रांची की कृतिका पांडे ने जीता कॉमनवेल्थ शॉर्ट स्टोरी पुरस्कार, CM हेमंत सोरेन ने दी बधाई
Commonwealth Short Story Prize. कृतिका पांडेय ने इस पुरस्कार में 5 हजार पाउंड की राशि इनाम में जीती है। कृतिका को यह सम्मान द ग्रेट इंडियन टी एंड स्नैक्स स्टोरी के लिए मिला है।
रांची, जेएनएन। Kritika Pandey won Commonwealth Short Story Prize मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची की कृतिका पांडे को कॉमनवेल्थ शॉर्ट स्टोरी पुरस्कार जीतने पर बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने अपने बधाई संदेश में कहा है कि उन्हें मिला यह पुरस्कार राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तरों पर झारखंड के युवा महिला और पुरुष की प्रतिभा का प्रमाण है। बता दें कि रांची की बेटी कृतिका पांडे ने इस पुरस्कार के अंतर्गत 5 हजार पाउंड की राशि इनाम में जीती है। कृतिका को यह सम्मान 'द ग्रेट इंडियन टी एंड स्नैक्स' कहानी के लिए मिला है। यह कहानी एक हिंदू लड़की और मुस्लिम लड़के की है।
रांची की कृतिका ने जीता कॉमनवेल्थ शॉर्ट स्टोरी पुरस्कार
झारखंड के रांची की बेटी कृतिका पांडे को एशिया रीजन के लिए कॉमनवेल्थ शॉर्ट स्टोरी प्राइज 2020 से सम्मानित किया गया है। 29 वर्षीय कृतिका को यह सम्मान द ग्रेट इंडियन टी एंड स्नैक्स स्टोरी के लिए मिला है। कृतिका का परिवार रांची में रहता है। उनके पिता प्रभात कुमार पांडेय रियल एस्टेट कारोबारी हैं। कृतिका ने बीआइटी मेसरा से इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन में इंजीनियरिंग की है। यंग इंडिया फेलोशिप पर वह यूएस गई हैैं। इन दिनों वह एमहस्र्ट के मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय में एमएफए की डिग्री हासिल कर रही हैं।
कई वर्षों से पढ़ रही थीं विजेताओं की कहानी
सम्मान पाने के बाद कृतिका ने कहा कि पिछले कई वर्षों से वह कॉमनवेल्थ शॉर्ट स्टोरी प्राइज की विजेता कहानियों को पढ़ रही थीं। ये सम्मान मिलना उनके लिए गर्व की बात है। इस सम्मान को उन्होंने अपने परिवार और झारखंड को समर्पित किया है। उन्होंने बताया कि ये कहानी अपने आसपास में हुई कई घटनाओं और मेरी ह्यूमैनिटी में रुचि की वजह से लिखने में सफल रहीं।
द ग्रेट इंडियन टी एंड स्नैक्स पुस्तक के लिए रांची की 29 वर्षीय कृतिका को मिला है सम्मान
दरअसल ये कहानी दो युवाओं की कहानी है जो समाज की सदियों पुरानी बंदिशों को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। घृणा और पक्षपात के युग में प्यार कितना महत्वपूर्ण है, यह इस कहानी में बताया गया है। कहानी में सांकेतिक रूप में बताया गया है कि कैसे एक काली ङ्क्षबदी लगाने वाली लड़की, एक टोपी पहनने वाले लड़के के नजदीक आ जाती है। कैसे ये दोनों युवा नफरत और पक्षपात के दौर में प्यार के विचार को फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
एशिया प्रशांत देशों, अफ्रीका, कनाडा, यूरोप के विजेताओं दिया जाता है यह पुरस्कार
कृतिका ने कहा कि हर इंसान में कुछ न कुछ कमी होती है। ऐसे में आपके मन में आने वाले आइडिया ही आपके आदर्श हैं। कॉमनवेल्थ शॉर्ट स्टोरी प्राइज साल 2012 से कॉमनवेल्थ से अप्रकाशित सर्वश्रेष्ठ शॉर्ट स्टोरी के लिए हर वर्ष लेखकों को दिया जाता है। यह पुरस्कार एशिया, पेसिफिक, अफ्रीका, कनाडा, यूरोप और कैरेबियन के पांच रीजन के विजेताओं दिया जाता है। प्रत्येक विजेता को 2,500 पाउंड (लगभग 2.4 लाख रुपये) मिलते हैं।
कृतिका ने एशिया रीजन के लिए 2020 का कॉमनवेल्थ शॉर्ट स्टोरी प्राइज जीता है। 29 वर्षीय कृतिका पांडेय इससे पूर्व पुस्कार्ट पुरस्कार के लिए नामित की गईं थी। कॉमनवेल्थ शॉर्ट स्टोरी पुरस्कार 2012 में शुरू किया गया था।
यह पुरस्कार कॉमनवेल्थ की वैसी सर्वश्रेष्ठ छोटी कहानी को दिया जाता है जो पहले कभी प्रकाशित नहीं हुई हो। यह पुरस्कार पांच क्षेत्रों एशिया, पेसिफिक, अफ्रीका, कनाडा, यूरोप, और कैरेबियन के पांच रीजन के विजेताओं को दिया जाता है। कृतिका को यह पुरस्कार एशिया रीजन के लिए दिया गया है।
पुरस्कार जीतने की खबर मिलने पर कृतिका ने कहा कि जब मुझे यह सूचना मिली, मैं सुखद अनुभव कर रही हूं। मैं खुशी और आनंद से अभिभूत हूं। यह पुरस्कार मेरे लिखने की इच्छा को और मजबूत करता है।