Horse Trading in Politics: एडीजी अनुराग गुप्ता को विभागीय जांच में मिली क्लीन चिट
Horse Trading in Jharkhand Jharkhand News विभागीय कार्रवाई संचालन पदाधिकारी डीजी एमवी राव ने सेवानिवृत्ति से पूर्व सरकार को रिपोर्ट सौंपी है। एडीजी अनुराग गुप्ता के खिलाफ ठोस साक्ष्य नहीं मिले। अब डीजी की रिपोर्ट की समीक्षा के बाद राज्य सरकार अंतिम निर्णय लेगी।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में राज्यसभा चुनाव-2016 में हार्स ट्रेडिंग मामले में जगन्नाथपुर थाने में दर्ज प्राथमिकी के आरोपित एडीजी अनुराग गुप्ता पर चल रही विभागीय जांच पूरी हो गई है। विभागीय कार्रवाई संचालन पदाधिकारी डीजी एमवी राव ने सेवानिवृत्ति (30 सितंबर) से पूर्व राज्य सरकार को अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंप दी थी। इस रिपोर्ट में एडीजी अनुराग गुप्ता के विरुद्ध कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिलने के कारण उन्हें क्लीन चिट दे दी गई है। अब डीजी एमवी राव की रिपोर्ट की समीक्षा करने के बाद राज्य सरकार अंतिम निर्णय लेगी।
उधर, अदालत में इस मामले पर सुनवाई जारी है। एडीजी अनुराग गुप्ता पर राज्यसभा चुनाव 2016 में बड़कागांव की तत्कालीन कांग्रेस विधायक निर्मला देवी को पांच करोड़ रुपये का प्रलोभन देने तथा निर्मला देवी के पति पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को धमकी देकर भाजपा के पक्ष में वोट डालने के लिए दबाव बनाने का आरोप है। इस आरोप में राज्य सरकार ने 14 फरवरी 2020 को उन्हें निलंबित कर दिया था। तब वे सीआइडी के एडीजी थे।
मूल यंत्र प्रस्तुत नहीं करना भी बना क्लिन चिट का ग्राउंड
हार्स ट्रेडिंग मामले में पुलिस को बातचीत के रिकार्डिंग की असली सीडी और जिस उपकरण से बातचीत रिकार्ड की गई, वह डिवाइस उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण एडीजी अनुराग गुप्ता को क्लीन चिट दी गई है। विभागीय जांच रिपोर्ट में आरोप के समर्थन में ठोस व पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराए जाने की बात कही गई है। कांग्रेस की तत्कालीन विधायक निर्मला देवी को धमकाने संबंधित जिस रिकार्डिंग से संबंधित डिजिटल डिवाइस के होने की जानकारी दी गई थी, वह पांच साल के बाद भी न तो पुलिस को सौंपी गई, ना ही कोर्ट में प्रस्तुत किया गया।
29 मार्च 2018 को दर्ज हुई थी प्राथमिकी
एडीजी अनुराग गुप्ता पर भारत निर्वाचन आयोग के आदेश पर 29 मार्च 2018 को प्राथमिकी दर्ज हुई थी।