बोकारो की 72 वर्षीय महिला को 20 साल पुराने घुटने के दर्द से मिली निजात, रांची में डाक्टरों ने किया सफल आपरेशन
Jharkhand Hindi News Relief from Knee Pain Bokaro News बताया गया कि पैर की हड्डियां टेढ़ी हो रही थी। वह उठ-बैठ भी नहीं पा रही थीं। डॉक्टर ने कहा कि पहले घुटने की समस्या काफी उम्र होने के बाद होती थी। अब कम उम्र में ही होने लगी है।
रांची, जासं। झारखंड के बोकारो की रहने वाली 72 वर्षीय अंजू श्रीवास्तव अब अपने वर्षों पुराने घुटनों के दर्द से निजात पा चुकी है। करीब 20 वर्षों से अंजू अपने घुटने के दर्द को लेकर परेशान थी। इसके कारण वह चलने फिरने में असमर्थ हो गई थी। यहां तक की, सही से उठ-बैठ भी नहीं पा रही थी। उनका पैर भी उड़ने लगा था। ऐेसे में पारस अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने उनके घुटने का सफल ऑपरेशन किया। ऑपरेशन ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. राहुल सिन्हा के नेतृत्व में किया गया।
सर्जरी के बारे में बात करते हुए डॉ. राहुल सिन्हा ने बताया कि मरीज आस्टियो आर्थराइटिस से पीड़ित थीं। उनकी पैर की हड्डियां टेढ़ी हो रही थी। वह उठ-बैठ भी नहीं पा रही थीं। जबकि उन्होंने समस्या से निजात पाने के लिए अपने लाइफ स्टाइल बदल लिए। खानपान में परिवर्तन किया। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। दवाओं, इंजेक्शन, फिजिओथेरपिस्ट से भी कोई लाभ नहीं हुआ। अंततः घुटना प्रत्यारोपण ही एक विकल्प बचा था। ऐसे में हमलोगों ने उनका घुटना प्रत्यारोपण किया, जो 100 प्रतिशत सफल रहा।
डॉ. राहुल ने बताया कि महिलाओं में ऑस्टियो आर्थराइटिस की समस्या ज्यादा होती है। वह जरूरत के हिसाब से कैल्सियम नहीं ले पाती हैं। आस्टियो आर्थराइटिस का मुख्य लक्षण जोड़ों में दर्द और कठोरता है। ऐसी स्थिति में प्रभावित जोड़ की वजह से व्यक्ति चलने-फिरने या कोई कार्य करने में असमर्थ हो जाता है, या करने में दिक्कत होती है।
पूर्व में कोई बीमारी होने के बावजूद हो सकता है प्रत्यारोपण
डॉ. राहुल ने बताया कि यदि कोई मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हाइपरटेंशन, थायरॉयड आदि से पीड़ित है, तो उसका भी घुटना प्रत्यारोपण हो सकता है। उन्होंने बताया कि पहले घुटने की समस्या काफी उम्र होने के बाद होती थी। लेकिन अब अपेक्षाकृत कम उम्र में ही यह समस्या होने लगी है। कई बार घुटने की समस्या वंशानुगत भी होती है। यदि कोई घुटने की परेशानी से लाचार है और डॉक्टर ने प्रत्यारोपण की सलाह दी है, तो इसमें देर नहीं करनी चाहिए।