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Women's Day: हौसले व मजबूत इरादों से मंजू ने छू लिया आसमां, बनीं सफल उद्यमी

International Womens Day Koderma Jharkhand News कोडरमा के झुमरी तिलैया की रहने वाली मंजू ने पति की मौत के बाद चार बच्चों की अच्छे से परवरिश की। पति की असमय मौत ने उन्हें बुरी तरह तोड़ दिया था। लेकिन बच्‍चों की जिम्‍मेदारी के एहसास ने उन्‍हें लड़ने की ताकत दी।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 07 Mar 2021 12:13 PM (IST)Updated: Sun, 07 Mar 2021 12:17 PM (IST)
Women's Day: हौसले व मजबूत इरादों से मंजू ने छू लिया आसमां, बनीं सफल उद्यमी
International Women's Day, Koderma Jharkhand News झुमरी तिलैया की रहने वाली मंजू कंधवे।

झुमरीतिलैया (कोडरमा), [अरविंद चौधरी]। International Women's Day, Koderma Jharkhand News मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है..., पंख से कुछ नहीं होता, हौसले से उड़ान होती है...। यह उक्ति झुमरीतिलैया की रहने वाली मंजू कंधवे पर सटीक बैठती है। पति की मौत के बाद उन्होंने न केवल चार बच्चों का भरण-पोषण किया, बल्कि उन्हें उच्च शिक्षा दिलाकर काबिल बनाया। वह सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती रहती हैं। मंजू कंधवे छह माह की गर्भवती थीं, जब 1989 में एक सड़क हादसे में उनके पति विजय कंधवे की मौत हो गई।

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उस समय तीन अन्य बेटियों की भी जिम्मेदारी उन पर आ गई थी। पति की असमय मौत ने उन्हें बुरी तरह तोड़ दिया था। कुछ समय तक सदमे में रहने के बाद बच्चों की जिम्मेदारी के एहसास ने उन्हें लड़ने की ताकत दी। स्वजन की मदद 1992 में उन्होंने जोशी मार्केट में ब्यूटी पार्लर खोला। शुरुआत में काफी मशक्कत करनी पड़ी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। घर में बच्चों को पालने की जिम्मेदारी के साथ व्यवसाय को बखूबी संभाला। वह अब तक 500 लड़कियों को ब्यूटिशियन का ट्रेनिंग दे चुकी हैं। उनसे ट्रेनिंग लेकर ये युवतियां शहर में ही कई स्थानों पर ब्यूटी पार्लर चला रही हैं।

बच्चों का बेहतर करियर बनाया

व्यवसाय चलाने के दौरान भी उन्होंने बच्चों की पढ़ाई का पूरा ध्यान रखा। दो बेटियों को इंजीनियर बनाया और तीसरी बेटी ने मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। तीनों बेटियां बड़ी कंपनियों में नौकरी कर रही हैं। वहीं बेटा उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद व्यवसाय संभाल रहा है।

व्यवसाय को भी बढ़ाया

लंबे समय तक ब्यूटी पार्लर चलाने के बाद मंजू ने व्यवसाय को भी बढ़ाया। फिलहाल वह झुमरी तिलैया जैन गली में तीनमंजिला इमारत में ब्यूटी पार्लर, सौंदर्य प्रसाधन की दुकान और कपड़े की दुकान चला रही हैं। सौंदर्य प्रसाधन की दुकान उनकी बहू संभालती हैं और कपड़े की दुकान उनका बेटा संभालता है। बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंधक संतोष सिन्हा ने बताया कि मंजू सफल उद्यमी हैं। उन्होंने व्यवसाय बढ़ाने के लिए बैंक से लोन लिया और समय पर किस्त भी दे रही हैं।

सामाजिक कार्यों में भी रहती हैं आगे

मंजू सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं। वह इनर व्हील की कोषाध्यक्ष है। कोरोना काल में इनर व्हील ने जरूरतमंद लोगों की काफी मदद की। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को भोजन वितरण किया, मास्क और सैनिटाइजर बांटे। इन सभी कामों में मंजू ने पूरे उत्साह से हिस्सा लिया।

हौसला मजबूत हो तो सारे मुकाम हासिल हो जाते हैं

मंजू कहती हैं, पति की मौत के बाद उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि अब क्या करें। उस समय वह गर्भवती थीं और खुद को असहाय महसूस कर रही थीं। पहले तो उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि अब कैसे जिम्मेदारियों को निभाएं। हालांकि उन्हें अब नई जिम्मेदारियों का एहसास था। उन्हें चुनौतियों से हार मानना स्वीकार नहीं था। सबसे पहले उन्होंने अपना हौसला मजबूत किया और संघर्ष करने की ठानी। इसके बाद सफर आसान होता चला गया। वह कहती हैं, हौसला मजबूत हो तो सारे मुकाम हासिल हो जाते हैं।


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