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बाबाधाम, बासुकीनाथ में सीमित संख्या में दर्शन पर कमेटी लेगी निर्णय

रांची देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर व दुमका के बासुकीनाथ मंदिर को भादो (भाद्रपद) माह में खोलने की तैयारी है। इसके लिए राज्य सरकार की गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने विकास आयुक्त केके खंडेलवाल के नेतृत्व में 11 सदस्यीय समिति का गठन किया है जो विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर 10 अगस्त तक राज्य सरकार को सौंपेगी। समिति यह तय करेगी कि श्रद्धालुओं को किस तरह मंदिर में दर्शन कराया जाए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Aug 2020 02:08 AM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 07:38 AM (IST)
बाबाधाम, बासुकीनाथ में सीमित संख्या में दर्शन पर कमेटी लेगी निर्णय
बाबाधाम, बासुकीनाथ में सीमित संख्या में दर्शन पर कमेटी लेगी निर्णय

रांची : देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर व दुमका के बासुकीनाथ मंदिर को भादो (भाद्रपद) माह में खोलने की तैयारी है। इसके लिए राज्य सरकार की गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने विकास आयुक्त केके खंडेलवाल के नेतृत्व में 11 सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर 10 अगस्त तक राज्य सरकार को सौंपेगी। समिति यह तय करेगी कि श्रद्धालुओं को किस तरह मंदिर में दर्शन कराया जाए।

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कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच दोनों मंदिरों को भादो के महीने में खोलने की तैयारी है। मंदिरों में प्रत्येक दिन सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। इसी मामले में उक्त समिति निर्णय लेगी। समिति इस बिदु पर यह निर्णय लेगी कि राज्य में रहने वाले श्रद्धालु ही निश्चित संख्या में हर दिन प्रवेश ले पाएं। यह प्रवेश पूर्व में की गई ऑनलाइन बुकिग के आधार पर होगी। इसमें मास्क, शारीरिक दूरी, सैनिटाइजर आदि को अनिवार्य किया जाना है। 'पहले बुकिग, पहले दर्शन' की तर्ज पर दोनों ही मंदिरों में प्रवेश की अनुमति देने पर विचार किया जा रहा है।

गौरतलब है कि गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर श्रावणी मेला व कांवर यात्रा के लिए मंदिर खोले जाने की मांग की थी, लेकिन झारखंड हाई कोर्ट ने कोरोना महामारी के चलते मंदिर में रोक को सही माना था। हाई कोर्ट ने सरकार से इंटरनेट के जरिये लोगों के लिए ऑनलाइन दर्शन कराने की व्यवस्था करने को कहा था। इसके बाद सांसद निशिकांत दुबे सुप्रीम कोर्ट चले गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने भी झारखंड हाई कोर्ट के तीन जुलाई के आदेश में दखल देने से इन्कार कर दिया था, लेकिन आदेश में यह कहा गया कि बैद्यनाथ धाम में श्रद्धालुओं के दर्शन की व्यवस्था पूरी तरह सही नहीं है। कोर्ट ने कहा कि ऑनलाइन दर्शन को वास्तविक दर्शन नहीं कहा जा सकता है। सीमित संख्या में शारीरिक दूरी के साथ लोगों को इजाजत दी जानी चाहिए।

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11 सदस्यीय कमेटी में कौन-कौन :

विकास आयुक्त केके खंडेलवाल (अध्यक्ष), स्वास्थ्य सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी, कला संस्कृति विभाग की सचिव पूजा सिघल, आपदा प्रबंधन प्रभाग के सचिव डॉ. अमिताभ कौशल, दुमका के डीआइजी नरेंद्र कुमार सिंह, देवघर के डीसी कमलेश्वर प्रसाद, दुमका की डीसी बी. राजेश्वरी, पंडा धर्मरक्षिणी सभा देवघर के अध्यक्ष सुरेश भारद्वाज, पंडा धर्मरक्षिणी सभा के महामंत्री कार्तिक नाथ ठाकुर, पंडा धर्मरक्षिणी सभा बाबा बासुकीनाथ दुमका के अध्यक्ष मनोज पंडा, पंडा धर्मरक्षिणी सभा बासुकीनाथ दुमका के सचिव संजय कुमार झा।

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