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Positive News on COVID: कंटेंनमेंट जोन में ड्यूटी की, बवाल झेला पर कोरोना छू भी नहीं पाया

Positive News on COVID संयम व समझदारी से डीएसपी अजित कुमार विमल ने कोरोना की दोनों लहरों में खुद को व पूरे परिवार को सुरक्षित रखा। गत वर्ष हिंदपीढ़ी के सर्वाधिक कोरोना संक्रमित क्षेत्र में तीन महीने तक की ड्यूटी थी। आज पाकुड़ एसडीपीओ की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 10 May 2021 07:23 PM (IST)Updated: Mon, 10 May 2021 07:28 PM (IST)
Positive News on COVID: कंटेंनमेंट जोन में ड्यूटी की, बवाल झेला पर कोरोना छू भी नहीं पाया
Positive News on COVID, Jharkhand News डीएसपी अजित कुमार विमल आज पाकुड़ एसडीपीओ की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

रांची, राज्य ब्यूरो। Positive News on COVID, Jharkhand News झारखंड में डेढ़ साल के भीतर कोरोना वायरस की दो लहरें आ गईं, लेकिन खतरनाक जोन में ड्यूटी के बावजूद डीएसपी अजित कुमार विमल ने संयम व समझदारी नहीं छोड़ी। उनकी मजबूत व सकारात्मक इरादाें के चलते कोरोना उन्हें व उनके परिवार को छू भी नहीं पाया। रांची के हिंदपीढ़ी जैसे कंटेंनमेंट जोन में तीन महीने तक ड्यूटी की, भारी बवाल झेला, पत्थर भी खाया, लेकिन सकारात्मक ऊर्जा के साथ ऐसी परिस्थितियों का दिलेरी से सामना भी किया।

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आज एसडीपीओ अजित कुमार विमल पूरी शिद्दत के साथ एसडीपीओ पाकुड की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। गत वर्ष वे रांची डीएसपी कोतवाली थे। तब कोरोना का राज्य में सबसे पहला केस रांची के हिंदपीढ़ी में ही आया था। हिंदपीढ़ी में 30 मार्च 2020 को मलेशिया की एक महिला कोरोना वायरस से संक्रमित मिली थी। इसके बाद तो हिंदपीढ़ी इलाके में कोरोना संक्रमितों की बाढ़ सी आ गई और देखते ही देखते पूरी हिंदपीढ़ी कंटेंनमेंट जोन घोषित हो गई।

उस क्षेत्र के डीएसपी अजित कुमार विमल पर कंटेंमेंट जाेन के प्रोटोकॉल का पालन कराने की जिम्मेदारी आ गई। 30 मार्च 2020 से 20 जून 2020 तक हिंदपीढ़ी में कोरोना वायरस का प्रकोप चरम पर था। वहां विधि-व्यवस्था का संकट होने पर सीआरपीएफ के पदाधिकारी व जवानों को भी उतारा गया था। उस क्षेत्र में ड्यूटी करने वाले लगभग सभी पदाधिकारी-कर्मी कोरोना वायरस की चपेट में आ गए, लेकिन जो फ्रंट पर हर आफत को झेलता रहा, उसकी दिनचर्या व सावधानी की बदौलत कोरोना उसे छू भी नहीं पाया। इस वर्ष भी वही रूटीन अपनाकर अब तक सुरक्षित हैं और अपने पूरे परिवार के साथ इन दिनों पाकुड़ में जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं।

कोरोना के खिलाफ क्या थी एसडीपीओ की रणनीति

कोरोना काल में एसडीपीओ अजित कुमार विमल ने खुद को परिवार से अलग कर लिया। अपना अलग कमरा, अलग बर्तन रख लिए, जिसे कोई नहीं छूता है और ऊपर से खाना देता है। कंटेंनमेंट जोन में ड्यूटी के दौरान खाकी की बजाय चितकबरा ड्रेस इसलिए पहनते, ताकि उसे आयरन नहीं भी किया जाय तो कोई दिक्कत नहीं। सुबह में काढ़ा, नहाने में गर्म पानी, पीने में गर्म पानी, अपनी गाड़ी में सिर्फ चालक व दो बॉडीगार्ड ही बैठाते थे। गाड़ी की सीट से तौलिया हटा दिया। सैनिटाइजर से गाड़ी को सैनिटाइज कराते रहे। मास्क कभी नहीं छोड़ा। ड्यूटी से घर जाने पर भी परिवार से नहीं मिलते। इकलौता बेटा राघव उर्फ रघु बार-बार पिता से लिपटने की कोशिश करता, लेकिन उसे रोक लिया जाता था, ताकि कोरोना वायरस का संक्रमण न होने पाए।

दूसरों के लिए संदेश

सकारात्मक सोंचें, कोरोना वायरस की दोनों वैक्सीन लें, काढ़ा का सेवन करें, गर्म पानी पीएं, फ्रीज की वस्तुओं से परहेज करें। बहुत जरूरत पड़ने पर ही बाहर निकलें, लेकिन मास्क पहनकर। भीड़भाड़ से बचें और उचित दूरी संबंधित कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें। हाथों को सैनिटाइज करते रहें। जब भी बाहर से आएं, पहले खुद को सैनिटाइज करें, स्नान करें, कपड़े साफ रखें।


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