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Betla National Park: एक घंटे तक जंगली हाथियों से जंजीर में बंधे काल भैरव का खूनी संघर्ष, मार डाला

Betla National Park बेतला नेशनल पार्क में सैलानियों को घुमाने के लिए मैसूर से लाए गए पालतू हाथी काल भैरव को जंगली हाथियों ने मार डाला। उनके बीच एक घंटे तक संघर्ष होता रहा। इस बीच कालभैरव जंजीर तोड़कर भागने लगा लेकिन पेट में दांत घोंप उसकी जान ले ली।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 08:43 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 08:16 AM (IST)
Betla National Park: एक घंटे तक जंगली हाथियों से जंजीर में बंधे काल भैरव का खूनी संघर्ष, मार डाला
Betla National Park: बेतला नेशनल पार्क में काल भैरव नामक पालतू हाथी को जंगली हाथियों ने घेर कर मार डाला।

बेतला (लातेहार), जासं। Betla National Park, Betla Elephant Tragedy बेतला नेशनल पार्क में काल भैरव नामक पालतू हाथी को सोमवार की रात जंगली हाथियों ने घेर कर मार डाला। घटना बेतला नेशनल पार्क के मुख्य द्वार से लगभग आठ किमी की दूरी पर स्थित पलामू किला क्षेत्र में घटी। काल भैरव को सैलानियों को घुमाने के लिए रखा गया था। वन विभाग के पदाधिकारियों की मौजूदगी में डा. चंदन देव द्वारा मृत हाथी के शव का पोस्टमार्टम किया गया। इसके बाद शव को दफना दिया गया।

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हाल के दिनों में काल भैरव को शेड से निकालकर खुले मैदान में जंजीर में बांधकर रखा जा रहा था। सोमवार की रात काल भैरव को खाना खिलाने के बाद महावत और वन्यकर्मी अपने आवास में चले गए। रात दो नर हाथी वहां आ धमके और शांतचित्त काल भैरव पर हमला बोल दिया। जंजीर में बंधा काल भैरव चिंघाडऩे लगा और उन हाथियों का प्रतिकार किया, लेकिन दोनों नर हाथियों ने उस पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया।

काल भैरव के जंजीर में बंधे होने के कारण दोनों हमलावर हाथियों को फायदा हो रहा था। जोरदार संघर्ष की आवाज सुनकर महावत और वन्यकर्मी वहां पहुंचे। मशाल जलाकर और पटाखे का शोर कर हाथियों को भगाने की कोशिश की, लेकिन दोनों नर हाथियों के सिर पर खून सवार था। उन्होंने अपना हमला जारी रखा। इसी बीच काल भैरव ने जंजीर तोड़कर भागने की कोशिश की।

लेकिन नर हाथियों ने पहले ही उसे बहुत घायल कर दिया था। फिर हमलावरों ने काल भैरव के पेट में दांत घुसा दिए जिससे वह बेदम हो गया। गिर जाने के बाद हाथियों ने सूंढ से काल भैरव के शरीर के अन्य अंगों पर भी जानलेवा हमला किया। जब तक तड़प तड़प कर काल भैरव की मौत नहीं हो गई, दोनों नर हाथी वहीं खड़े रहे। इसके बाद वे जंगल की ओर भाग निकले।

सबका दुलारा था काल भैरव

वर्ष 2018 में नर हाथी काल भैरव को मैसूर से बेतला लाया गया था। उसे पलामू किला प्रक्षेत्र के निकट ही रखा जाता था। बेतला के रेंजर प्रेम प्रसाद ने घटना पर काफी दुख जताया है। वन कर्मियों ने बताया कि काल भैरव सबका दुलारा हाथी था। एक घंटे तक काल भैरव ने जंगली हाथियों से काफी संघर्ष किया। मगर दो हाथियों के सामने वह अकेला पड़ गया था। काल भैरव पूर्णत: व्यस्क और शक्तिशाली हाथी था। उसके दांत काफी शानदार थे, लेकिन वह बिल्कुल भी आक्रामक नहीं था।   

पलामू टाइगर रिजर्व के हाथियों का व्यवहार ऐसा नहीं है। वे हमलावर नहीं होते। आम तौर पर वही हाथी हमलावर होते हैैं जिन्हें प्रचुर मात्रा में खाना नहीं मिल रहा हो और वे बार-बार खदेड़े जा रहे हों। खोजबीन से पता चला है कि दोनों हमलावर नर हाथी सात हाथियों के उस झुंड के सदस्य हैं जो हाल में ही पोलपोल से रब्दा, बैगापानी होते हुए बेतला में दाखिल हुए हैं। ये बाहरी हाथियों का झुंड है। इसके बारे में और जानकारी जुटाई जा रही है। डॉ. डीएस श्रीवास्तव, सचिव नेचर कंजरवेशन सोसायटी, पलामू। 


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