror Funding Case : टेरर फंडिंग मामले (Terror Funding Case) में आधुनिक पावर कंपनी (Power Company) के एमडी महेश अग्रवाल एवं ट्रांसपोटर्स (Mahesh Aggarwal and Transporters), अमित अग्रवाल (Amit Agarwal) व विनीत अग्रवाल (Vineet Agarwal) को हाई कोर्ट (High Court) से राहत नहीं मिली है। चीफ जस्टिस डा रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने इनकी ओर से दाखिल याचिकाओं को खारिज कर दिया है। पूर्व में बहस पूरी होने के बाद अदालत (Court) ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब इनके पास सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एसएलपी दाखिल करने का विकल्प है।

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अग्रवाल बंधु सहित सुदेश केडिया का नाम किया गया शामिल

अग्रवाल बंधुओं की ओर से एनआइए कोर्ट द्वारा इनके खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर लिए गए संज्ञान के खिलाफ हाई कोर्ट में क्वैसिंग याचिका दाखिल की गई थी। पूर्व में सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से कहा गया था कि टेटर फंडिंग मामले में एनआइए ने पूर्व में चार्जशीट दाखिल किया था। उनमें इन लोगों का नाम नहीं था। बाद में पूरक शपथ पत्र में अग्रवाल बंधु सहित सुदेश केडिया का नाम शामिल किया गया।

उग्रवादी संगठन टीएसपीसी को फंडिंग देने का आरोप

इन पर उग्रवादी संगठन टीएसपीसी को फंडिंग देने का आरोप लगाया गया है। जबकि वे इस मामले में स्वयं पीड़ित हैं। वहां पर काम करने के लिए उनसे रंगदारी वसूली जाती थी। लेकिन एनआइए ने इस मामले में उन्हें आरोपित बना दिया है।

सुदेश केडिया मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला

इस दौरान सुदेश केडिया के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया गया। कहा गया कि इनके खिलाफ प्रथम दृष्टया का कोई मामला नहीं पता है। इसलिए एनआइए कोर्ट द्वारा लिए गए संज्ञान को खारिज करते हुए उन्हें राहत दी जानी चाहिए।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी कर रही है मामले की जांच

एनआइए की ओर से कहा कि उक्त सभी आरोपितों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं, और कोर्ट ने इनके मामले में जो संज्ञान लिया है वो भी बिल्कुल सही है। बता दें कि टंडवा के मगध आम्रपाली कोल प्रोजेक्ट में लोडिंग एवं खनन के लिए कार्य कर रही कंपनियों पर उग्रवादी संगठन टीएसपीसी को आर्थिक मदद पहुंचाने समेत कई गंभीर आरोप लगे हैं। इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी कर रही है।


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