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जान‍िए, कैसे रेड‍ियो की दीवानगी ने झारखंड के इस शहर को बना द‍िया देश-दुन‍िया में मशहूर

Jhumritilaiya Radio Lover Chaman Ram रेडियो (Radio) में फरमाईशी गीतों के लिए कभी मशहूर रहे झारखंड के शहर झुमरीतिलैया (Jhumritilaiya) में आज भी कई रेडियो के दिवाने (Radio Lover) हैं। ऐसे ही एक झुमरीतिलैया के गुमो निवासी 76 वर्षीय रेडियो प्रेमी चमन राम (Radio Lover Chaman Ram) है।

By Sanjay KumarEdited By: Published: Wed, 12 Jan 2022 10:16 AM (IST)Updated: Thu, 13 Jan 2022 05:34 AM (IST)
जान‍िए, कैसे रेड‍ियो की दीवानगी ने झारखंड के इस शहर को बना द‍िया देश-दुन‍िया में मशहूर
झुमरीतिलैया के रेडियो लवर चमन राम 76 वर्ष के हो गए, लेकिन आज भी इनकी फरमाइश सुन रह जाएगें ढंग

झुमरीतिलैया (कोडरमा), जागरण संवादाता। Jhumritilaiya Radio Lover Chaman Ram : रेडियो (Radio) में फरमाईशी गीतों के लिए कभी मशहूर रहे झारखंड के शहर झुमरीतिलैया (Jhumritilaiya) में आज भी कई रेडियो के दिवाने (Radio Lover) हैं। पुराने लोगों में टेलीविजन (Television), एलईडी (LED), एलसीडी (LCD) और इंटरनेट (Internet) के जमाने में भी रेडियो के प्रति क्रेज आज भी बरकरार है। ऐसा मानना है झुमरीतिलैया के गुमो निवासी 76 वर्षीय रेडियो प्रेमी चमन राम (Radio Lover Chaman Ram) का।

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चमन राम के लिए अपना रेडियो सबसे बड़ा इंटरटेनर

चमन राम के दैनिक जीवन की शुरुआत रेडियो से ही होती है। सुबह उठकर राम चरित मानस का पाठ सुनना उन्हें काफी भाता है।

जहां एक ओर चमन राम के घर के अन्य लोग टीवी से चिपके रहते हैं, वहीं दूसरी ओर रेडियो से जुड़ी पुरानी यादों को अपने सीने में समेटे, चमन राम रेडियो को अपना सबसे बड़ा इंटरटेनर बताते हैं।

टीवी नहीं, बल्कि रेडियो पर ही सुनाई पड़ती है भारतीय संस्कृति से जुड़ी लोक गीत

चमन राम का कहना है कि चाहे विविध भारती के गीत हों या विनाका गीत माला के बड़े एंकर अमीन सायनी की आवाज, या फिर आकाश वाणी पटना के उद्घोषक बद्री प्रसाद यादव की जादू भरी आवाज। रेडियो की पुरानी स्मृतियां आज भी इनके जेहन में ताजा है। ठुमरी हो, राग दादरी या लोक गीतों की गूंज। इन सबों को लोगों तक पहुचाने वाले रेडियो को चमन राम जैसे लोग आज तक नहीं भूल पाये हैं। भारतीय संस्कृति से जुड़ी लोक गीतों की अनुगूंज टीवी नहीं, बल्कि रेडियो पर ही सुनाई पड़ती है।

आज भी रेडियो को समाचार और मनोरंजन का सबसे अच्छा साधन है : चमन राम

चमन राम कहते हैं, फगुआ, चैतारी और भोजपुरी लोक गीत जिसमें भारतीय ग्रामीण संस्कृति के गुण हों, रेडियो इन सबों का संरक्षक और पोषक है। चमन राम आज भी रेडियो को समाचार और मनोरंजन का सबसे अच्छा साधन मानते हैं।

झुमरीतिलैया में आज भी है चमन राम जैसे रेडिया के कई दिवाने

उल्लेखनीय होगा कि 1070 से 1990 तक वह जमाना था, जबकि रेडिया के फरमाईशी गीतों के कार्यक्रम में शायद ही ऐसा कोई दिन होगा जब झुमरीतिलैया से गीतों की फरमाईशेें नहीं होती हों। यहां के निवासी स्व. रामेश्वर मोदी, गंगा प्रसाद मगधिया समेत अन्य लोगों ने सबसे ज्यादा फरमाईशें भेजकर कर शहर का नाम बॉलीवुड तक में मशहूर कर दिया था। उस दौर में यहां रेडिया श्रोता संघ हुआ करता था। आज भी चमन राम जैसे रेडिया के कई दिवाने यहां हैं।


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