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21वीं सदी तकनीक की है, इसकी समझ से ही विकास संभव

रांची चेक रिपब्लिक के ब्रूनो विश्वविद्यालय से आए प्रोफेसर डॉ. मार्टिन ने अपनी बात कही।

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 May 2019 05:25 AM (IST)Updated: Mon, 13 May 2019 06:28 AM (IST)
21वीं सदी तकनीक की है, इसकी समझ से ही विकास संभव
21वीं सदी तकनीक की है, इसकी समझ से ही विकास संभव

जागरण संवाददाता, रांची : चेक रिपब्लिक के ब्रूनो विश्वविद्यालय से आए प्रोफेसर डॉ. मार्टिन ने कहा कि 21वीं सदी तकनीक का है। तकनीकी समझ व विशेषज्ञता के बदौलत ही किसी भी देश का विकास संभव है। विश्व का हर देश नई तकनीक के दौर में शामिल है। वे रविवार को बीएसएनएल के सभागार में चल रहे दो दिवसीय इंटरनेशनल कांफ्रेंस के समापन के मौके पर बोल रहे थे। इसका विषय माइक्रो इलेक्ट्रोनिक्स, कंप्यूटिंग एंड कम्यूनिकेशन सिस्टम था। डॉ. मार्टिन ने कहा कि विदेशों में शोधपत्र को जांच कर सेलेक्ट या रिजेक्ट किया जाता है। आइइटीई के सेमिनार में खास बात यह दिखा कि यहां शोधार्थियों को इस तरह तैयार किया जाता है कि वे समझ जाते हैं कि ओरिजन काम को कैसे टॉप क्लास के रिसर्च पेपर के तौर पर विकसित किया जा सकता है। आयोजन आइइटीई, बीएसएनएल व वीएलएसआइ सोसाइटी के संयुक्त तत्वाधान में हुआ। समापन समारोह में सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट एवं मोमेंटो प्रदान किया गया। कार्यक्रम का संचालन आयोजक सचिव डॉ. आनंद ठाकुर ने किया। मौके पर बीएसएनएल के सीजीएम केके ठाकुर, आइइटीइ के मेंटर डॉ. एपी ठाकरे, डॉ. विजयनाथ, अजय कुमार, डॉ. जेक मंडल सहित अन्य थे। 110 शोधपत्र प्रस्तुत किए गए

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दूसरे दिन तीन तकनीकी सत्र हुए। सेमिनार में 110 शोधपत्र प्रस्तुत किए गए। इसमें मुख्य रुप से मोबाइल टेक्नोलॉजी, माइक्रोचिप डिजाइन, इन्वायरामेंटल टेक्नोलॉजी, ट्रांसमिशन टेक्नोलॉजी, बायो इंजीनियरिग टेक्नोलॉजी थे। 25 लेक्चर ऑनलाइन हुआ। तकनीकी सत्र की अध्यक्षता डॉ. अनिल कुमार, डॉ. अरुण कुमार, डॉ. बी चक्रवर्ती, डॉ. नूतन लता, डॉ. अर्पण ने किया। चयन होने पर मिलेगा प्रोजेक्ट फेलोशिप

स मिनार में विद्यार्थियों ने साइंटिफिक मॉडल प्रस्तुत किए थे। इसमें प्रथम वीआइटी वेल्लोर का शिवम गंभीर, द्वितीय बीआइटी मेसरा के विदुषी गोयल व संजय कुमार तथा तीसरे स्थान पर बीआइटी मेसरा के अनन्या सिन्हा का मॉडल रहा। चयनित तीनों मॉडलों को आइइटीई नई दिल्ली में बुलाया जाएगा। यदि इसमें किसी का राष्ट्रीय स्तर पर चयन होता है तो उन्हें प्रोजेक्ट फेलोशिप दिया जाएगा।


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