कोरोना की जांच और मरीजों का इलाज होगा प्रभावित, हड़ताल करेंगे 10 हजार पारा मेडिकल कर्मी
कोरोना संकट के बीच राज्य के लगभग दस हजार अनुबंध पारा मेडिकल कर्मी मंगलवार को सांकेतिक हड़ताल पर रहेंगे। स्थायीकरण तथा अन्य मांगों को लेकर स्वास्थ्य विभाग तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के तहत कार्यरत इन अनुबंध कर्मियों ने सांकेतिक हड़ताल के बावजूद उनकी मांगों पर कार्रवाई का आश्वासन नहीं मिलने पर बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। इससे कोरोना जांच की गति समेत इससे प्रभावित मरीजों की देखभाल प्रभावित होगी।
राज्य ब्यूरो, रांची : कोरोना संकट के बीच राज्य के लगभग दस हजार अनुबंध पारा मेडिकल कर्मी मंगलवार को सांकेतिक हड़ताल पर रहेंगे। स्थायीकरण तथा अन्य मांगों को लेकर स्वास्थ्य विभाग तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के तहत कार्यरत इन अनुबंध कर्मियों ने सांकेतिक हड़ताल के बावजूद उनकी मांगों पर कार्रवाई का आश्वासन नहीं मिलने पर बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। इससे कोरोना जांच की गति समेत इससे प्रभावित मरीजों की देखभाल प्रभावित होगी।
सांकेतिक हड़ताल पर रहनेवालों में एएनएम, जीएनएम, लैब तकनीशियन तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के तहत कार्यरत आयुष चिकित्सक व अन्य अनुबंधकर्मी शामिल हैं। हालांकि राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के निदेशक रविशंकर शुक्ला का कहना है कि संघ के साथ बात चल रही है। उन्हें उम्मीद है कि ये अपनी हड़ताल वापस ले लेंगे।
इधर, झारखंड अनुबंधित पारा मेडिकलकर्मी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने कहा कि राज्य सरकार के समक्ष पिछले दो माह से अपनी मांगों को उठा रहे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। कोरोना से निपटने के कार्य में लगे चार कर्मियों की मृत्यु हो गई लेकिन उनके परिजनों को कोई मुआवजा नहीं मिला। इनकी मुख्य मांगों में स्थायीकरण, ओडिशा, बिहार, हरियाणा आदि राज्यों की तर्ज पर अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि, ईपीएफ, ईएसआइ तथा आयुष्मान भारत योजना का लाभ तथा कार्य के दौरान अनुबंध कर्मियों की मृत्यु के बाद आश्रित को नौकरी तथा एकमुश्त मुआवजा आदि शामिल हैं।
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सैंपल लेने से रिपोर्टिंग तक की जिम्मेदारी संभालते हैं पारा मेडिकल कर्मी : अनुबंध पारा मेडिकल कर्मी मंगलवार को पूर्वाह्न 11 बजे से दो बजे तक प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान ही ये कोई काम नहीं करेंगे। इसके बाद भी सरकार द्वारा वार्ता नहीं होने पर ये पांच अगस्त से हड़ताल पर चले जाएंगे। इससे जहां कोरोना की जांच प्रभावित होगी, वहीं कोविड केयर सेंटरों में मरीजों की देखरेख भी प्रभावित होगी। बता दें कि सैंपल लेने से लेकर रिपोर्टिंग तक की जिम्मेदारी अनुबंध पर कार्यरत लैब तकनीशियन कर रहे हैं। वहीं, कोविड केयर सेंटरों में एएनएम, जीएनएम तथा आयुष चिकित्सक पदस्थापित हैं। ये सभी हड़ताल पर चले जाएंगे।