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नीति आयोग के सदस्‍य विनोद पाॅल बोले, कोरोना वैक्सीन सुरक्षित होने के गवाह हैं टीका लेनेवाले 66 लाख लोग

Coronavirus Vaccine is Safe वीके पॉल ने कहा कि टीकाकरण करानेवाले 97 फीसद कर्मी टीके से पूरी तरह संतुष्ट हैं। साइड इफैक्ट के बहुत कम और सामान्य मामले मिले हैं। किसी की मौत नहीं हुई है। शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी टीका लेने को लेकर उत्सुकता है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 10 Feb 2021 06:59 PM (IST)Updated: Wed, 10 Feb 2021 07:02 PM (IST)
नीति आयोग के सदस्‍य विनोद पाॅल बोले, कोरोना वैक्सीन सुरक्षित होने के गवाह हैं टीका लेनेवाले 66 लाख लोग
नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद पॉल।

रांची, राज्य ब्यूरो। Coronavirus Vaccine is Safe भारत सरकार के कोविड-19 टास्क फोर्स के अध्यक्ष सह नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद पॉल ने कहा है कि अबतक कोरोना का टीका लेनेवाले लगभग 66 लाख गवाह हैं कि भारत में दिया जा रहा कोरोना का टीका पूरी तरह सुरक्षित है। इसका प्रमाण यह भी है कि बहुत ही कम मामलों में साइड इफैक्ट के मामले आए हैं। वह भी हल्का बुखार, सिरदर्द, चक्कर जैसे सामान्य लक्षण के रूप में। अब तक किसी की मौत टीका से नहीं हुई है। डाॅ. पॉल बुधवार को प्रोजेक्ट संचार एवं हार्वर्ड टीएच चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ-इंडिया रिसर्च सेंटर द्वारा कैसे बढ़ाएं टीकाकरण पर भरोसा विषय पर आयोजित वेबिनार को संबोधित कर रहे थे।

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इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कोराना का टीका कोविशील्ड तथा कोवैक्सीन सुरक्षा तथा प्रतिरोधक क्षमता के सभी मापदंड पर खरा उतरने के बाद ही लोगों को दिया जा रहा है। पॉल ने कहा कि केंद्रीय सूचना तकनीक मंत्रालय द्वारा कराए गए सर्वे में यह बात सामने आई है कि कोरोना का टीका लेनेवाले 97 फीसद लोग इससे पूरी तरह संतुष्ट हैं और इसकी सराहना कर रहे हैं। गांवों में कोरोना को ही लोग सुरक्षित मानने को तैयार नहीं हैं तो टीके को कैसे मानेंगे।

इस सवाल के जवाब में केंद्र सरकार के राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह की उपसमिति के अध्यक्ष डाॅ. नरेंद्र कुमार अरोड़ा ने कहा कि टीका लगाने को लेकर गांवों में भी उतनी ही उत्सुकता है जितनी कि शहरों में। कई गांवों में तो शहर से भी अधिक लोग टीके को लेकर जागरूक हैं। यही वजह है कि 50 फीसद आशा (सहिया) का टीकाकरण हो चुका है। गरीबों को कोरोना का टीका कब लगेगा, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि टीकाकरण की प्राथमिकता जाति, धर्म, वर्ग आदि के आधार पर नहीं तय की गई है।

अभी बाजार में नहीं आएगा टीका

डाॅ. विनोद पॉल ने कहा कि प्राथमिकता के रूप में सबसे पहले हेल्थ केयर वर्कर्स तथा फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लगाया जा रहा है। इसके बाद 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का टीकाकरण होगा। इनका टीकाकरण इसलिए जरूरी है कि कोरोना से होनेवाली मौत में 78 फीसद की मौत इस आयु वर्ग के लोगों की हुई है। सरकार की प्राथमिकता में अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोग भी हैं। जब 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का टीकाकरण होगा तो इन बीमारियों से ग्रसित 70 फीसद लोगों को ऐसे ही टीकाकरण हो जाएगा।

उनके अनुसार, केंद्र सरकार प्राथमिकता वाले ऐसे 30 करोड़ लोगों का टीकाकरण कराएगी। बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध कराने की अभी कोई योजना नहीं है। किसी भी देश ने अभी तक बाजार में टीका नहीं उपलब्ध कराया है। उनके अनुसार, भारत सरकार हेल्थ केयर वर्कर्स तथा फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए टीके अपने खर्च पर राज्य सरकारों को दे रही है। अन्य के लिए दिए जानेवाले टीका पर केंद्र व राज्य की हिस्सेदारी पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है।

कोविड के अलावा अन्य बीमारियों के लिए भी तैयार हो रहे टीके

केंद्र सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव डाॅ. रेणु स्वरूप के अनुसार, भारत में कोविड-19 के अन्य पांच वैक्सीन ट्रायल के एडवांस स्टेज में हैं। इनमें तीन फेज-एक तथा फेज-2 स्टेज में हैं। बताया कि भारत में कोविड ही नहीं अन्य बीमारियों के भी टीके पर तेजी से काम हो रहा है। इसके लिए लेबोरेट्री का नेटवर्क तैयार किया जा रहा है।


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