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रांची के बाजार से गायब हो रहे चाइनीज फोन, लोगों की पसंद बनी मेड इन इंडिया

India China News. प्रीफर्ड पार्टनर शॉप ने भी दूसरे कंपनियों के प्रोड्क्ट बेचना शुरू कर दिए हैं। चीन से माल भी नहीं पहुंच रहा है। चीनी माल निकालने में दिक्‍कत भी हो रही है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 09:59 AM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 09:59 AM (IST)
रांची के बाजार से गायब हो रहे चाइनीज फोन, लोगों की पसंद बनी मेड इन इंडिया
रांची के बाजार से गायब हो रहे चाइनीज फोन, लोगों की पसंद बनी मेड इन इंडिया

रांची, जासं। लद्दाख में भारत-चीन की झड़प के बाद से शुरू हुए चीनी सामानों के बहिष्कार के कारण रांची के बाजार में चीनी मोबाइल और इलेक्ट्रोनिक आइटम की मांग में काफी कमी आयी है। इसके साथ ही चाइनीज कंपनियों के फोन जैसे रेडमी, रियलमी, ओप्पो आदि के प्रोड्क्ट की भी बाजार में कमी है। दुकानदार बता रहे हैं कि कंपनी के द्वारा माल ही नहीं भेजा जा रहा है।

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वहीं ग्राहक भी अब इंडियन ब्रांड के फोन पर फोकस कर रहे हैं। ऐसे में पिछले 15 दिनों में कंपनी के प्रीफर्ड पार्टनर शॉप ने भी दूसरे कंपनियों के भी प्रोड्क्ट रखना शुरू कर दिया है। लोग सामान पर मेड इन इंडिया का लेबल देखकर सामान खरीद रहे हैं।

रांची में सैमसंग के चीफ स्टॉकिस्ट दलजीत सिंह बताते हैं कि बीते कुछ दिनों में सैमसंग मोबाइल फोन की मांग काफी ज्यादा बढ़ी है। वहीं एमआइ, ओप्पो, रियलमी आदि के मार्केट शेयर में कमी आयी है। भारत-चीन के बीच तनाव का नतीजा है कि चीन के स्मार्टफोन के कारोबार में बड़ी गिरावट आयी है। कई लोग दुकान में आते के साथ पूछ लेते हैं कि सैमसंग कहां की कंपनी है।

भारतीय निर्माताओं को मिला बड़ा मौका

डेली मार्केट इलेक्ट्रॉनिक बाजार एसोशिएशन के अध्यक्ष हाजी मुहम्मद हुसैन बताते हैं कि कोरोना संक्रमण के बाद से ही चीन से माल आना प्रभावित था। अब गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के बलिदान के बाद रांची के लोगों में बड़ा बदलाव आया है। वे बाजार में इयरफोन और चार्जर के डब्बे पर मेड इन इंडिया देखकर खरीद रहे हैं।

उन्होंने बताया कि चीनी सामानों का बहिष्कार भारतीय निर्माताओं के लिए बड़ा मौका है। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, कानपुर सहित देश के कई हिस्सों में मोबाइल चार्जर और इयरफोन का निर्माण तेजी से हो रहा है। इनकी कीमत में थोड़ा बहुत का फर्क है, मगर भारतीय प्रोडक्ट टिकाउ ज्यादा हैं। बाजार में चीनी माल निकालने में दिक्कत हो रही है। इसलिए अब व्यापारी वहां से माल लेने के बजाय देशी खरीदारी कर रहे हैं।


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