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Tablighi Jamaat: तीन महीने सजा काटने के बाद तबलीगी जमात से जुड़े 17 विदेशी कोर्ट से रिहा, चार महिलाएं भी शामिल

Tablighi Jamaat News कोरोना संक्रमण फैलाने के मामले में आरोपित तबलीगी जमात के 17 विदेशियों समेत 18 लोगों को सिविल कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सिविल कोर्ट ने तबलीगी जमात के 17 विदेशियों सहित 18 लोगों को रिहा कर दिया है। अदालत ने तबलीगी जमात के लोगों को सरकारी...

By Vikram GiriEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 07:11 PM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 03:26 PM (IST)
Tablighi Jamaat: तीन महीने सजा काटने के बाद तबलीगी जमात से जुड़े 17 विदेशी कोर्ट से रिहा, चार महिलाएं भी शामिल
रांची सिविल कोर्ट ने Tablighi Jamaat से जुड़े 17 विदेशियों सहित 18 लोगों को किया रिहा

रांची(जासं)। Tablighi Jamaat News कोरोना संक्रमण फैलाने के मामले में आरोपित तबलीगी जमात के 17 विदेशियों समेत 18 लोगों को सिविल कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सिविल कोर्ट ने तबलीगी जमात के 17 विदेशियों सहित 18 लोगों को रिहा कर दिया है। अदालत ने तबलीगी जमात के लोगों को सरकारी आदेश ना मानने सहित छोटे-मोटे आरोपों में दोषी पाया है। इसलिए इस मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी फहीम किरवानी की अदालत ने तब्लीगी जमात के 17 लोगों में प्रत्येक को 2200- 2200 रुपये जुर्माना जमा कर रिहा करने का आदेश देते हुए केस को खत्म कर दिया।

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दरअसल, कोरोना संक्रमण फैलाने के मामले में तबलीगी जमात को आरोपित बनाया गया था। लेकिन अभियोजन पक्ष इस आरोप साबित करने में नाकाम रहा। साथ ही क्योंकि जमातियों ने तीन माह तक सजा काट ली थी। इसलिए कोर्ट ने उन्हें जुर्माने पर रिहा कर दिया। इससे पहले हाइकोर्ट से भी तबलीगी जमात के लोगों को बेल मिल चुकी थी।

इससे पहले सीजेएम कोर्ट ने तबलीगी जमात के 17 विदेशियों एवं रांची एक निवासी के चार्ज फ्रेम पर सुनवाई की। इस दौरान सभी 18 लोगों ने अपना आरोप स्वीकार कर लिया। तब्लीगी जमात के 17 आरोपियों ने कोर्ट से अपने देश वापस लौटने की इच्छा जतायी। मामले में पैरवी करते हुए हाइकोर्ट के वरीय अधिवक्ता ए अल्लाम ने कोर्ट को बताया कि 31 अगस्त को डिस्चार्ज पिटिशन पर सुनवाई के दौरान इनके खिलाफ लगे द फॉरेन एक्ट 1946 की धारा 13/14 (बी) (सी) एवं आइपीसी की धारा 270, 271  सहित कई धाराएं हटा ली गयी है। इन्होंने करीब तीन माह से अधिक का समय भी जेल में बिता लिया है।

इसलिए इनपर जुर्माना लगाते हुए केस को खत्म कर दिया जाए। इसपर कोर्ट ने तब्लीगी जमात के 17 लोगों में प्रत्येक को 2200- 2200 रुपये जुर्माना जमा कर रिहा करने का आदेश देते हुए केस को खत्म कर दिया। कोर्ट ने इनपर आइपीसी की धारा 269 के तहत एक- एक हजार रुपये जुर्माना, आइपीसी की धारा 290 के तहत 200-200 रुपये जुर्माना तथा एपिडेमिक डिजीज एक्ट की सेक्शन बी के तहत एक- एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने रांची के एक निवासी हाजी मेराज के खिलाफ कुल 6200 रुपये का जुर्माना लगाया। कोर्ट को बताया गया कि  तब्लीगी जमात के 17 विदेशियों को रांची से 30 मार्च को गिरफ्तार किया गया था, इन्हें 15 जुलाई को हाइकोर्ट से जमानत मिली थी। ये सभी  टूरिस्ट के रूप में भारत आए थे।

वे दिल्ली में एक जलसा में शामिल होने के बाद 18 मार्च को रांची पहुंचे थे, उन्हें तीन माह के भीतर अपने- अपने देश वापस लौटना था। छह माह से कम के टूरिस्ट वीजा पर आने वालों को प्रशासन को खबर करने की जरूरत नहीं थी। इन्होंने कानून का कोई उल्लंघन नहीं किया। लॉक डाउन के कारण वे रांची में फंस गये थे और मस्जिद में रूके हुए थे।  बता दें कि रांची पुलिस ने 30 मार्च को हिंदपीढ़ी बड़ी मस्जिद एवं मदीना मस्जिद में रह रहे तब्लीगी जमात के 17 विदेशियों को गिरफ्तार किया था। इसमें चार महिलाएं भी शामिल थी।

ये हुए रिहा

रांची सिविल कोर्ट से रिहा होने वालों में लंदन का जाहिद कबीर, शिपहान हुसैन खान, यूके का महासीन अहमद, काजी दिलावर हुसैन, वेस्टइंडीज का फारूख अल्बर्ट खान, हॉलैंड का मो सैफुल इस्लाम, त्रिनिदाद का नदीम खान, जांबिया का मूसा जालाब, फरमिंग सेसे,  मलेशिया का सिति आयशा बिनती, नूर रशीदा बिनती,  नूर हयाती बिनती अहमद, नूर कमरूजामा, महाजीर बीन खामीस, मो शफीक एवं मो अजीम तथा रांची के हाजी मेराज शामिल हैं।


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