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झारखंड के कैलकुलेटर ब्याज ने बनाए छह विश्व रिकार्ड, जानें इनकी उपलब्धि

Jharkhand Hindi News Ranchi Hindi News Calculator Boys ये बच्चे एक से लेकर 100 तक का पहाड़ा उल्टा-सीधा तथा स्क्वायर और क्यूब रूट फटाफट सुना देते हैं। इन दोनों बच्चों के पिता गगन माकन गणित के शिक्षक हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 05:56 PM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 10:08 PM (IST)
झारखंड के कैलकुलेटर ब्याज ने बनाए छह विश्व रिकार्ड, जानें इनकी उपलब्धि
Jharkhand Hindi News, Ranchi Hindi News, Calculator Boys इन दोनों बच्चों के पिता गगन माकन गणित के शिक्षक हैं।

रांची, जासं। रांची के रहने वाले सा वर्षीय जुड़वां भाई विराट माकन और विराज माकन झारखंड के कैलकुलेटर ब्याज के नाम से जाने जाते हैं। ये देश के पहले ऐसे दो बच्चे हैं, जिन्होंने उलटा पहाड़ा पढ़ने की अद्भुत पद्धति से इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम सबसे अनोखे कैटेगरी में दर्ज करवाया है। ये बच्चे एक से लेकर 100 तक का पहाड़ा उलटा-सीधा और स्क्वायर तथा क्यूब रूट फटाफट सुना सकते हैं। इन दोनों बच्चों ने मिलकर छह नए वर्ल्ड रिकार्ड बनाए हैं। इन दोनों बच्चों के पिता गगन माकन गणित के शिक्षक हैं।

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उन्होंने बताया कि बच्चों में ये अविश्वसनीय और सराहनीय मल्टीप्लिकेशन टेबल देसी ट्रेनिंग के बाद आई है। उन्होंने अगली सीढ़ी स्क्वायर और स्क्वायर रूट्स को आसानी से तय कर लिया है। सामान्‍य बच्‍चे यह सब छठी एवं सातवीं क्लास में पढ़ते हैं। मगर विराट और विराज ने इसे बहुत ही आसानी से यह कर दिखाया है। विराट माकन ने एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया है। इसमें 90 से 1 तक का पहाड़ा रिवर्स ऑर्डर में सिर्फ 10 मिनट 21 सेकेंड में सुनाया है।

वहीं विराज माकन ने 100 से 1 तक का पहाड़ा रिवर्स ऑर्डर में सिर्फ 10 मिनट 15 सेकेंड में सुनाया है। देश का चौथा सबसे बड़ा वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑर्गनाइजेशन ओएमजी बुक आफ रिकार्ड में भी बच्चों ने चार वर्ल्ड रिकार्ड बनाए हैं। इन बच्चों को रेयरेस्ट ऑफ रेयर अटेम्प्ट के खिताब से नवाजा गया है। विराट ने पहले रिकॉर्ड में 1 से 100 तक का सीधा पहाड़ा सिर्फ 9 मिनट 19 सेकेंड में सुना डाला।

दूसरे रिकॉर्ड में 1 से 100 तक का सीधा स्क्वायर 1 मिनट 7 सेकेंड में सुनाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड का खिताब अपने नाम किया है। बच्चों की मां शिल्पी माकन ने बताया कि बच्चों में सीखने की अद्भुत कला बचपन से थी। अब बच्चे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड से चार पायदान पीछे हैं। वे कड़ी मेहनत करके तैयारी कर रहे हैं। बच्‍चे जल्द ही इस रिकार्ड को भी प्राप्त कर लेंगे।


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