जमशेदपुर हाउसिंग बोर्ड के खेल मैदान में अतिक्रमण पर हाई कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
Encroachment in Playing Ground of Jamshedpur Housing Board झारखंड हाई कोर्ट ने अब तक की गई कार्रवाई के सारे दस्तावेज कोर्ट में पेश करने को कहा है। मैदान का अतिक्रमण कर खटाल खोल दिया गया है। खटाल खोलने से काफी परेशानी हो रही है।
रांची, राज्य ब्यूरो। Encroachment in Playing Ground of Jamshedpur Housing Board झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डाॅ. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ में जमशेदपुर में हाउसिंग बोर्ड के खेल के मैदान में अतिक्रमण किए जाने के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। इस दौरान हाउसिंग बोर्ड और राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। सुनवाई के दौरान अदालत ने हाउसिंग बोर्ड को मैदान से अतिक्रमण हटाने के लिए अब तक की गई कार्रवाई के सारे दस्तावेज कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया।
अदालत ने सरकार से पूछा है कि बोर्ड की कार्रवाई के बाद इसको लेकर सरकार की ओर से क्या-क्या कदम उठाए गए। इस संबंध में मिथिलेश झा की ओर से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि खेल मैदान में अतिक्रमण कर खटाल खोल दिया गया है। खटाल खोलने से काफी परेशानी हो रही है। इस पर बोर्ड की ओर से बताया गया कि अतिक्रमण करने वाले को जमीन खाली करने का नोटिस दिया गया है।
इस संबंध में सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। जिला प्रशासन से अतिक्रमण हटाने के लिए मजिस्ट्रेट और सुरक्षा बल उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया था, लेकिन अभी तक मजिस्ट्रेट और सुरक्षा बल उपलब्ध नहीं कराया गया है। इस कारण अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका है। इस पर कोर्ट ने बोर्ड को सभी दस्तावेज पेश करने का निर्देश देते हुए सरकार को भी जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।
25 फरवरी को सुनवाई
झारखंड हाई कोर्ट में गुरुवार को राज्य में भूख से हुई तथाकथित मौत के मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान झालसा की ओर से रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अदालत से समय की मांग की गई। इसे स्वीकार करते हुए अदालत ने इस मामले की सुनवाई 25 फरवरी को निर्धारित की है। बोकारो के एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत की खबर पर हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। इस मामले में अदालत ने झालसा से पूरी रिपोर्ट मांगी है। अदालत ने सरकार को जवाब दाखिल करने का भी निर्देश दिया है। पूर्व में सरकार की ओर से बताया गया है कि भूख से किसी की मौत नहीं हुई है। उनके घर में अनाज पाया गया था। बीमारी से मौत होने की बाद सामने आई है।