दुर्घटनाग्रस्त ट्रेलर के मलबे में दबा है चतरा का प्रवासी मजदूर, 2 दिन बाद भी नहीं निकला शव
Jharkhand. क्रेन व हाइड्रा के माध्यम से पुलिस उसके शव को बाहर निकालने में लगी है। शव बुरी तरह से दबा हुआ है। घटनास्थल पर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
रामगढ़, जासं। रामगढ़ के चुटूपालु घाटी फोरलेन में गत सोमवार की देर रात ब्रेकफेल हुए स्पंज आयरन डस्ट लदे दुर्घटनाग्रस्त ट्रेलर (आरजे 06जीबी-8800) के मलबे में चतरा निवासी एक प्रवासी मजदूर का शव दबा हुआ है। बुधवार को मृतक के भाई सहित अन्य परिजन चुटूपालू घाटी पहुंचकर पुलिस के सहयोग से शव को बाहर निकालने में जुट गए हैं। क्रेन व हाइड्रा के माध्यम से पुलिस उसके शव को बाहर निकालने में लगी है। शव बुरी तरह से दबा हुआ है। घटनास्थल पर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
विदित हो कि आंध्र प्रदेश से राजस्थान जा रहा ट्रेलर 25 मई की रात को ब्रेकफेल होने के बाद अनियंत्रित होकर घाटी के ब्लैक स्पॉट ललकी घाटी मोड़ के पास पलट गया। इससे घटनास्थल पर ही चालक की मौत हो गई। उस पर सवार खलासी सहित छह लोगों को रामगढ़ पुलिस ने देर रात सदर अस्पताल रामगढ़ में प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए रिम्स रेफर कर दिया था। दुर्घटना के 30 घंटे के बाद बुधवार की दोपहर को ट्रेलर के मलबे में जिस प्रवासी मजदूर का शव मिला है, वह चतरा जिले के राजपुर थाना क्षेत्र के कुसमाडीह निवासी अमरिका राणा पिता स्व. साहेब राणा है।
चुटूपालू घाटी में परिजनों के साथ दुर्घटनाग्रस्त ट्रेलर से शव निकालने पहुुंचे मृतक के बड़े भाई बालेश्वर राणा ने बताया कि 25 मई की शाम को अमरिका राणा ने किसी दूसरे के माेबाइल नंबर पर अपनी पत्नी को फोन किया था कि वह बहुत मुश्किल से एक ट्रेलर में बैठकर आ रहा है। मंगलवार की सुबह तक वह चौपारण मोड़ पहुंच जाएगा। बाइक लेकर किसी को चौपारण मोड़ भेज देना। इसके बाद समय पर नहीं पहुुंचने पर कुछ अनहोनी होने की आशंका से घर वालों ने उसकी खोजबीन शुरू की।
इसके बाद पता चला कि रामगढ़ घाटी में एक ट्रेलर दुर्घटनाग्रस्त हुई है। उन्होंने कल ही रामगढ़ थाना पहुंचकर इसकी जानकारी ली। फिर सदर अस्पताल पहुंचे। रिम्स में भी जाकर पता लगाया। इसके बाद जब आज चुटूपालू घाटी स्थित दुर्घटनास्थल पहुंचे तो देखा कि उसके भाई का बैग, एक डायरी व एक छोटा टीवी वहां पड़ा हुआ है। इसके बाद पुलिस के सहयोग से क्रेन व हाइड्रा वाहन के माध्यम से दुर्घटनाग्रस्त ट्रेलर के मलबे को हटाना शुरू किया तो उसमें शव पाया गया।
दोपहर एक बजे तक ट्रेलर के मलबे में दबे शव को बाहर निकालने का प्रयास जारी था। विदित हो कि दुर्घटनाग्रस्त ट्रेलर पर सवार प्रवासी मजदूर चतरा, इटखोरी निवासी अमर कुमार सिंह, संजीत कुमार सिंह, यूपी बनारस निवासी बिट्टू कुमार सिंह व इमरान शाह व राजस्थान निवासी खलासी बाबू सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जबकि चतरा निवासी प्रवासी मजदूर अमरिका राणा मलबे में ही दबा रह गया।
वहां तीन दिन पहले अलकतरा ड्राम लदा एक ट्रक दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। एनएचएआइ द्वारा अभी तक दुर्घटनाग्रस्त ट्रक व सड़क पर बिखरे पड़े अलकतरा के ड्राम को नहीं हटाए जाने के कारण भीषण धूप व गर्मी में अलकतरा पिघल कर सड़क पर बह रहा है। इससे वहां की स्थिति काफी खतरनाक भी हो गई है। यहां लगातार दुर्घटना होने की संभावना बनी हुई है।