कैटरर की बेटी बनी रांची टॉपर, डॉक्टर बनने का सपना
सीमित संसाधन में पली बढ़ी सीमाब जरीन पूरे राज्य में रांची का इकबाल बुलंद किया है।
जासं, रांची : सीमित संसाधन में पली बढ़ी सीमाब जरीन पूरे राज्य में रांची का इकबाल बुलंद किया है। एसएस डोरंडा हाईस्कूल की छात्रा सीमाब ने 500 में 486 अंक प्राप्त कर स्टेट में पांचवां एवं रांची में टॉप पर रही। इसे गणित में पूरे 100 अंक मिले हैं। डोरंडा की रहने वाली सीमाब के पिता शाहिद इकबाल पार्टियों में कैटरर का काम करते हैं। वहीं मां अंजुम नाज परवीन ऐरोबिक सिखाती हैं। सीमाब नौ भाई-बहनों में आठवें नंबर पर है। परिवार भले गरीब है, लेकिन माता-पिता के स्नेह ने हौसला बुलंद रखा। बचपन से ही मेधावी सीमाब के पिता के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह ट्यूशन का खर्च वहन कर सके। 10वीं की परीक्षा भी स्वध्याय से ही उतीर्ण की। सीमाब का सपना डॉक्टर बनकर जरूरतमंदों की सेवा करना है। उन्होंने इस सफलता का श्रेय माता-पिता और शिक्षकों को दिया है। कहती है जब भी कुछ पूछना होता था स्कूल की प्राचार्या रितु कुमारी उनका मार्गदर्शन करती थी। सीमाब को गार्डेनिग का शौक है। मजदूर की बेटी लक्षमी बनी जिले की सेकेंड टॉपर
संसू, सिल्ली : सिल्ली प्रखंड के जामरीटाड़ की रहने वाली लक्ष्मी कुमारी 96.87 प्रतिशत अंक लाकर राज्य में छठे स्थान पर रही। यह रांची जिला की सेकेंड टॉपर है। पिताजी हेमंत महतो हिंडाल्को में ठेका मजदूरी करते हैं। लक्ष्मी कुमारी आरटीसी पब्लिक स्कूल मुरी की छात्रा है। रिजल्ट की सूचना मिलते ही उसने सबसे पहले दादा जी को इसकी जानकारी दी। टॉपर बनने की बात सुनकर दादा वासुदेव महतो ने पोती को गले से लगा लिया। ये भी शिक्षक से सेवानिवृत हुए हैं। लक्षमी ने बताया कि पढ़ाई में दादाजी ने भी खूब सहायता की। लक्ष्मी की मा पुष्पा देवी पारा शिक्षक हैं।