Jharkhand: 65 हजार पारा शिक्षकों को मिली खुशखबरी, BRP-CRP की भी झोली भरी; पढ़ें सरकार के फैसले
Jharkhand News Para Teachers नए साल की शुरुआत से ही नौकरी-चाकरी पर ताबड़तोड़ फैसले ले रहे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 65 पारा शिक्षकों बीआरपी-सीआरपी और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के शिक्षकों के लिए सरकार की तिजोरी खोल दी है।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News, Para Teachers राज्य में समग्र शिक्षा अभियान के तहत कार्यरत 65 हजार पारा शिक्षकों के अलावा बीआरपी, सीआरपी तथा कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के शिक्षकों व कर्मियों का पांच लाख रुपये तक का बीमा होगा। उन्हें आयुष्मान भारत योजना का भी लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में गठित कल्याण कोष सोसाइटी की पहली आमसभा की बैठक में इसपर आगे कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया। बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था स्थापित करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। अनुबंध शिक्षाकर्मियों की समस्याओं के समाधान के लिए भी हमारी सरकार गंभीर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कल्याण कोष नीति के तहत पारा शिक्षकों, केजीवीवी, बीआरपी-सीआरपी कर्मियों के कार्यकाल के दौरान सामान्य मृत्यु होने पर उनके आश्रित को पांच लाख रुपये की सहायता राशि देने के लिए उनका बीमा कराया जाएगा। उन्होंने बीमा हेतु निविदा प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। ग्रुप इंश्योरेंस एक्सीडेंटल बीमा योजना के तहत भी पांच लाख तक का लाभ अधिकतम 80 रुपए प्रति व्यक्ति वार्षिक प्रीमियम राशि पर दिए जाने पर लागू होगा।
आज झारखण्ड शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा आयोजित "समग्र शिक्षा के अधीन कार्यरत संविदाधारी कर्मी वेलफेयर सोसाईटी" की आमसभा की पहली बैठक में सार्थक चर्चा हुई। लोगों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिले इसके लिए सरकार कार्य कर रही है। pic.twitter.com/vbzEauCXeD— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) February 22, 2021
बैठक में शिक्षा सचिव राहुल शर्मा ने जानकारी दी कि इस नीति के तहत दुर्घटना में मृत्यु होने तथा स्थायी रूप से दिव्यांगता पर पांच लाख रुपए राशि की बीमा तथा अस्थायी दिव्यांगता की स्थिति में दो लाख 50 हजार तक की राशि का कवरेज दिए जाने का प्रविधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए भी निविदा प्रकाशित कर दर निर्धारण के पश्चात राशि उपलब्धता के आधार पर निर्णय लिए जाने का निर्देश दिया।
पारा शिक्षकों व कर्मियों को बेटे-बेटियों की उच्च शिक्षा तथा बेटी की पढ़ाई के लिए ऋण देने की भी जानकारी दी गई। बैठक में उपस्थित मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने पहले आवेदन करने वाले को भी प्राथमिकता दिए जाने का निर्देश दिए। वहीं, मुख्यमंत्री ने आवेदनों का निष्पादन तीव्र गति से करने हेतु ऑनलाइन पोर्टल का निर्माण कर उस के माध्यम से आवेदन प्राप्त करते हुए मामले के निष्पादन को 15 दिनों के अंदर पूर्ण करने का प्रविधान करने काे कहा।
बैठक में विकास आयुक्त केके खंडेलवाल, शिक्षा सचिव राहुल शर्मा, वित्त सचिव हिमानी पांडेय, राज्य परियोजना निदेशक शैलेश कुमार चौरसिया, एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बिनोद बिहारी महतो, संजय कुमार दुबे, हृषिकेश पाठक, बीआरपी-सीआरपी महासंघ के पंकज शुक्ला, अमर खत्री आदि भी शामिल हुए।
मुख्यमंत्री असाध्य रोग बीमा योजना का भी मिलेगा लाभ
पारा शिक्षकों, बीआरपी-सीआरपी तथा कस्तूरबा स्कूलों के शिक्षकों एवं कर्मियों के परिवारों को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का भी लाभ मिलेगा। इसके तहत परिवार के सभी सदस्यों को चयनित अस्पतालों में पांच लाख रुपये तक निश्शुल्क इलाज हो सकेगा। हालांकि इसके लिए उन्हें प्रतिवर्ष 900 रुपये प्रीमियम देना होगा। पारा शिक्षकाें एवं अन्य कर्मियों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री असाध्य रोग सहायता योजना का भी लाभ दिया जाएगा। इसके तहत लीवर, किडनी, कैंसर आदि बीमारी की स्थिति में उनके परिवारों को पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज राज्य व राज्य से बाहर के सूचीबद्ध अस्पतालों में हो सकेगा।
- पांच वर्ष की सेवा पर : अधिकतम 25 हजार (24 माह में समान किस्त में होगी वसूली)
- पांच वर्ष से अधिक तथा 10 वर्ष तक की सेवा पर : 50 हजार (48 माह में समान किस्त में होगी वसूली)
- 10 वर्ष से अधिक तथा 15 वर्ष तक की सेवा पर : 75 हजार (60 माह में समान किस्त में होगी वसूली)
- 15 वर्ष से अधिक सेवा पर : एक लाख (60 माह में समान किस्त में होगी वसूली)
नोट : सरकार द्वारा बैंक में जमा दस करोड़ रुपये के ब्याज से मिली राशि से अधिकतम 80 फीसद राशि ही ऋण के रूप में दी जाएगी।
सेवानिवृत्त लाभ में यह है प्रविधान
सेवािनवृत्ति लाभ के रूप में पारा शिक्षकों व अन्य को बीमा पर खर्च राशि को हटाकर उनके अंशदान के रूप में जमा कुल राशि ब्याज सहित दी जाएगी।
बैठक में पारा शिक्षकों ने मृत्यु व सेवानिवृति की स्थिति में न्यूनतम पांच लाख एवं इसमें प्रतिवर्ष 10 फीसद की वृद्धि की मांग की। साथ ही बेटे एवं बेटियों की उच्च शिक्षा तथा बेटी की शादी के लिए न्यूनतम तीन लाख रुपये ब्याज रहित ऋण, ईपीएफ से जोड़ने तथा सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन की मांग रखी। वहीं, बीआरपी-सीआरपी संघ ने कल्याण कोष में राज्य सरकार की ओर से 10 करोड़ की बजाए 100 करोड़ रुपये एकमुश्त फंड देने की मांग की।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य सरकार को पारा शिक्षकों की चिंता
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य सरकार को पारा शिक्षकों की चिंता है। उनकी सभी समस्याएं दूर की जाएंगी। उन्हें सेवानिवृत्ति लाभ, चिकित्सा सुविधा, ब्याज रहित लोन आदि सभी सुविधाओं पर शीघ्र निर्णय लिया जाएगा। मुख्यमंत्री सोमवार को प्रोजेक्ट भवन में पारा शिक्षकों, बीआरपी-सीआरपी तथा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों के शिक्षकों व कर्मियों के कल्याण कोष को लेकर आमसभा की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इसे पहले, आमसभा की इस पहली बैठक में झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा तैयार प्रस्ताव रखा गया। इसपर पारा शिक्षकों तथा बीआरपी-सीआरपी ने कुछ संशोधन करने की मांग उठाई।
पारा शिक्षकों के स्थायीकरण व वेतनमान को लेकर भी शीघ्र होगी बैठक
मुख्यमंत्री ने सारी बातें नोट करने के बाद इनकी मांगों पर विचार करने के लिए प्रस्ताव में शामिल करने के निर्देश देते हुए शीघ्र ही अगली बैठक बुलाकर निर्णय लेने की बात कही। मुख्यमंत्री ने पारा शिक्षकों के स्थायीकरण तथा वेतनमान पर निर्णय लेने के लिए भी शीघ्र बैठक बुलाने का आश्वासन दिया। बैठक में पारा शिक्षकों ने मृत्यु व सेवानिवृति की स्थिति में न्यूनतम पांच लाख एवं इसमें प्रतिवर्ष 10 फीसद की वृद्धि की मांग की।
पारा शिक्षकों, बीआरपी-सीआरपी की सभी मांगों पर अगली बैठक में होगा विचार
कल्याण कोष को लेकर पहली बैठक में पारा शिक्षकों को सेवानिवृत्ति लाभ, ब्याज रहित लोन, चिकित्सा सुविधा पर चर्चा हुई। सीएम ने कहा, पारा शिक्षकों, बीआरपी-सीआरपी की सभी मांगों पर अगली बैठक में विचार करेंगे। इस बैठक में पारा शिक्षकाें के बेटे एवं बेटियों की उच्च शिक्षा तथा बेटी की शादी के लिए न्यूनतम तीन लाख रुपये ब्याज रहित ऋण, ईपीएफ से जोड़ने तथा सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन की मांग रखी। बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त केके खंडेलवाल, शिक्षा सचिव राहुल शर्मा, वित्त सचिव हिमानी पांडेय, राज्य परियोजना निदेशक शैलेश कुमार चौरसिया, एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बिनोद बिहारी महतो, संजय कुमार दुबे, हृषिकेश पाठक, बीआरपी-सीआरपी महासंघ के पंकज शुक्ला, अमर खत्री आदि शामिल हुए।
मुत्यु पर पांच लाख के लिए जीवन बीमा का प्रस्ताव
झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने पारा शिक्षकों एवं अन्य की सेवाकाल के दौरान मृत्यु होने पर आश्रितों को पांच लाख रुपये की सहायता राशि देने के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम से एक लाख रुपये का बीमा तथा दुर्घटना बीमा के लिए ग्रुप इंश्योरेंस का प्रस्ताव रखा था। बीआरपी-सीआरपी ने इसका विरोध करते हुए कल्याण कोष से राशि देने की मांग रखी। प्रस्ताव में पूर्ण दिव्यांगता पर तीन लाख व आंशिक दिव्यांगता पर दो लाख रुपये की सहायता राशि देने की बात कही गई थी। इसे पांच लाख रुपये करने की मांग उठी।