Move to Jagran APP

रेमडेसिविर कालाबाजारीः हाई कोर्ट ने जांच पर उठाए सवाल, कहा- अधिकारी को बचाने का हो रहा प्रयास

Jharkhand Hindi News Black Marketing of Medicine सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी ने अदालत को बताया कि इस मामले की जांच के दौरान ग्रामीण एसपी के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला लेकिन उन्हें सरकारी गवाह बनाया गया है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 08 Jul 2021 04:04 PM (IST)Updated: Thu, 08 Jul 2021 04:07 PM (IST)
रेमडेसिविर कालाबाजारीः हाई कोर्ट ने जांच पर उठाए सवाल, कहा- अधिकारी को बचाने का हो रहा प्रयास
Jharkhand High Court मामले में आज हाई कोर्ट में सुनवाई हुई।

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट चीफ जस्टिस डाॅ. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में रेमडेसिविर कालाबाजारी की जांच के मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार के इस बयान पर नाराजगी जताई कि इस मामले ग्रामीण एसपी को सरकारी गवाह नहीं, बल्कि गवाह बनाया गया है। अदालत ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि पुलिस अधिकारी को बचाने के लिए सारी तैयारी की गई है। इस दौरान अदालत ने इस मामले में जांच अधिकारी से पूछा कि किसी अधिकारी को इस मामले में सरकारी गवाह बनाया गया है।

loksabha election banner

पहले तो उन्होंने किसी अधिकारी को सरकारी गवाह बनाने से इन्कार किया, लेकिन बाद में उन्होंने इस मामले में रांची ग्रामीण एसपी को सरकारी गवाह बनाए जाने की बात कही। अदालत ने कहा कि यह तो जांच सिस्टम पर सवालिया निशान है। सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी ने अदालत को बताया कि इस मामले की जांच के दौरान ग्रामीण एसपी के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला लेकिन उन्हें सरकारी गवाह बनाया गया है।

इस पर अदालत ने पूछा कि ग्रामीण एसपी को किस आधार पर सरकारी गवाह बनाया गया है। क्योंकि जब उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला तो उन्हें मात्र गवाह बनाया जा सकता है। क्योंकि सरकारी गवाह उसी को बनाया जाता है, जो उस मामले में शामिल हो और वो जांच में मदद कर सके। अदालत ने कहा कि ऐसा क्यों नहीं माना जाए कि उनको बचाने की सारी कवायद की जा रही है, क्योंकि वे पुलिस विभाग से हैं।

महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि उन्होंने एसआइटी हेड अनिल पालटा से इस संबंध में बातचीत की है। इस मामले में ग्रामीण एसपी को सरकारी गवाह नहीं, बल्कि मात्र गवाह बनाया गया है। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और कहा कि इस मामले में जांच की पोल खुल रही है। एसआइटी हेड को कुछ और पता और जांच अधिकारी को कुछ और ही पता है।

इसके बाद अदालत ने अगली सुनवाई को भी एसआइटी के हेड अनिल पालटा व जांच अधिकारी को अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया। इस मामले में अगली सुनवाी 15 जुलाई को होगी। हालांकि गुरुवार को ही एसआइटी हेड को कोर्ट में हाजिर होना था, लेकिन उन्होंने निजी काम से राज्य से बाहर का हवाला देते हुए हाजिरी से छूट मांगी थी जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.