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Jharkhand Politics: झारखंड के विधानसभा अध्यक्ष पर विवादित फैसले को वापस लेने का दबाव बना रही कांग्रेस

Room allotted for namaz कांग्रेस की यह चिंता इसलिए भी स्वाभाविक है कि बिहार और उत्तर प्रदेश में तो भाजपा ने बीते तीन-चार दिनों में ही झारखंड के इस प्रकरण को राजनीतिक बहस के केंद्र में ला दिया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 08 Sep 2021 10:09 PM (IST)Updated: Wed, 08 Sep 2021 10:09 PM (IST)
Jharkhand Politics:  झारखंड के विधानसभा अध्यक्ष पर विवादित फैसले  को वापस लेने का दबाव बना रही कांग्रेस
झारखंड विधानसभा में नमाज के लिए कक्ष आवंटित

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। Jharkhand Politics: झारखंड विधानसभा में नमाज के लिए कक्ष आवंटित किए जाने पर लगातार बढ़ रहा सियासी विवाद सूबे में झामुमो की सहयोगी कांग्रेस को अब असहज कर रहा है। पार्टी भले ही खुलकर इस बारे में बोलने से परहेज कर रही है, मगर उसका मानना है कि विवाद को तूल देने के बजाय मामले को ठंडे बस्ते में डालने के लिए झारखंड विधानसभा अध्यक्ष को पहल करते हुए विवादित आदेश को वापस ले लेना चाहिए। कांग्रेस की चिंता इस बात को लेकर है कि भाजपा झारखंड के इस विवाद को जिस तरह गर्मा रही है, उससे साफ है कि वह उत्तर प्रदेश समेत अगले साल होने वाले पांच राज्यों के चुनाव में इसका सियासी धुव्रीकरण के लिए इस्तेमाल करेगी।

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विधानसभा में नमाज कक्ष को लेकर बढ़ा विवाद

पार्टी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस की यह चिंता इसलिए भी स्वाभाविक है कि बिहार और उत्तर प्रदेश में तो भाजपा ने बीते तीन-चार दिनों में ही झारखंड के इस प्रकरण को राजनीतिक बहस के केंद्र में ला दिया है और मौजूदा दौर में चुनावी हवा का रुख मुद्दों के बजाय नैरेटिव पर ज्यादा निर्भर हो गया है। ऐसे में विधानसभा में नमाज कक्ष की व्यवस्था का अध्यक्ष का आदेश स्वाभाविक रूप से भाजपा की सियासत को भा रहा है और उसने हनुमान चालीसा और भजन पाठ का जवाबी दांव भी चल दिया है।

भाजपा के दांव से बढ़ी कांग्रेस की चिंता

सूबे के कांग्रेस नेताओं ने अनौपचारिक चर्चा में कहा कि झामुमो नेतृत्व को यह संदेश दिया गया है कि विधानसभा अध्यक्ष के फैसले से बढ़े विवाद को खत्म करने के लिए उनका हस्तक्षेप जरूरी है ताकि इस मुद्दे को ध्रुवीकरण के लिए इस्तेमाल करने के भाजपा के दांव पर ब्रेक लगाया जा सके।

प्रदेश के नेता इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर दबाव बनाने के लिए कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के हस्तक्षेप के पक्ष में भी हैं। विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो झामुमो के वरिष्ठ नेता हैं और सोरेन के निकट भी माने जाते हैं और इसीलिए प्रदेश कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि सोरेन के जरिये अध्यक्ष को विवाद खत्म करने के लिए समझाया जाना जरूरी है।


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