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Dhanbad Judge Murder Case: सीबीआइ की जांच रिपोर्ट से कोर्ट नाराज, कहा- दिनदहाड़े हत्या का परिणाम चाहिए

Jharkhand High Court Dhanbad Judge Murder Case अदालत ने कहा कि हमारे एक न्यायिक पदाधिकारी की दिनदहाड़े हत्या की गई है। सिर्फ रिपोर्ट से काम नहीं चलेगा अभी तक सीबीआइ सिर्फ दो लोगों से आगे नहीं बढ़ पाई है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 02:44 PM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 09:47 PM (IST)
Dhanbad Judge Murder Case: सीबीआइ की जांच रिपोर्ट से कोर्ट नाराज, कहा- दिनदहाड़े हत्या का परिणाम चाहिए
Jharkhand High Court, Dhanbad Judge Murder Case धनबाद जज हत्‍याकांड मामले में आज सुनवाई हुई।

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ में धनबाद के जज उत्तम आनंद हत्याकांड मामले में सुनवाई हुई। अदालत ने अब तक की जांच पर नाराजगी जताते हुए मौखिक रूप से कहा कि दिनदहाड़े एक न्यायिक पदाधिकारी की हत्या हुई है। हमें सिर्फ रिपोर्ट नहीं, बल्कि परिणाम चाहिए। इसके बाद अदालत ने 23 सितंबर को सीबीआइ के जोनल निदेशक को अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हर सप्ताह जांच की समीक्षा की जा रही है, लेकिन सीबीआइ की प्रगति रिपोर्ट में कुछ भी नया नहीं है।

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अदालत ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज देखकर पता चलता है कि दिनदहाड़े एक न्यायिक अधिकारी की हत्या की गई है। कोर्ट यह स्पष्ट कर रही है कि हमें रिजल्ट चाहिए, सिर्फ रिपोर्ट देने से काम नहीं चलेगा। सीबीआइ अभी भी सिर्फ दो लोगों से आगे नहीं बढ़ सकी है। आटो चालक ने धक्का मारकर जज की हत्या क्यों की, यह मिस्ट्री अभी तक हल क्यों नहीं हो सकी है। सीबीआइ की जांच में क्या निकलता है, इसकी जानकारी कोर्ट को होनी चाहिए। अदालत ने कहा कि यह पहला मामला है, जिसमें आटो को हत्या के लिए हथियार के रूप में प्रयोग किया गया है, ताकि जांच एजेंसियां उलझ जाएं।

जबकि सीसीटीवी फुटेज देखने से यह स्पष्ट होता है कि आटो वाले ने जानबूझकर जज को धक्का मारा है। लेकिन इस मामले में सीबीआइ अभी भी अंधेरे में तीर चला रही है। सीबीआइ ने अपनी ओर से काफी प्रयास किया है, ब्रेन मैपिंग और नारको टेस्ट सहित कई जांच कराए हैं, लेकिन षडयंत्र और हत्या के पीछे की वजह का पता नहीं चल पाया है और हर बार सीबीआइ अगली बार कुछ नया होने की बात कहती है, लेकिन अभी तक सीबीआइ इस मामले में दो आरोपितों से आगे नहीं बढ़ पाई है। जबकि झारखंड पुलिस ने घटना के 12 घंटे में ही दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था।

अदालत ने कहा कि उन्हें सीबीआइ जांच पर भरोसा है। उसके प्रोफेशनल तरीके के जांच पर किसी प्रकार का सवाल नहीं उठा रहे हैं। लेकिन अभी तक इस मामले में कोई अहम जानकारी नहीं मिल पाई है कि आखिर जज की हत्या के पीछे मोटिव क्या है और षड्यंत्र किसने किया है। अदालत ने सीबीआइ को सुझाव देते हुए कहा कि आरोपित ने घटनास्थल पर कुछ न कुछ सुराग छोड़ा होगा। सीबीआइ इस पर ध्यान देते हुए मामला सुलझाने की पुरजोर कोशिश करे।


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