VIDEO: सिंदरी के विधायक ने झारखंड विधानसभा में मारी सीटी, मचा बवाल...
Jharkhand Assembly Jharkhand Budget 2021 झारखंड विधानसभा में बुधवार को भाजपा विधायकों के जोरदार हंगामे के बीच वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश किया गया। इस दौरान सिंदरी धनबाद के भाजपा विधायक इंद्रजीत महतो ने विधानसभा में सीटी बजाई।
रांची, जेएनएन। Jharkhand Assembly, Jharkhand Budget 2021 झारखंड विधानसभा में बुधवार को भाजपा विधायकों के जोरदार हंगामे के बीच वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश किया गया। इस दौरान सिंदरी, धनबाद के भाजपा विधायक इंद्रजीत महतो ने विधानसभा में सीटी बजाई। जिसके बाद पूरे सदन में बवाल मच गया। झारखंड विधानसभा में जब बजट पेश हो रहा था, ठीक उसी समय भाजपा विधायक के सीटी बजाने से माहौल कुछ देर के लिए गरम हो गया। सदन में सीटी बजाने पर स्पीकर रवींद्र नाथ महतो बेहद नाराज हो गए। उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए विधायक इंद्रजीत महतो को सदन से बाहर निकालने का आदेश दिया।
बता दें कि बुधवार को झारखंड विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए कुल 91270 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया। वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने सदन में बजट भाषण पढ़ा। इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत झारखंड कैबिनेट के सभी मंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, राजद समेत दूसरे दलों के विधायक सदन में मौजूद रहे।
इससे पहले बजट सत्र में सदन में आज की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी विधायक राज-काज के विभिन्न मसलों पर भगवा टीशर्ट पहनकर अपना विरोध जता रहे थे। मुख्य द्वार से लेकर सदन के भीतर तक भगवा टीशर्ट छाया रहा। इस पर कई सदस्यों ने टोका-टोकी भी की। स्पीकर ने भी इसे नियम के खिलाफ बताया। बजट भाषण शुरू होने के पहले भाजपा विधायकों के जोरदार हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी विधायक वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। इस बीच सिंदरी, धनबाद के भाजपा विधायक इंद्रजीत महतो ने सीटी बजा दी। इस पर स्पीकर ने उन्हें तुरंत सदन से बाहर निकालने का फरमान सुनाया।
दोपहर 12 बजे के बाद सदन के पटल पर जैसे ही वित्त मंत्री ने बजट 2021 भाषण आरंभ किया, एक बार फिर भाजपा विधायक विरोध में वेल में पहुंच गए। इस क्रम में सत्ता पक्ष की ओर से खूब टोकाटोकी चलती रही। शोरगुल और हो-हंगामे के बीच वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव अपना बजट भाषण पढ़ते रहे। बजट भाषण पूरा होते ही स्पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
नौकरी छिनवा सरकार हाय हाय
पथल बेचवा सरकार हाय हाय
बालू बेचवा सरकार हाय हाय
कोयला बेचवा सरकार हाय हाय
आदिवासी विरोधी सरकार हाय हाय
मूलवासी विरोधी सरकार हाय हाय .....@BJP4India @BJP4Jharkhand @BJYM @blsanthosh @dasraghubar @yourBabulal pic.twitter.com/hM6MajwnLa— Bhanu Pratap Shahi (@ShahiPratap) March 3, 2021
महिला सदस्यों के सामने भाजपा विधायकों का सीटी बजाना निंदनीय : झामुमो
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने हेमंत सरकार के बजट को रोजी, रोटी, कपड़ा और मकान देने वाला बताया है। पार्टी महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि सरकार ने गुरुजी किचन, साड़ी, धोती और लुंगी योजना लाकर अपनी प्राथमिकता को स्पष्ट किया है। सदन में भाजपा नेताओं के व्यवहार की कड़ी निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि जिस सदन में महिला सदस्या हों, वहां पर सीटी बजाना संसदीय मर्यादा को तार-तार करने वाला है।
भाजपा नेताओं ने अपने व्यवहार से इस दिन को काला दिवस बना दिया। हेमंत सरकार ने कोरोना काल में माइनस में गई जीडीपी को 9.50 फीसदी रखने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा वाले जीडीपी ग्रोथ का मतलब गैस डीजल और पेट्रोल का बढ़ना या फिर गुजरात डेवलपमेंट प्लान समझते हैं। यह वह नहीं है, बल्कि सकल घरेलू उत्पाद को जीडीपी कहा जाता है।
कोल इंडिया का बकाया मिले तो केंद्र से पैसे की जरूरत नहीं
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि सिर्फ कोल इंडिया पर राज्य सरकार के 45 हजार करोड़ रुपये बकाया हैं। अगर केंद्र सरकार बकाया पैसे सरकार को दे दे, तो राज्य सरकार बिना केंद्र की मदद के ही अपने दम पर विकास कर सकता है। केंद्र सरकार को पैसा देने में राजनीति उद्देश्यों से काम नहीं करना चाहिए।
भाजपा विधायकों के लिए बनाएंगे मोतियाबिंद निवारण केंद्र
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि बजट के दौरान जिस तरह के भाजपा नेताओं ने व्यवहार किया है। उससे पता चलता हैं कि उनकी आंखों से सत्ता का पर्दा नहीं हटा है। इसलिए विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा नेताओं के लिए मोतियाबिंद निवारण केंद्र बनाया जाएगा, ताकि उनकी आंखें खुल सकें। उन्होंने विशेष कैंप के आयोजन के लिए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से आग्रह किया है। नियोजन नीति के सवाल पर उन्होंने भाजपा सरकार को ही घेरते हुए और कहा कि स्थानीय भाषा में हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत शामिल कर बाहरी लोगों को यहां लाने की मंशा थी।