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झारखंड: रांची में जिन तीन हत्याओं के बाद हटाए गए थे थानेदार, अब दोबारा वहीं बने

रांची का डोरंडा इलाका इन दिनों चर्चा में है। चर्चा में इसलिए है क्योंकि इस इलाके में थानेदार रमेश कुमार सिंह दोबारा पोस्टेड होकर थाना प्रभारी बने हैं। थाना प्रभारी के पिछले कार्यकाल में ही डोरंडा इलाके में बैक टू बैक हत्या की तीन घटनाएं हुई थी।

By Vikram GiriEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 11:36 AM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 11:36 AM (IST)
झारखंड: रांची में जिन तीन हत्याओं के बाद हटाए गए थे थानेदार, अब दोबारा वहीं बने
रांची में जिन तीन हत्याओं के बाद हटाए गए थे थानेदार। जागरण

रांची, जासं । रांची का डोरंडा इलाका इन दिनों चर्चा में है। चर्चा में इसलिए है, क्योंकि इस इलाके में थानेदार रमेश कुमार सिंह दोबारा पोस्टेड होकर थाना प्रभारी बने हैं। थाना प्रभारी के पिछले कार्यकाल में ही डोरंडा इलाके में बैक टू बैक हत्या की तीन घटनाएं हुई थी। इन घटनाओं के बाद तत्कालीन एसएसपी अनीश गुप्ता ने रमेश कुमार सिंह को थाना प्रभारी से हटाकर लाइन क्लोज कर दिया था। इसके बाद इस थाने में अनिल कर्ण थानेदार बने थे, इनके बाद शैलेश कुमार थानेदार बनाए गए।

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अब दोबारा थाना प्रभारी के पद पर रमेश कुमार सिंह को लाया गया है। दो साल बीत गए, चार थानेदार बदल गए, इनमें बेक दूसरी बार थानेदार हैं। फिर भी घटना से पर्दा उठता दिखाई नहीं दे रहा है। इन घटनाओं पर विशेष इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का गठन भी हुआ था। डीआईजी तक मौके पर गए थे। लेकिन हत्या का खुलासा अब तक नहीं हो पाया है। हत्या के इन मामलों का खुलासा कर पाने में पुलिस फेल है। अब देखना है, दोबारा थानेदार बनाये जाने के बाद रमेश कुमार सिंह घटना का उद्भेदन कर पाते हैं, या मामला ठंडे बस्ते में ही रहेगा।

डोरंडा इलाके की प्रमुख हत्या के मामले जिनमें पुलिस खुलासा कर पाने में फेल है

-09 दिसंबर 2018 को डोरंडा थाना क्षेत्र के बड़ा घाघरा में अपराधियों ने अमित टोपनो की गोली मारकर हत्या कर दी थी। सुबह के समय उसका शव मिला था। उसकी शिनाख्त खूंटी के तोरपा निवासी अमित टोपनों के रूप में हुई थी। अमित टोप्पो पूर्व में एक न्यूज पोर्टल में पत्रकार रह चुका था। हाल में वह ओला कैब चलाता था। अब तक मामले में हत्यारे पुलिस की गिरफ्त से दूर।

-29 दिसंबर 2018 को बड़ा घाघरा में जमीन कारोबारी अरुण किस्पोट्टा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनकी पत्नी ने पांच अपराधियों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस अभी तक एक भी अपराधी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है।

-8 जनवरी 2019 को डोरंडा थाना क्षेत्र के घाघरा में अज्ञात अपराधियों ने ग्रामसभा के सचिव शंकर सुरेश के दोस्त सामू को गोली मार कर हत्या दी। वहीं अपराधियों की गोलीबारी से शंकर सुरेश गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। एक भी अपराधी नहीं पकड़े गए हैं।

झपट्टा की बड़ी घटनाएं जिनमें अपराधियों को पकड़ने में फेल है पुलिस :

केस स्टडी 1

19 फरवरी 2020 को एकाउंटेंट जनरल (एजी) ऑफिसर डोरंडा परिसर स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से तीन लाख रुपये निकालकर निकले रिटायर्डकर्मी मो. तबरेज खालीद से दिनदहाड़े झपटमारी कर ली गई थी। अबतक अपराधियों का पता नहीं चल पाया है।

केस स्टडी 2

- 29 नवंबर 2019 को एकाउंटेंट जनरल (एजी) ऑफिस परिसर में घुसकर दो बाइक सवार अपराधियों ने दिनदहाड़े एक महिला कर्मी से डेढ़ लाख रुपये झपट लिए थे। अबतक अपराधियों का पता नहीं चल पाया है।

- 14 दिसंबर 2020 डोरंडा इलाके में बाइक सवार दो अपराधियों ने  एएसआई निरंजन कुमार से दो लाख रुपये से भरा बैग झपट लिया था। एएसआई डोरंडा के कुसाई कॉलोनी में रहते हैं। वे पलामू के चैनपुर थाना में पोस्टेड हैं। अबतक अपराधियों का कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है।


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