झारखंड में 2100 मछुआ परिवारों को मिलेगा पक्का आवास
मत्स्य उत्पादन में झारखंड को आत्मनिर्भर बनाने वाले मछली पालकों को सरकार स्थायी आवास मुहैया कराएगी।
रांची, राज्य ब्यूरो। मत्स्य उत्पादन में झारखंड को आत्मनिर्भर बनाने वाले मछली पालकों को सरकार पक्का आवास देगी। वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2100 मछुआ परिवारों को पक्का आवास मुहैया कराया जाएगा। इस वित्तीय वर्ष भी वेद व्यास आवास योजना के अंतर्गत 2735 मछुआ परिवारों के लिए पक्के आवास का निर्माण कराया जा रहा है।
इस वर्ष वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक राज्य में 1.90 लाख एमटी मछली उत्पादन होने की संभावना है जो कि राज्य की मांग 1.40 लाख एमटी से लगभग 50 हजार एमटी ज्यादा है। चार वर्ष पूर्व बंगाल व आंध्र प्रदेश से मछली आयात करने वाला झारखंड अब निर्यात की स्थिति में आ गया है। राज्य सरकार ने घोषणा की है कि मछली पालकों को मत्स्य आहार क्रय करने पर 50 प्रतिशत का अनुदान वित्तीय वर्ष 2019-20 में भी जारी रखा जाएगा।
अगले वित्तीय वर्ष 80 हैचरियों का निर्माण भी कराया जाएगा ताकि प्रखंड स्तर पर मत्स्य स्पॉन उपलब्ध हो सके और मत्स्य बीज के लिए अन्य राज्यों पर झारखंड की निर्भरता कम हो सके। अगले वित्तीय वर्ष 18,200 मत्स्य कृषकों तथा सखी मंडल की महिला सदस्यों को मछली पालन का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। टाना भगत के परिवारों को चार गायें टाना भगत के परिवारों को शत प्रतिशत अनुदान पर प्रति परिवार चार गायें उपलब्ध कराने की योजना को 2019-20 में भी जारी रखा जाएगा। वर्तमान वित्तीय वर्ष में 641 टाना भगत परिवारों को चार गाय शत प्रतिशत अनुदान पर दी जा रही हैं।
सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रगतिशील डेयरी किसान एवं महिला स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को 50 गाय की कामधेनु डेयरी फार्मिग योजना को जारी रखा जाएगा राज्य के दुधारू पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान के द्वारा नस्ल सुधार कर उनकी उत्पादकता वृद्धि के लिए पंचायत स्तर पर कुल 3000 कृत्रिम गर्भाधान केंद्र की स्थापना 2019-20 में की जाएगी।
गौशाला के माध्यम से प्रगतिशील पशुपालकों द्वारा कैटल हास्टल की स्थापना का भी प्रावधान किया गया है। इसके अलावा ब्रायलर कुक्कुट पालन, सूकर पालन, बकरी पालन, योजनाओं के अंतर्गत मांस तथा अंडा के उत्पादन में वृद्धि करने तथा ग्रामीण पशुपालकों के लिए अतिरिक्त आय का स्रोत उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इन लाभुक जनित योजनाओं का कार्यान्वयन झारखंड स्टेट लाईवलीहुड प्रोमोशन सोसाइटी एवं प्रगतिशील किसानों के माध्यम से कराने का निर्णय लिया गया है।