Move to Jagran APP

World Tribal Day: प्रकृति प्रेमी व सादगी के प्रतीक हैं आदिवासी, नहीं होता लिंग भेद; भ्रूण हत्या जैसे पाप से बहुत दूर

World Tribal Day झारखंड में कुल 32 जनजातियां आठ विलुप्तप्राय आदिम जनजातियों की श्रेणी है। सीमित संसाधनों के बावजूद पर्यावरण संरक्षण के सबसे बड़े संवाहक बने हुए हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 11:30 AM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 11:34 AM (IST)
World Tribal Day: प्रकृति प्रेमी व सादगी के प्रतीक हैं आदिवासी, नहीं होता लिंग भेद; भ्रूण हत्या जैसे पाप से बहुत दूर
World Tribal Day: प्रकृति प्रेमी व सादगी के प्रतीक हैं आदिवासी, नहीं होता लिंग भेद; भ्रूण हत्या जैसे पाप से बहुत दूर

रांची, [मधुरेश नारायण]। World Tribal Day आदिवासी समाज। प्रकृति का प्रेमी, सादगी का प्रतीक। सीमित संसाधनों में पर्यावरण संरक्षण के सबसे बड़े संवाहक। स्वतंत्रता के बाद आदिवासी एवं आदिम जनजाति के उत्थान के लिए अलग-अलग सरकारों ने सैकड़ों योजनाएं बनाई। अरबों की राशि खर्च की। इन सबके बावजूद अब तक समाज के बड़े वर्ग को न्यूनतम सुविधाएं तक मुहैया नहीं कराई जा सकीं। कई बार आवाज उठी।

prime article banner

इसे अलग-अलग नाम, अलग-अलग पहचान दी गई। हकीकत में अब भी समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक विकास की किरण नहीं पहुंच सकी। झारखंड राज्य के गठन के पीछे आदिवासी समाज के विकास का सपना रहा। यह अब तक पूरा नहीं हो सका। आदिवासी समाज की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि कई सामाजिक मुद्दों पर यह तथाकथित सभ्य समाज से कहीं ज्यादा बेहतर स्थिति में हैं। समाज में लिंग भेद नहीं है। भ्रूण हत्या जैसे अपराध से समाज बहुत दूर है।

झारखंड में स्थिति

झारखंड का कुल क्षेत्रफल 79,714 वर्ग किलोमीटर (7,790,000 हेक्टेयर) है। यह देश के कुल क्षेत्रफल का 2.4 फीसद है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार झारखंड की जनसंख्या तीन करोड़, 29 लाख, 88 हजार है। राज्य में 2001 से 2011 के दौरान कुल 60 लाख, 42 हजार, 305 लोग बढ़े। 2001 की जनसंख्या दो करोड़, 69 लाख, 45 हजार, 829 थी।

जिलों में अनुसूचित जनजाति का प्रतिशत

प्रतिशत- जिले का नाम

0से 5- कोडरमा, चतरा

5 से 10- हजारीबाग, धनबाद, पलामू, गिरिडीह

10 से 15- देवघर, बोकारो

15 से 25- गढ़वा, रामगढ़, गोड्डा

25 से 30- साहेबगंज, पूर्वी सिंहभूम

30 से 36- जामताड़ा, सरायकेला- खरसावां, रांची

40 से 45- पाकुड्, दुमका

45 से 60- लातेहार, लोहरदगा

60 से 70- पश्चिम सिंहभूम, गुमला

70 से ऊपर- सिमडेगा, खूंटी

स्रोत : 2011 की जनगणना

सबसे अधिक संताल

राज्य मे 32 जनजातियां रहती हैं। इनमें से संताल सबसे बड़ा समूह है। पूरी आदिवासी आबादी का यह करीब एक तिहाई है। उरांव (19.66 फीसद), मुंडा (14.86 फीसद) और हो (10.63 फीसद) है।

झारखंड की सामाजिक संरचना

झारखंड की जनसंख्या में 26.2 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति, 12.1 प्रतिशत अनुसूचित जाति एवं 61.7 प्रतिशत अन्य हैं। पश्चिमी सिंहभूम, गुमला, सिमडेगा एवं खूंटी आदिवासी बहुल इलाके हैं, जबकि कोडरमा एवं चतरा जैसे जिलों में उनकी संख्या काफी कम हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.