लोकल-प्रशासन के रवैये से खिन्न लोग रात 11 बजे धरना पर बैठे
प्रशासन के गलत रवैये से खिन्न हिदपीढ़ी थर्ड स्ट्रीट लोग रात 11 बजे धरने पर बैठ गए।
जागरण संवाददाता, रांची : प्रशासन के गलत रवैये से खिन्न हिदपीढ़ी थर्ड स्ट्रीट लोग रात 11 बजे धरने पर बैठ गए। स्थानीय लोगों के अनुसार थर्ड स्ट्रीट को कांटेंमेंट जोन से मुक्त कर इसके रास्ते को खोलने की बात सुबह से चल रही थी, लेकिन प्रशासन ने रास्ता ना खोल थर्ड स्ट्रीट के मुहाने को ही ब्लॉक कर दिया। पहले मारवाड़ी कॉलेज के आगे से मार्ग को ब्लॉक किया गया था।
यह जानकारी मिलने के बाद रात लगभग 11 बजे स्थानीय लोग धरने पर बैठ गए और मार्ग खोलने की बात की। लेकिन प्रशासन द्वारा असमर्थता जताने पर स्थानीय लोगों ने कहा तो ठीक है मार्ग उसी जगह ब्लॉक रखे जो पहले से था। इसे थर्ड स्ट्रीट के मुहाने पर लाने का क्या औचित्य है। प्रशासनिक अधिकारियों ने हालांकि लोगों को समझाया, लेकिन वे नहीं माने। जिस कारण मार्ग उसी जगह से ब्लॉक किया गया जहां पहले से था।
स्थानीय लोगों के अनुसार हिदपीढ़ी के कई इलाकों को मुक्त कर दिया गया है, लेकिन थर्ड स्ट्रीट को क्यों सील किया गया है, यह समझ से परे है।
जानकारी के अनुसार कुछ असामाजिक तत्वों ने आज फिर कुछ घरों में पत्थर चलाकर दहशत पैदा करने का प्रयास किया। लॉक डाउन के बाद पुलिस पर पत्थरबाजी की प्रमुख घटनाएं
-16 मई की रात उपद्रव किया गया, सीआरपीएफ जवानों पर पत्थर बरसाए और हमले हुए।
-17 मई की सुबह दोबारा मोती मस्जिद मोहल्ले में सीआरपीएफ जवानों पर हमला हुआ। कोतवाली डीएसपी अजीत कुमार विमल और हिंदपीढ़ी थानेदार को भी निशाना बनाया गया। 12 अप्रैल की देर रात कोरोना पॉजिटिव मरीज को रिम्स के कोविड-19 वार्ड में भर्ती के लिए लेने गई टीम पर पथराव किया गया था। एंबुलेंस को तोड़ डाली थी। पुलिस व मेडिकल की टीम को वहा से जान बचाकर भागना पड़ा था। 13 अप्रैल: मेडिकल की टीम तीन कोरोना संक्रमितों को लेने के लिए गई थी, तब यह अफवाह उड़ाया गया कि बिना नंबर की एंबुलेंस में असामाजिक तत्व पहुंचे हैं। जो गलत जगह ले जाएंगे। दो अप्रैल: जब स्क्रीनिंग के लिए मेडिकल की टीम हिंदपीढ़ी गई थी, जब वहा एनपीआर व एनआरसी का फॉर्म भरवाए जाने की अफवाह फैला टीम पर हमला कर दिया था। उनके फाइलें छीनकर फाड़ डाले थे