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मकर संक्रांति पर तिरू फॉल में 24 साल से लग रहा ऐतिहासिक मेला, जमा होती है हजारों की भीड़

Makar Sankranti Fair at Tiru Fall कोयलांचल क्षेत्र और आसपास के सभी ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को तिरू फॉल अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। झाड़ी और पत्थर से टकराकर 200 फीट की ऊंचाई से तिरु फॉल का पानी नीचे गिरता है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 04:16 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 04:28 PM (IST)
मकर संक्रांति पर तिरू फॉल में 24 साल से लग रहा ऐतिहासिक मेला, जमा होती है हजारों की भीड़
पिपरवार में तिरु फॉल का मनोरम दृश्य। फाइल फोटो

पिपरवार (रांची), जासं। कोयलांचल क्षेत्र का तिरू फॉल अब किसी पहचान का मोहताज नहीं रहा है। राजधानी रांची से मात्र 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह फॉल स्वत: ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। 200 फीट की ऊंचाई से गिरते पानी को देखने के लिए लोग सैकड़ों मील दूर से यहां पहुंचते हैं। हालांकि सरकार की अनदेखी के कारण इस पर्यटक स्थल का अभी तक विकास नहीं हुआ है। कोयलांचल और आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को यह फॉल अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। झाड़ी और पत्थर से टकराते हुए तिरू फॉल का पानी 200 फीट की ऊंचाई से गिरता है।

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मकर संक्रांति के अवसर पर लगने वाले विशाल मेला में आने वाले अधिकांश लोग तिरू फॉल से गिरते पानी को अवश्य ही देखते हैं। चारों ओर घनघोर जंगल के बीच में स्थिति इस फॉल से गिरने वाली पानी की आवाज पर्यटकों को स्वत: ही अपनी ओर आकर्षित करती है। मेला के बहाने अधिकांश सैलानी तिरू फॉल के मनोरम दृश्य का आनंद उठाने के लिए घंटों नीचे खड़े रहते हैं। जंगली पहाड़नुमा पत्‍थरों से टकराते हुए करीब 200 फीट की ऊंचाई से गिरते पानी को देखना सभी को काफी अच्छा लगता है।

मेला के कारण तिरू फॉल का हो रहा है विकास

झरने के पानी के मनोरम दृश्य के साथ-साथ पिछले 24 साल से तिरू फॉल में मकर संक्रांति के अवसर पर 14 जनवरी को लगने वाले मेला से भी तिरू फॉल का विकास हो रहा है। मेला समिति के आग्रह पर सीसीएल पिपरवार प्रबंधन की ओर से तिरू फॉल तक जाने के लिए सीढ़ी बनाया गया है। झारखंड सरकार की ओर से दो कमरा बनवाया गया है। सभी लोगों के सहयोग से एक मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है। इसके निर्माण कार्य में तिरू फॉल मेला समिति के अलावा आसपास के ग्रामीणों के द्वारा पूरा सहयोग किया जा रहा है। इस मेला के कार्यक्रम को सफल बनाने में मेला समिति के सभी सदस्यों के द्वारा सराहनीय भूमिका निभाई जाती है। लोगों का कहना है यदि सरकार के द्वारा इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए तो सैलानियों के लिए एक बड़ा पर्यटन स्थल बन सकता है। यहां हजारों लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।

ऐतिहासिक तिरू फॉल में शीघ्र शुरू होगा अधूरे मंदिर का निर्माण

कोयलांचल के ऐतिहासिक तिरू फॉल में तिरू फॉल मंदिर निर्माण समिति के द्वारा एक बैठक रामेश्वर गोप की अध्यक्षता में की गई। इसका संचालन कालेश्वर महतो ने किया। इस बैठक में मुख्य रूप से तिरू फॉल परिसर में बनाए जा रहे मंदिर के बारे में विचार विमर्श किया गया। मंदिर समिति के लोगों ने बताया कि काफी समय से मंदिर निर्माण का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है। इसके पुनर्निर्माण के लिए कमेटी को पुनर्जीवित कर मंदिर निर्माण कार्य में तेजी लाई जाएगी और शीघ्र ही इस अधूरे पड़े मंदिर के निर्माण का कार्य पुनः प्रारंभ किया जाएगा।

रामेश्वर गोप ने बताया कि कुछ दिन पूर्व रांची उपायुक्त ने तिरू फॉल का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने बताया कि शीघ्र ही तिरू फॉल का विकास किया जाएगा। इसके लिए 85 लाख रुपये फंड का आवंटन भी कर दिया गया है। इसी फंड से ऐतिहासिक तिरू फॉल का विकास किया जाएगा। इस बैठक में मुख्य रूप से रामेश्वर गोप, अर्जुन महतो, नारायण गंझू, कालेश्वर महतो, रामदेव महतो, फुलेश्वर महतो, विजय कुमार महतो, रूपलाल महतो, नरेंद्र कुमार महतो, जगलाल महतो, विजय सिंह, प्रवेश सिंह सहित कई लोग उपस्थित थे।


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