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झारखंड के पलामू में पुलिस मुठभेड़ में एक नक्‍सली मारा गया, राइफल व देसी कट्टा बरामद

Palamu Jharkhand Police Encounter News घटना आज शाम 4 बजे की बताई जा रही है। घटनास्थल पलामू जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर है। यह इलाका अति नक्सल प्रभावित व लातेहार जिले के बरवाडीह थाना का सीमावर्ती है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 24 Feb 2021 05:10 PM (IST)Updated: Wed, 24 Feb 2021 08:35 PM (IST)
झारखंड के पलामू में पुलिस मुठभेड़ में एक नक्‍सली मारा गया, राइफल व देसी कट्टा बरामद
इलाका अति नक्‍सल प्रभावित है। फाइल फोटो

पलामू, जासं। पलामू जिला अंतर्गत रामगढ़ थाना  के चोरहट में जेजेएमपी उग्रवादियों व पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई है। इसमें एक नक्सली के मारे जाने की सूचना है। घटना आज शाम 4:00 बजे की है। घटनास्थल जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर है। यह इलाका अति नक्सल प्रभावित व लातेहार जिले के बरवाडीह थाना का सीमावर्ती है।

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पलामू जिला के नक्सल प्रभावित रामगढ़ थाना के चोरहट गांव के निकट बुधवार की शाम मुठभेड़ में नक्सली संगठन जेजेएमपी के स्वयंभू एरिया कमांडर महेश भूईयां को मार गिराया गया है। पुलिस ने उसके पास से एक रेगुलर रायफल व एक देसी कट्टा व छह जिंदा कारतुूस व तीन मोगाइल बरामद किया गया। जानकारी के अनुसार पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार को चोरहट नदी के किनारे 10 से 12 नक्सलियों के जमा होने की सूचना मिली थी। इसी सूचना के आलोक में सहायक पुलिस अधीक्षक के. विजय शंकर के नेतृत्व में पूरे क्षेत्र की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया।

जैसे ही पुलिस टीम के मौके पर पहुंचते ही नक्सलियों ने फायर करना शुरू कर दिया। पुलिस के जवाबी कार्रवाई में नक्सली जंगलों का लाभ उठाकर भागने में सफल रहे। तलाशी के दौरान एक बरामद किया गया, जिसकी शिनाख्त एरिया कमांडर महेश उर्फ महेश भूईयां के रूप में की गई । इसके विरुद्ध पलामू व लातेहार जिले के विभिन्न थानों में कई मामले दर्ज हैं। पुलिस द्वारा अभी भी पूरे क्षेत्र में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया है।

क्षेत्र में आतंक का पर्याय बन गया था महेश

रामगढ़ के चोरहट के निकट बुधवार को पुलिस मुठभेड़ में मारे गए जेजेएमपी का कमांडर महेश रामगढ़ व लातेहार जिले के बरवाडीह में आतंक का पर्याय बन गया था। कई अत्याधुनिक हथियारों से लैस इसके दस्ते में 15 से 20 के करीब नक्सली शामिल है। इसके द्वारा लेवी के लिए पत्थर खदान, स्टोन क्रसर, ईंट भटठा संचालको व संवेदकों को डराया धमकाया जाता था। जानकारी के अनुसार पूर्व में इसे मनिका से लगे क्षेत्र की जिम्मेवारी दी गई थी। बताया जाता है कि महेश के स्थान पर सुंदर को इस क्षेत्र का कमांडर बनाया गया था। लेकिन सुंदर के विरुद्ध शिकायतों को लेकर दुबारा महेश भूईयां को इस क्षेत्र में भेज दिया था।


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