Hemant Soren: ये हैं हेमंत सोरेन सरकार के 5 मास्टर स्ट्रोक... आप भी जानिए Jharkhand Budget
Hemant Soren Jharkhand News Jharkhand Budget 2021 in Hindi झारखंड विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश होने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार ने दीर्घकालिक सोच के साथ कार्ययोजना तैयार की है। उनकी सरकार ने इस बार आउटकम बजट पेश किया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। Hemant Soren, Jharkhand News, Jharkhand Budget 2021 in Hindi झारखंड विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश होने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार ने दीर्घकालिक सोच के साथ कार्ययोजना तैयार की है। बजट पेश होने के बाद मीडिया से मुखातिब मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने इस बार सिर्फ बजट पेश नहीं किया, बल्कि परिणाम के लिए आउटकम बजट पेश किया है। चरणबद्ध तरीके से विकास के सभी कार्यों को आगे बढ़ाने वाला यह बजट है। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार कुछ वृद्धि के साथ बजट पेश किया गया है।
बजट में कई क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है, जो आने वाले समय में राज्य पर सकारात्मक प्रभाव डालेगी। ग्रामीण क्षेत्रों के लोग आर्थिक रूप से सुदृढ़ कैसे होंगे, इसपर बजट में जोर दिया गया है। कहा कि अब राज्य नई कार्यपद्धति के साथ आगे बढ़ेगा। विपक्ष के हंगामे के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अब उनके पास कुछ बचा नहीं है। विपक्ष ने राज्य को दलदल में धकेला था, हमारी सरकार ने राज्य को दलदल से बाहर निकाला है। वर्तमान वर्ष में रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। प्रत्येक वर्ष एक निश्चित लक्ष्य की दिशा में सरकार काम करेगी। राज्य सरकार एक-एक कर सभी चीजों को मजबूती से धरातल पर उतारने जा रही है।
सभी जरूरतमंदों को देंगे पेंशन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि उन्होंने जरूरतमंदों की समस्याओं को लेकर प्रधानमंत्री से भी बात की है। उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा है कि क्या देश इस स्थिति में नहीं है कि देश के गरीब, जरूरतमंदों, वृद्धों, विधवा महिलाओं, दिव्यांगों को पेंशन दे सके। यह केंद्र सरकार के विवेक पर निर्भर है। केंद्र मदद करे या न करे, लेकिन राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि सभी जरूरतमंदों को राज्य सरकार पेंशन देगी।
ये हैं हेमंत साेरेन सरकार के 5 मास्टर स्ट्रोक
गुरुजी किचन में भोजन
राज्य सरकार पूर्व में चल रही मुख्यमंत्री दालभाल योजना से इतर एक और योजना की शुरूआत करेगी। इसे गुरुजी किचन का नाम दिया गया है। यह योजना वर्ष 2021-22 में आरंभ की जाएगी। यह नए भोजन केंद्र होंगे, जहां पांच रुपये में भरपेट भोजन मिल सकेगा। योजना का लाभ सभी लोग उठा सकते हैं। भोजन में विविधता, गुणवत्ता और स्वच्छता का खास ख्याल रखा जाएगा। स्वस्थ समाज की परिकल्पना के तहत उचित पोषण और पर्याप्त खाद्य आपूर्ति इस योजना का लक्ष्य है।
राज्य सरकार यूनिवर्सल पेंशन योजना शुरू करेगी। इसके तहत सभी जरूरतमंद वृद्ध, विधवा, दिव्यांग एवं अनाथ आच्छादित होंगे। पहले पेंशन योजना के सीमित लक्ष्य होने के कारण कई जरूरतमंदों को इसका लाभ नहीं मिलता था। अब सभी जरूरतमंदों को पेंशन मिलेगा। 60 साल से अधिक उम्र के गरीबों का पेंशन कार्ड बनाया जाएगा। बुजुर्गों की समस्याओं जैसे चिकित्सा, सुरक्षा , संरक्षण, विधिक आवश्यकता से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए हेल्पलाइन की स्थापना की जाएगी। मानसिक रोगियों के पुनर्वास के लिए रांची, जमशेदपुर तथा धनबाद में 30-30 क्षमता वाले तीन हॉफ वे होम संचालित किए जाएंगे।
राज्य सरकार शहरों को हरा-भरा बनाना चाहती है। इसके लिए शहरी वानिकी योजना शुरू की जाएगी। इसके तहत शहरी क्षेत्रों में उपलब्ध भूमि एवं सड़क किनारे वृक्षारोपण किया जाएगा। वहीं, पार्कों के विकास एवं रख-रखाव पर जोर दिया जाएगा। वहीं, सरकार शहरी क्षेत्रों में उद्यानिकी फसलों की खेती को भी बढ़ावा देगी। घरों के आसपास खाली पड़ी जमीन में पांच हजार गृह वाटिका विकसित की जाएगी। इससे लोगों को कम लागत पर ताजी सब्जी और फल उपलब्ध हो पाएंगे तथा भोजन में पौष्टिकता आएगी।
राज्य बजट में पशुपालकों के साथ-साथ पशुओं की भी चिंता की गई है। राज्य सरकार गो मुक्ति धाम की स्थापना करेगी। इसके तहत प्रत्येक प्रमंडल में एक-एक गो मुक्ति धाम स्थापित किए जाएंगे। ताकि मृत्यु के बाद गायों के शरीर का पवित्र तरीके से निष्पादन किया जाएगा। इसके अलावा गायों के वितरण की योजना के बाद अब राज्य सरकार जोड़ा बैल वितरण योजना लेकर आई है। इसके तहत गोपालकों द्वारा प्राप्त नर बाछाओं को बैल के रूप में तैयार किया जाएगा और इन बैलों को सुदूरवर्ती क्षेत्रों में कार्यरत किसानों को वितरित किया जाएगा। राज्य सरकार का मानना है कि इससे किसान को खेती में सहयोग मिलेगा और वे कम लागत में खेती कर सकेंगे। उत्पादन लागत कम होगी और मुनाफ अधिक।
ट्राइबल और ओपेन यूनिवर्सिटी खुलेगा
राज्य सरकार झारखंड ट्राइबल विश्वविद्यालय और झारखंड खुला विश्वविद्यालय की स्थापना करेगी। इसका लक्ष्य सुदूर ग्रामीण इलाकों तक उच्चतर शिक्षा की पहुंच बनाना है। महिला महाविद्यालयों में आवश्यकता आधारित 300 बेड वाले छात्रावास का निर्माण कराया जाएगा। अधिक से अधिक छात्रों को रोजगार और प्रशिक्षण के अवसर के लिए केंद्रीय प्लेसमेंट के गठन का भी प्रस्ताव है। सभी संबद्ध और अंगीभूत महाविद्यालयों को नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रिडिएशन कौंसिल से प्रमाणीकृत कराया जाएगा।