Make Small Strong : वर्षो के अनुभव से कोरोना के बाद व्यापार को मुसीबतों से संभाला
Google Make Small Strong अनलाक में जब सैलून खोलने की इजाजत मिल गयी तो उन्होंने अपने व्यापार को मजबूती देने के लिए सैलून व्यापार में अपने छह वर्ष पूराने अनुभव और ग्राहकों का साथ लिया। खुशबू बताती है कि कोरोना काल ने उन्हें व्यापार को नए रूप में...
रांची (जासं) । कोराेना संक्रमण ने पूरी मानवता के समक्ष गंभीर चुनौती पेश की। कुछ लोगों ने इन चुनौतियों के आगे हार मानने की बजाए इसका डटकर मुकाबला किया। कोरोना ने उद्यियों को केवल चुनौतियां नहीं बल्कि व्यापार को बेहतर तरीके से रिफ्रेम करने का अवसर भी दिया। इस संक्रमण काल में सबसे ज्यादा बुरी तरह से प्रभावित होने वाले व्यापार में सैलून बिजनेस भी शामिल है। कांके की एक महिला उद्यमी ने राष्ट्रीय ब्रांड का बीयू का सैलून 10 मार्च को शुरू किया। मगर महीने के अंदर ही लाकडाउन ने उन्हें बड़े मुसिबतों से गुजरने को मजबूर कर दिया। मगर उस महिला उद्यमी खुशबू ने हार नहीं मानने का फैसला कर लिया।
उन्होंने चुनौतियों का डटकर मुकाबला किया। अनलाक में जब सैलून खोलने की इजाजत मिल गयी तो उन्होंने अपने व्यापार को मजबूती देने के लिए सैलून व्यापार में अपने छह वर्ष पूराने अनुभव और ग्राहकों का साथ लिया। खुशबू बताती है कि कोरोना काल ने उन्हें व्यापार को नए रूप में विकसीत करने का नजरिया दिया। साथ ही वित्तिय प्रबंधन में को बेहतर ढंग से मैनेज करने के कौशल को विकसीत करने में मदद की।
अनलाक में व्यापार में मिली कड़ी चुनौती
बीयू की संचालिका खुशबू बताती है कि अनलाक के बाद सैलून खोलते देनदारों की लाइन लग गई। उन्होंने बैंक से लोन लेकर अपने सैलून की स्थापना की थी। हालांकि बैंक से उन्हें ईएसआई पर छूट मिली पर उसी वक्त उत्पाद के वेंडर, दुकान का किराया और अन्य कई ऐसे खर्चे सामने मुंह खोलकर खड़े थे। वही उनके सैलून के सोशल मीडिया हैंडलर ने उनके साथ विश्वासघात किया। इसके लिए उन्हें पुलिस की भी मदद लेनी पड़ी। एक वक्त तो ऐसा लगा की काम बंद करना पड़ेगा। मगर उन्होंने निश्चय कर लिया कि अब चाहे जो हो अपने व्यापार को दूबारा खड़ा करेंगी। उन्हें शांत दिमाग और लगन से दिन रात एक करके अपना काम शुरू किया। इसका उन्हें आज सफल परिणाम मिल रहा है।
सुरक्षा के भाव से लोगों में जगाया विश्वास
खुशबू बताती है कि कोरोना के बाद सैलून बिजनेस एकदम स्थिल पड़ गया। लोगों में डर था कि वो सैलून जाने से कहीं संक्रमित न हो जाए। ऐसे में उन्होंने विभिन्न माध्यमों का इस्तेमाल करके लोगों तक ये संदेश दिया कि बीयू में कोरोना संक्रमण से बचने के सारे गाइडलाइन का पालन किया जाता है। सैलून में हर रोज सुबह 9.30 बजे माइक्रो सैनिटाइजेशन कराया जाता है। इसके साथ ही हर ग्राहक के सर्विस के बाद कुर्सी से लेकर टूल तक को सैनिटाइज किया जाता है।
सैलून में किसी भी ग्राहक के प्रवेश से पहले उसके शरीर का तापमान चेक किया जाता है। इसके साथ ही ज्यादातर डिस्पोजेबल आइटम का इस्तेमाल किया जाता है। लोगों को विभिन्न माध्यमों से जब इसकी जानकारी हुई तो कांके रोड के अलावा दूर-दूर से ग्राहक सर्विस के लिए आने लगे। उन्होंने बताया कि संक्रमण के बाद उनके पास आने वाले में ज्यादातर ग्राहक पुराने थे, जो उनके पहले के सैलून से उन्हें जानते थे।
क्वालिटी और सर्विस से मंदी नहीं किया समझौता
खुशबू बताती है कि उन्होंने कोरोना की मंदी के दौरान भी अपने क्वालिटी और सर्विस से समझौता नहीं किया। ग्राहकों के बजट के मुताबिक ब्रांडेड प्रोडक्ट की सर्विस दी। इसके साथ ही हमने अपने ग्राहकों के पाकेट का भी ध्यान रखा। इसके लिए उन्होंने कई मंहगें ट्रीटमेंट के दामों में कटौती किया। सैलून खूलने के बाद नो प्राफिट नो लास पर हम काम कर रही हैं। यही कारण है कि नवंबर में बीयू में ब्राइडल मेकअप के लिए सारे डेट फूल है। इसके अलावा भी कई सर्विस के लिए लोग प्री डेट ले रहें हैं।
मेहनत से जमीन से उठाया है व्यापार
खुशबू ने आईएसएस से बिजनेस मैनेजमेंट इन एचआर किया है। इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली में सीशोल आस्ट्रेलिया से मेकअप कोर्स किया है। वो 2018 में फेमिना मिस इंडिया के साथ भी जुड़ी हुई रही। उनके पास अलग-अलग के साथ विभिन्न जिमेदारियों को निभाने का छह वर्ष का अनुभव है। वर्तमान में सिंगल मदर होने के साथ ही पूरे व्यापार की जिम्मेदारी को अकेले देख रही हैं। खुसबू बताती है कि किसी भी व्यापार में काम मायने रखता है, व्यक्ति की कुर्सी या कंपनी उसे किसी हद तक ही मदद करती है। कोरोना के बाद अपने व्यापार को खड़ा करने के लिए वो अपने इमानदार कोशिश और लगन को की-टर्न मानती है।