राष्ट्रीय पशु आरोग्य मेले में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय को मिला पहला पुरस्कार
National Animal Health Fair Bihar बिहार के पिपराकोठी में दो दिवसीय राष्ट्रीय पशु आरोग्य मेले का आयोजन किया गया। मेले में बिहार के सभी जिलों तथा पूर्वी राज्यों के कृषि विज्ञान केन्द्रों के साथ झारखंड से केवीके गढ़वा एवं सिमडेगा ने पशु तकनीकी आधारित प्रदर्शनी लगाया।
रांची, जासंI National Animal Health Fair Bihar बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के अधीन झारखंड प्रदेश में संचालित दो कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) द्वारा राष्ट्रीय पशु आरोग्य मेले में प्रदर्शित प्रदर्शनी को प्रथम पुरस्कार मिला है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) एवं केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के संयुक्त तत्वावधान में बिहार के पिपराकोठी (मोतिहारी) में दो दिवसीय राष्ट्रीय पशु आरोग्य मेले का आयोजन किया गया। मेले में बिहार के सभी जिलों तथा पूर्वी राज्यों के कृषि विज्ञान केंद्रों के साथ झारखंड से केवीके, गढ़वा एवं सिमडेगा ने पशु तकनीकी आधारित प्रदर्शनी लगाई।
केवीके वैज्ञानिक (पशु चिकित्सा) डाॅ. पंकज सेठ ने जानकारी दी कि मेले में पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह तथा बिहार के पशुपालन एवं मत्स्य मंत्री मुकेश साहनी ने भी बीएयू के स्टाॅल का अवलोकन किया और केवीके वैज्ञानिकों से दोनों पशु नस्लों की जानकारी ली। दोनों मंत्रियो ने सूकर नस्ल झारसूक तथा मुर्गी नस्ल झारसीम को बिहार के किसानों के लिए बेहद उपयोगी बताया। उन्होंने स्थानीय किसानों की मांग पर दोनों नस्लों की उपलब्धता एवं आपूर्ति के बारे में जाना।
किसानों में दोनों नस्लों की जानकारी हासिल करने के लिए विशेष अभिरुचि देखी गई। डायरेक्टर एक्सटेंशन एजुकेशन डाॅ. जगरनाथ उरांव ने बताया कि मेले में बीएयू द्वारा विकसित सूकर नस्ल झारसूक तथा मुर्गी नस्ल झारसीम की तकनीकी को केवीके, गढ़वा एवं सिमडेगा के वैज्ञानिकों ने स्टाॅल के माध्यम से प्रदर्शित किया। बीएयू कुलपति डाॅ. ओएन सिंह ने विवि की प्रदर्शनकी को प्रथम पुरस्कार मिलने पर केवीके वैज्ञानिकों के प्रयासों की सराहना की और बधाई दी है। मेले में विवि से डाॅ. अशोक कुमार, डाॅ. शंकर कुमार सिंह, डाॅ. हिमांशु सिंह, डाॅ. पंकज सेठ एवं डाॅ. धर्मेंद्र रावल ने भाग लिया।