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जहां करते थे नौकरी, आज उसी फर्म में हैं पार्टनर, पढ़‍िए- उद्योगपति कमल जैन की सफलता की कहानी

Jharkhand Industrialist Success Story आज हमारे आसपास ऐसे कई लोग मौजूद हैं जिन्होंने अपने उज्ज्वल भविष्य (Bright Future) का निर्माण करने के लिए कड़ी मेहनत (Hard Work) कर सफलता की नई परिभाषा गढ़ी है। आज कमल जैन का 63वां जन्‍मद‍िन (Kamal Jains 63rd Birthday) है।

By Sanjay KumarEdited By: Published: Sat, 15 Jan 2022 08:25 AM (IST)Updated: Sat, 15 Jan 2022 08:25 AM (IST)
जहां करते थे नौकरी, आज उसी फर्म में हैं पार्टनर, पढ़‍िए- उद्योगपति कमल जैन की सफलता की कहानी
जहां करते थे नौकरी, आज उसी फर्म में हैं पार्टनर, पढ़‍िए- उद्योगपति कमल जैन की सफलता की कहानी

रांची, (सुरेंद्र प्रसाद)। Jharkhand Industrialist Success Story : आज हमारे आसपास ऐसे कई लोग मौजूद हैं, जिन्होंने अपने उज्ज्वल भविष्य (Bright Future) का निर्माण करने के लिए कड़ी मेहनत (Hard Work) कर सफलता की नई परिभाषा गढ़ी है। अपने व्यवसाय (Business) और अपनी पहचान कायम करना एक कठिन काम है। लेकिन इन बाधाओं से जूझकर राजधानी रांची (Ranchi) के प्रतिष्ठित वस्त्र व्यवसायी (Cloth Dealer), एमआर फैशन (MR Fashion) के पार्टनर एवं झारखंड थोक वस्त्र विक्रेता संघ (Jharkhand Wholesale Clothing Dealers Association) के मानद सचिव कमल जैन (Kamal Jain) ने अपना मुकाम हासिल कर फर्श से अर्श तक का सफर तय किया। आज कमल जैन का 63वां जन्‍मद‍िन (Kamal Jain's 63rd Birthday) है।

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कमल जैन कहते हैं- मैं अपना जन्‍मद‍िन परिवार एवं मित्रों के साथ मनाऊंगा। चूंकि मेरा जन्‍मद‍िन मकर संक्रांति के दिन है, तो आज मैं लगभग 500 गरीबों एवं जरूरतमंदों के बीच भोजन एवं अन्य सहायता सामग्री का वितरण भी करूंगा।

गरीबी में बीता है बचपन 

कमल जैन का जन्म 15 जनवरी, 1959 को बिहार के तत्कालीन पूर्णिया जिला (अब किशनगंज) स्थित ठाकुरगंज के एक गरीब परिवार में हुआ था। कमल जैन के पिता दिवंगत मोतीलाल जैन मजदूरी करके किसी प्रकार घर का खर्च चलाते थे। जबकि उनकी मां वीरा देवी जैन ने कई कष्टों का सामना करते हुए कमल जैन सहित उनके भाई-बहनों का पालन-पोषण किया।

कमल जैन की प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल से हुई। वर्ष 1975 में उन्होंने 10वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। उन्हें बचपन से ही पढ़ाई के प्रति काफी अनुराग था। लेकिन घर की आर्थिक कमजोरी के कारण एक समय उन्हें ऐसा लगने लगा कि अब आगे की पढ़ाई नहीं कर पाएंगे। लेकिन विपरीत परिस्थितियों में भी हिम्मत नहीं हारी और 1977 में वे आंखों में उज्जवल भविष्य का सपना संजोकर गांव से रांची स्थित अपने मौसा मांगीलाल जैन के यहां पहुंच गए। आज इस मुकाम तक पहुंचने में उनके मौसा जी का उन्हें बहुत सहयोग मिला।

मौसा के पास 50 रुपये महीना पर की नौकरी

कमल जैन बताते हैं क‍ि उन्होंने अपने मौसा के यहां 50 रुपये महीना पर नौकरी कर ली। इसके साथ ही आगे की पढ़ाई के लिए अपना दाखिला मारवाड़ी कालेज में भी करा लिया। वर्ष 1981 में उन्होंने कालेज से कामर्स में ग्रेजुएशन कंप्लीट किया।

इसके अलावा उन्होंने सीए एंट्रेंस की परीक्षा भी दी थी। वहीं, तीन साल तक ला की पढ़ाई भी की। लेकिन आर्थिक कमजोरी की वजह से उनकी आगे की पढ़ाई रुक गई। उसके बाद घर चलाने के लिए वे मौसा जी के यहां नौकरी करते रहें। 

जहां करते थे नौकरी आज उसी फर्म में है पार्टनर

ऐसा कहा जाता है कि समस्याओं का समाधान करने की आपकी क्षमता की तुलना में आपकी समस्याओं की विशालता कुछ भी नहीं है। कमल जैन कुछ ऐसी ही सोच रखने वाले शख्सियत हैं। उनकी कड़ी मेहनत, धैर्य, लगन, दृढ़ संकल्प और कुछ कर गुजरने का जज्बा ही रहा कि जहां वे एक जमाने में नौकरी किया करते थे, आज उसी फर्म एमआर फैशन में पार्टनर की हैसियत रखते हैं।

बाद में उन्होंने अपना दायरा बढ़ाते हुए प्लास्टिक उत्पाद एवं ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में भी अपने कदम बढ़ाया और न सिर्फ उन्होंने अपनी किस्मत बदली, बल्कि अपने भाइयों एवं परिवार के अन्य सदस्यों का भविष्य संवारने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कमल जैन कहते हैं कि हम धैर्य, दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत के बल पर समाज में उचित स्थान प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए इंसान की कोशिश में ईमानदारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरा जुनून कि मैं जो सोचता हूं, उसे पूरा अवश्य करता हूं।

समाज सेवा में हमेशा रहते हैं आगे

वर्षों तक गरीबी के दलदल में रहने के कारण कमल जैन गरीब एवं जरूरतमंदों के दुख-दर्द को अच्छी तरह समझते हैं। इसलिए वे जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। वर्तमान में वे झारखंड थोक वस्त्र विक्रेता संघ के सचिव के अलावा लायंस क्लब आफ इंटर नेशनल के उप जिलापाल एवं मारवाड़ी सहायक समिति के कोषाध्यक्ष भी हैं।

यही नहीं वे जैन इंटरनेशनल ट्रेड आर्गेनाइजेशन के चेयरमेन व झारखंड चैंबर आफ कामर्स के कोषाध्यक्ष एवं सचिव के पद का भी दायित्व निभा चुके हैं। वर्तमान समय में कमल जैन व्यापारिक संगठनों के अलावा 25 सामाजिक संस्थानों से भी जुड़े हैं। जब भी उन्हें कारोबार से समय मिलता है, तो सामाजिक कार्यो में बढ़- चढ़कर हिस्सा लेते हुए जरूरतमंदों की मदद करने का प्रयास करते हैं। 

अब तक 50 बार कर चुके हैं रक्तदान 

समाज के लिए कुछ कर गुजरने के जज्बे का ही परिणाम है कि कमल जैन अब तक 50 बार रक्तदान कर चुके हैं। इसके साथ ही वे दूसरों को भी रक्तदान को लेकर जागरूक करते रहते हैं। कमल जैन कहते हैं कि रक्तदान से बढ़कर और कोई बड़ा दान नहीं है, क्योंकि इससे हम जरूरतमंद लोगों के प्राणों की रक्षा कर सकते हैं।

यही नहीं, पिछले साल वे कोविड के चपेट में भी आ गए थे। लेकिन स्वस्थ होने के बाद उन्होंने अपने प्लाज्मा का भी दान किया। इनका जीवन वाकई में दूसरों के लिए किसी की प्रेरणा से कम नहीं है।

नए दोस्त बनाना एवं पर्यटन का है शौक

कमल जैन का मानना है कि जिंदगी जीने के लिए मित्रों का होना बहुत जरूरी है। इसलिए वे नए-नए दोस्त बनाने में यकीन रखते हैं। उन्होंने बताया कि देश के हर शहर में उनके मित्र हैं। इसके साथ ही उन्हें पर्यटन का भी बड़ा शौक है।

भारत दर्शन के साथ ही अब तक वे सिंगापुर, मलेशिया, थाईलैंड, यूके, स्विट्जरलैंड, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन व श्रीलंका सहित 22 देशों की यात्रा कर चुके हैं।


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