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Jharkhand High Court: झारखंड हाई कोर्ट भवन निर्माण में गड़बड़ी के मुख्य आरोपी पर कार्रवाई ही नहीं

Jharkhand High Court Ranchi Hindi News तीन सदस्यीय कमेटी ने तत्कालीन एसई ललित टिबड़ेवाल को प्राक्कलन की राशि बढ़ाने का मुख्य दोषी माना था। सेवानिवृत्त हो जाने के कारण कार्रवाई नहीं किए जाने की बात सामने आ रही है। कई सेवानिवृत्त अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sat, 25 Sep 2021 08:13 PM (IST)Updated: Sat, 25 Sep 2021 08:19 PM (IST)
Jharkhand High Court: झारखंड हाई कोर्ट भवन निर्माण में गड़बड़ी के मुख्य आरोपी पर कार्रवाई ही नहीं
Jharkhand High Court तीन सदस्यीय कमेटी ने ललित टिबड़ेवाल को प्राक्कलन की राशि बढ़ाने का मुख्य दोषी माना था।

रांची, राज्य ब्यूरो। हाई कोर्ट भवन के निर्माण में गड़बड़ी के आरोपी 14 अभियंताओं के खिलाफ कार्रवाई तो की गई, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम को अंजाम देने वाले मुख्य दोषी ललित टिबड़ेबाल का कहीं नाम ही नहीं है। मामले की जांच के लिए बनी तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में ललित को ही मुख्य रूप से दोषी माना था, लेकिन शुक्रवार को इससे संबंधित आदेश में कहीं भी ललित का नाम नहीं आया।

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बताया जा रहा है कि सेवानिवृत्त हो जाने के आधार पर ललित कार्यवाही से बच गए हैं, लेकिन पूरी रिपोर्ट में कई सेवानिवृत्त अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की अनुशंसा हुई है। तत्कालीन एसई (अधीक्षण अभियंता) ललित टिबड़ेवाल पर निर्माण एजेंसी से मिलीभगत कर नियम विरुद्ध प्राक्कलन राशि कई गुना बढ़ाने का आरोप है।

365 करोड़ से बढ़ाकर 697 करोड़ कर दी प्राक्कलन राशि

शुरुआती आकलन में 365 करोड़ की लागत से झारखंड हाई कोर्ट के नए भवन का निर्माण होना था। बाद में यह राशि 265 करोड़ रुपये निर्धारित की गई। भवन निर्माण के लिए रामकृपाल कंस्ट्रक्शन को 265 करोड़ में कार्य आवंटित किया गया, लेकिन बाद में प्राक्कलन को पुनरीक्षित किया गया। इस बार खर्च में कई नई चीजें जोड़कर प्राक्कलन की राशि को बढ़ाकर 697 करोड़ रुपये कर दिया गया।

रामकृपाल कंस्ट्रक्शन के साथ मिलीभगत कर घोटाला किए जाने की शिकायतों के बाद हुई जांच में भवन निर्माण विभाग के एक दर्जन से अधिक अभियंताओं खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की गई। मामले में आठ अभियंताओं को निलंबित किया गया है और दो अभियंताओं के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू की गई है। सेवानिवृत्त हो चुके एक अभियंता के खिलाफ पेंशन नियमावली के तहत कार्यवाही शुरू की गई है।

निलंबित किए गए अभियंता

राजीव कुमार (कार्यपालक अभियंता), दीपक कुमार महतो (सहायक अभियंता), राजू किसपोट्टा (प्रभारी सहायक अभियंता), कनीय अभियंता विजय कुमार बाखला, सुजय कुमार, सरकार सोरेन, मनीष पूरन व अशोक कुमार मंडल।

इनके खिलाफ चलेगी विभागीय कार्रवाई

रास बिहारी सिंह (निलंबित अभियंता प्रमुख) व राजीव कुमार सिंह (कार्यपालक अभियंता)।

रिटायर होने के बाद इनपर कार्रवाई की अनुशंसा

प्रदीप कुमार सिंह (सेवानिवृत्त कार्यपालक अभियंता)

इनसे मांगा स्पष्टीकरण

अरविंद कुमार सिंह (सेवानिवृत्त प्रभारी अभियंता प्रमुख), ज्योतिंद्रनाथ दास (सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता) व सुनील कुमार सुल्तानिया (सेवानिवृत्त कार्यपालक अभियंता)।

'ललित टिबड़ेबाल का नाम छूट गया था, लेकिन अब उनके खिलाफ पेंशन नियमावली के तहत कार्यवाही की जाएगी।' -सुनील कुमार, सचिव, भवन निर्माण विभाग।


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