एसडीआरएफ में तैनात झारखंड पुलिस के जवानों काे एनडीआरएफ में मिलेगा प्रशिक्षण
Jharkhand Police Personnel will get NDRF Training लॉकडाउन के कारण प्रशिक्षण बंद पड़ा है। 66 पदाधिकारी-जवान प्रतिनियुक्त हो चुके हैं। सभी 132 पदों पर प्रतिनियुक्ति के मद में होने वाले व्यय आपदा प्रबंधन प्रभाग के स्थापना मद से होंगे।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Police Personnel will get NDRF Training राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की तर्ज पर राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) को झारखंड में सक्रिय किया जा रहा है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार (एसडीएमए) ने इसकी कवायद तेज कर दी है। राज्य सरकार ने बजट में भी एसडीआरएफ को मजबूत बनाने पर जोर दिया है। एसडीआरएफ के लिए स्वीकृत 132 पदों में से 66 के विरुद्ध पदाधिकारी-जवान एसडीएमए को मिल चुके हैं। सूचना है कि शीघ्र ही इनका एनडीआरएफ के अधीन प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा।
विपदा के वक्त एसडीआरएफ कारगर रेस्क्यू अभियान चला सके, उसके पास वह सारे उपकरण हों, जो एनडीआरएफ के पास होते हैं, इसपर सरकार का जोर है। बताते चलें कि प्रशिक्षण गत वर्ष ही शुरू होना था, लेकिन कोरोना महामारी के संक्रमण के कारण नहीं हो पाया। अब अनलॉक के साथ ही एसडीआरएफ में प्रतिनियुक्त बल का प्रशिक्षण शुरू होना है।
एसडीआरएफ में प्रतिनियुक्त बल में 66 पदाधिकारी-कर्मी जैप व वायरलेस से होंगे तथा 66 पदाधिकारी व अन्य कर्मी संविदा के आधार पर एक निर्धारित वेतनमान में बहाल किए जाएंगे। एसडीआरएफ के लिए प्रस्तावित 25 श्रेणी के 132 पदों पर प्रतिनियुक्ति की स्थिति में वेतन पर प्रतिवर्ष पांच करोड़, 41 हजार 29 हजार 492 रुपये खर्च होने का अनुमान है। सभी 132 पदों पर प्रतिनियुक्ति के मद में होने वाले व्यय आपदा प्रबंधन प्रभाग के स्थापना मद से होंगे।
झारखंड सशस्त्र बल व संचार एवं तकनीकी सेवाओं से हुई है बल की प्रतिनियुक्ति
एसडीआरएफ में झारखंड पुलिस के जिन जवानों-पदाधिकारियों को प्रतिनियुक्त किया गया है, वे झारखंड सशस्त्र बल व संचार एवं तकनीकी सेवाओं से आए हैं। इनमें जैप के पांच इंस्पेक्टर, तीन दारोगा, वायरलेस से तीन दारोगा व तीन सिपाही, परिवहन से 18 सिपाही तथा 34 सामान्य सिपाही शामिल किए गए हैं। ये पांच वर्षों के लिए एसडीआरएफ में प्रतिनियुक्त किए गए हैं। प्रतिनियुक्ति अवधि समापन के बाद उनके स्थान पर नए कर्मी-पदाधिकारी लिए जाएंगे और पांच साल के बाद ये विभाग को वापस हो जाएंगे। ये प्रशिक्षित रहेंगे तो इसका लाभ उन्हें उनके पैतृक विभाग में भी मिलेगा। अब एसडीआरएफ में शामिल जवान-पदाधिकारी युवा होंगे।