Coronavirus Update: आज 162 संदिग्धों में मिले कोरोना के लक्षण, अबतक 2 पाॅजिटिव; जानें ताजा हाल
Coronavirus Jharkhand News Update झारखंड में अबतक कुल 691 लोगो के सैंपल की जांच हुई है जिनमें 446 की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। बाकी की रिपोर्ट का इंतजार है।
रांची, राज्य ब्यूरो। Coronavirus Jharkhand News Update झारखंड में शुक्रवार को कुल 162 मरीजों के सैंपल की जांच हुई। खबर लिखे जाने तक इनकी जांच रिपोर्ट अभी नहीं आई थी। झारखंड में अबतक कुल 691 लोगो के सैंपल की जांच हुई है जिनमें 446 की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। बाकी की रिपोर्ट का इंतजार है। इससे पहले गुरुवार तक कुल 529 लोगों के सैंपल की जांच हुई थी जिनमें से दो पॉजिटिव मरीज पाए गए वहीं, 446 लोगों की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई। कुल 81 लोगों की जांच रिपोर्ट अभी भी आनी बाकी है।
झारखंड सरकार ने नई दिल्ली में बनाया कॉल सेंटर
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए लागू लॉकडाउन के कारण पूरे देश में जगह-जगह फंसे झारखंड के लोगों तक सहायता पहुंचाने के लिए झारखंड सरकार प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देशानुसार झारखंड भवन, नई दिल्ली में भी कॉल सेंटर बनाए गए हैं। वहां के लिए हेल्पलाइन नंबर 088 266 52 716 एवं 011 267 39 000 जारी किया गया है। इन दो नंबर पर पूरे देश से झारखंड के निवासियों के कॉल आ रहे हैं। स्थानिक आयुक्त एमआर मीणा की अध्यक्षता में गठित टीम लगातार मॉनीटङ्क्षरग कर रही है। अब तक इन नंबरों पर हजारों कॉल आ चुके हैं, जिन पर भारत सरकार के गाइडलाइन के अनुसार लगातार सहायता पहुंचाई जा रही है। कोविड-19 से बचाव के लिए झारखंड भवन नई दिल्ली से एयर इंडिया कार्गो द्वारा 3 अप्रैल को 85,000 थ्री लेयर मास्क, 15,000 एन 95 मास्क, 4986 पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट), सात हजार पैकेट 500 मिली के सैनिटाइजर व 100 थर्मो स्कैनर भेजे गए हैं। वहीं, 30 मार्च को 1,200 वीटीएम किट एवं 25,000 एन 95 मास्क भेजा जा चुका है। सभी मेडिकल इक्विपमेंट एयर कार्गो द्वारा भेजे जा रहे हैं।
कोरोना से लड़ने को जीएसटी की बकाया हिस्सेदारी दे केंद्र सरकार
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व झारखंड सरकार में वित्त मंत्री ने जानकारी दी है कि केंद्र से जीएसटी मद में बकाया हिस्सेदारी की मांग की गई है और इस विपदा से निपटने के लिए विशेष पैकेज मुहैया कराने का भी आग्रह किया गया है। वे शुक्रवार को झारखंड प्रदेश कांग्रेस राहत निगरानी समिति (कोविड-19) के सदस्यों के साथ बैठक कर रहे थे। मुख्यालय में बनाए गए कंट्रोल रूम में हुई बैठक में विधायक दल के नेता व ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख , सांसद धीरज प्रसाद साहू, वरिष्ठ नेता रौशन लाल भाटिया, प्रदीप तुलस्यान, आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता उपस्थित थे। बैठक में पार्टी नेताओं की ओर से यह मांग की गई कि संकट की इस घड़ी में केंद्र सरकार झारखंड को विशेष पैकेज उपलब्ध कराए तथा जीएसटी का बकाया पैसा तुरंत उपलब्ध कराए।
कोरोना से निपटने के लिए कांग्रेस ने की विशेष पैकेज की मांग
प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने बताया कि वैश्विक महामारी से निपटने के लिए सरकार अपना काम कर रही है और पार्टी भी अपने दायित्वों के निर्वहन में जुटी है। उन्होंने बताया कि राज्य में 58 लाख राशन कार्डधारियों के अलावा, राशन कार्ड के लिए आवेदन देने वाले आठ लाख परिवारों, गरीबी रेखा से जीवन बसर करने लाखों परिवारों को एक रुपये किलो की दर से अनाज उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा सभी जिला, प्रखंड, और प्रमुख स्थानों बनाए गए दाल-भात केंद्रों के अलावा सभी थानों में बनाए गए सामुदायिक रसोईघर के माध्यम से प्रतिदिन लाखों लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव पार्टी कार्यकर्ता, गांव, पंचायत, प्रखंड और जिला मुख्यालय से रिपोर्ट प्राप्त कर मुख्यालय को सौंप कर रहे हैं, इस रिपोर्ट के आधार पर पार्टी की ओर से सरकार को आवश्यक सुझाव दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि संकट की इस घड़ी में राज्य में किसी की भी भूख से मॉत नहीं हो, इसके लिए सरकार और संगठन के बीच समन्वय बनाये रखना जरूरी है।
भाजपा के लोग भी बीमार होंगे तो हम गले लगाकर इलाज कराएंगे : बन्ना
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि इस महामारी के वक्त बातों से समस्या को डायर्वट करने या राजनीति करने की जगह सभी को मिलकर संघर्ष करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यदि इस वक्त भाजपा के लोग भी बीमार होंगे, तो उन्हें गले लगाकर उनके इलाज की व्यवस्था की जाएगी। कांग्रेस पार्टी ऐसे मौके पर राजनीति नहीं करेगी और सबको साथ लेकर चलेगी।
ग्रामीणों और गरीबों तक पहुंच रहा योजनाओं का लाभ : आलमगीर
ग्रामीण विकास मंत्री सह विधायक दल नेता आलमगीर आलम ने कहा मुखिया के माध्यम से गरीबों तक सरकार की योजनाओं को पहुंचाया जा रहा है। मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि प्रखंड स्तर पर योजनाओं के निरीक्षण के बिना धरातल की वस्तु स्थिति की जानकारी संभव नहीं है। गठबंधन की सरकार प्रधानमंत्री से निवेदन करती है संसाधनों की कमी दूर करने में सहायता दी जाए।
फैक्ट फाइल
- 1,35,539 लोग होम क्वारेंटाइन में हैं।
- 12,384 लोग अस्पतालों में क्वारेंटाइन में हैं।
- 1,531 लोग अबतक कोरोना प्रभावित देशों से लौटे हैं जो आइसोलेट हैं। इनमें से 270 लोगों का 28 दिनों का आइसोलेशन पीरियड खत्म हो गया।
- 2891आइसोलेशन बेड पूरे राज्य में तैयार हैं।
- 37,378 क्वारेंटाइन बेड पूरे राज्य में तैयार हैं।
- 30 आइसीयू तथा 155 नन आइसीयू बेड राज्य स्तर के दो कोरोना अस्पतालों में सुरक्षित हैं।
- 209 आइसीयू तथा 1449 नन आइसीयू बेड जिला स्तर के चिह्नित कोरोना अस्पतालों में उपलब्ध हैं।
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति ने राज्यपाल से ली स्थिति की जानकारी
राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द एवं उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को सभी राज्यों के राज्यपाल एवं केन्द्रशासित प्रदेशों के उप राज्यपाल/प्रशासकों से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से नोवेल कोरोना के संक्रमण की जानकारी ली। साथ ही इससे निपटने को लेकर किए जा रहे प्रयासों की जानकारी ली। झारखंड से राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को बताया कि अभी तक झारखंड में कोरोना के दो मरीज नहीं मिले हैं। वे लगातार स्थिति पर नजर भी रख रही हैं। लॉक डाउन में किसी नागरिक को कोई परेशानी न हो इस संबंध में भी निर्देश दिया गया है। इस मौके पर राज्यपाल के प्रधान सचिव शैलेश कुमार सिंह भी उपस्थित थे। बता दें कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति ने पिछले सप्ताह भी राज्यपाल से स्थिति की जानकारी ली थी।
दूसरे स्टेज से आगे नहीं बढ़ने का हो प्रयास, लेकिन रखें तीसरे स्टेज की भी तैयारी : मुख्य सचिव
झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने कहा कि झारखंड में कोरोना पॉजिटिव के दो केस मिलने के साथ हम महामारी के दूसरे स्टेज में पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि यह क्राइसिस टाइम है। इसमें कैजुअल एप्रोच किसी हाल में नहीं चलेगा। हमारा समेकित प्रयास यह होना चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को ट्रैक, अइसोलेट और टेस्ट कराकर महामारी को दूसरे स्टेज से आगे नहीं बढ़ने दें। लेकिन, हमें तैयारी तीसरे स्टेज की भी रखनी है, ताकि समस्या आने पर किसी तरह की अफरा-तफरी की स्थिति नहीं रहे। इसके लिए हर उपायुक्त एक ब्लू प्रिंट बना लें। हर जिले में 10 से 20 सर्वे टीम का गठन ससमय कर लिया जाए। इसमें वॉलेंटियर और एनजीओ को भी जोड़ें। सर्वे टीम के गठन के साथ उसकी मॉक ड्रिल भी कर लें, ताकि कोरोना संक्रमित व्यक्ति के मिलते ही उस इलाके के तीन किमी. रेडियस के दायरे में यथाशीघ्र स्क्रीनिंग हो सके। साथ ही निर्देश दिया कि विभिन्न धार्मिक स्थानों पर बाहर के लोगों का लगातार अनुश्रवण करें। इस कार्य में उस धर्म व समुदाय विशेष के लोगों को भी शामिल करें। मुख्य सचिव झारखंड मंत्रालय में आला अधिकारियों के साथ सभी उपायुक्तों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मुखातिब थे। वहीं एक अन्य बैठक में कोरोना को लेकर गठित विभिन्न कमेटियों के सदस्यों से भी विचार-विमर्श किया और निर्देश दिए।
समाज के कमजोर तबके का रखें विशेष ध्यान
मुख्य सचिव ने समाज के कमजोर तबके का विशेष ध्यान रखने पर बल देते हुए कहा कि उन तक जीवन यापन के जरूरी सामान और स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने को उपायुक्त प्राथमिकता दें। शहरी क्षेत्र में चल रहे दाल-भात केंद्रों को ज्यादा से ज्यादा लाभप्रद बनाने के लिए उसका प्रचार प्रसार भी करें। गांवों के गरीब और आदिम जनजाति समुदायों तक भी सुविधा पहुंचाने को प्राथमिकता दें। इसके लिए गांवों तक अपने संपर्क सूत्र को फैलाएं। अधिकारी ज्यादा से ज्यादा फील्ड में जाएं। उन्होंने कहा कि लॉक डाउन के दौरान भी सरकार की चल रही जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देते रहना है। वहीं स्पेशल पैकेज का लाभ भी चिह्नित लाभार्थियों तक पहुंचाते रहना है।
क्वारंटीन लोगों को दें मूलभूत सुविधा
मुख्य सचिव ने सरकार के द्वारा विभिन्न स्थानों पर क्वारंटीन किए गए लोगों को मूलभूत सुविधा देने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि क्वारंटीन लोग उबे नहीं, इसके लिए क्वारंटीन सेंटर के किसी हॉल में टीवी की सुविधा भी दें, लेकिन सोशल डिसटेंसिंग का पूरा ख्याल रखें। उन्होंने वहां समाचारपत्र भी देने का निर्देश दिया और हिदायत दी की पढ़ने के बाद उस समाचारपत्र को पूरी तरह नष्ट कर दें। उन्होंने पूरे प्रदेश में होम क्वारंटीन सभी लोगों पर भी सतत निगरानी रखने का निर्देश दिया। उन्होंने मुखिया, सहिया और सेविका के माध्यम से होम क्वारंटीन लोगों के संबंध में लगातार फीडबैक लेने का निर्देश दिया साथ ही ऐसे लोग किसी भी हाल में गांव की गलियों में घूमे नहीं, यह सुनिश्चित करने का निदेश दिया। वहीं किसी में भी कोरोना के लक्षण दिखे, तो तत्काल उनकी जांच कराने की व्यवस्था की जाए। क्वारंटीन स्थलों से लोग निकले नहीं, इसकी भी निगरानी रखें। मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे प्रतिदिन पांच मुखिया से व्यक्तिगत तौर पर बात करें और उस इलाके का फीडबैक लें।
कोविड अस्पतालों के लिए बना लें चेक लिस्ट
मुख्य सचिव ने उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे चिह्नित कोविड अस्पतालों में जरूरी सुविधा की चेक लिस्ट बनाकर उसे अमलीजामा पहनाएं। प्रोटोकॉल के अनुसार वहां तैनात होनेवाले चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों की ड्यूटी तय कर लें। अन्य डॉक्टरों को भी अलर्ट पर रखें। पी पी ई उपलब्ध है, लेकिन इसका उपयोग सिर्फ कोरोना पीड़ित मरीज के इलाज के दौरान ही करना है। उन्होंने कहा कि राज्य में ऑक्सीजन की कमी नहीं है। कोविड अस्पतालों के हर 50 बेड के अनुपात में 100 ऑक्सीजन सिलिंडर तैयार रखें।
लॉकडाउन के दौरान एम एच एम की गाइड लाइन का करें अनुपालन
मुख्य सचिव ने लॉकडाउन के दौरान मिनिस्ट्री ऑफ होम (एम एच एम) की गाइड लाइन के अनुपालन पर बल देते हुए कहा कि किसी भी हाल में उससे इतर लोगों को पास निर्गत नहीं करें। उन्होंने कहा कि गाइडलाइन में स्पष्ट है कि किसे लॉकडाउन के प्रतिबंधों से अलग रखा गया है। किसी भी कार्गो ट्रक को नहीं रोकना है। लेकिन, यह निगरानी जरूर रखनी है कि उस पर सवार होकर लोग यात्रा नहीं करें।