एक्सीलेटर के तार से गला कसकर ठेकेदार ने मुखिया को मार डाला, ऐसे खुला राज
Ramgarh Mukhiya Murder Case रामगढ़ (Ramgarh) जिले के पतरातू प्रखंड (Patratu Block) के बीचा पंचायत के मुखिया 35 वर्षीय महेश बेदिया की हत्या (Mahesh Bedia Murder) से नए नए खुलासे होने लगे है। बाइक के एक्सीलेटर तार (Bike Accelerator Wire) के सहारे गला दबाकर की हत्या।
रामगढ़, जागरण संवाददाता। Ramgarh Mukhiya Murder Case : रामगढ़ (Ramgarh) जिले के पतरातू प्रखंड (Patratu Block) के बीचा पंचायत के मुखिया 35 वर्षीय महेश बेदिया की हत्या (Mahesh Bedia Murder) से नए नए खुलासे होने लगे है। बताया जा रहा है कि मुखिया जी शौचालय निर्माण (Toilet Construction) के विवाद में संवेदक ने तीन-चार लोगों के साथ मिलकर की थी। कल यानि सोमवार को महेश बेदिया (Mahesh Bedia) की शव बरामद हुई। जानकारी के अनुसार बाइक के एक्सीलेटर तार (Bike Accelerator Wire) के सहारे गला दबाकर उसकी हत्या कर शव को खदान के पानी (पोखरिया) में फेंक दिया गया था।
पुलिस ने दो हत्यारे को कर लिया गिरफ़्तार
रामगढ़ जिले के पतरातू प्रखंड के बीचा पंचायत के मुखिया 35 वर्षीय महेश बेदिया की हत्या शौचालय निर्माण के विवाद में संवेदक ने तीन-चार लोगों के साथ मिलकर की थी। बाइक के एक्सीलेटर तार के सहारे गला दबाकर उसकी हत्या कर शव को भुरकुंडा ओपी क्षेत्र में सीसीएल के बंद सौंदा खदान के पानी(पोखरिया) में फेंक दिया गया था। मामले में पुलिस ने दो हत्यारे को गिरफ़्तार कर लिया है।
मुखिया की हत्या करने की बात स्वीकार
जानकारी मिल रही है कि शौचालय निर्माण कार्य के संवेदक भदानीनगर महुआ टोला निवासी साहिल अंसारी सहित दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ के दौरान साहिल अंसारी ने शौचालय निर्माण विवाद में पैसे के लेन-देन को लेकर मुखिया की हत्या करने की बात स्वीकार ली है।
शाम तक पुलिस कर देगी पूरे मामले का पर्दाफाश
पुलिस ने उसके निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त बाइक के एक्सीलेटर तार सहित मुखिया के गायब बाइक व मोबाइल बरामद करने के लिए छापेमारी कर रही है। पतरातू एसडीपीओ डा वीरेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि मुखिया के हत्याकांड का लगभग पता चल गया है। दो लोगों की गिरफ़्तारी भी हो चुकी है। पूरे मामले का पर्दाफाश शाम तक पुलिस कर देगी।
बीचा पंचायत में 1500 शौचालय के पैसे को लेकर मुखिया व संवेदक के बीच था विवाद
स्वच्छ भारत मिशन के तहत खुले में शौच से मुक्ति (ओडीएफ) के लिए पतरातू प्रखंड के बीचा पंचायत में 1500 शौचालय पास हुआ था। लेकिन अधिकांश शौचालय अधूरे पड़े रहे। शौचालय के पैसे के विवाद को लेकर ही संवेदक व मुखिया में विवाद हुआ था। प्रत्येक शौचालय के लिए 12 हज़ार रुपये की राशि मुखिया व जलसहिया के संयुक्त खाते में पेजयल एवं स्व्च्छता विभाग की ओर से भेजी गई थी।
स्थानीय संवेदक व स्वयं सहायता समूह को कार्य करने का ठेका मुखिया ने दिया
नियमानुसार लाभुक को खुद से शौचालय बनाना है। इसके बाद मुखिया द्वारा निर्धारित राशि का भुगतान करना है। प्रखंड में शौचालय निर्माण को ले मुखिया द्वारा स्थानीय संवेदक व स्वयं सहायता समूह को कार्य करने का ठेका दिया गया था। इसके बाद मुखिया के खाते में आए पैसे को संवेदक को भुगतान किया जाता है।
पूर्व संवेदक व मुखिया के बीच भी हुआ था विवाद
बताया गया कि बीचा पंचायत में शौचालय निर्माण का कार्य मुखिया द्वारा भदानीनगर के लपंगा निवासी एक संवेदक को दी गयी थी। पूरा पैसा लेने के बाद भी संवेदक द्वारा कार्य पूरा नहीं किया गया था। संवेदक लगातार मुखिया से पैसे की मांग कर रहा था। शौचालय निर्माण कार्य पूरा नहीं होने की वजह से मुखिया संवेदक को पैसे का भुगतान करने से मना कर दिया था। इसको लेकर तीन दिन पूर्व संवेदक व मुखिया के बीच विवाद भी हुआ था।