Jharkhand Lockdown Day 4: झारखंड में दाल-रोटी के लाले, गेहूं आउट ऑफ स्टॉक-दलहन भी गायब
Jharkhand Lockdown Day 4 झारखंड में गेहूं आउट ऑफ स्टॉक दलहन की भी कमी हो गई है खाद्य सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री ने कहा कालाबाजारी हो रही...
रांची, राज्य ब्यूरो : Jharkhand Lockdown Day 4 झारखंड की मंडियों से गेहूं लगभग आउट ऑफ स्टॉक हो गया है। इसका एक बड़ा कारण यह है कि खुदरा दुकानदारों ने इसका स्टॉक कर लिया और बाहर से गेहूं नहीं आ पा रहा है। अगले दो-तीन दिनों में दलहन के साथ भी यही समस्या आने वाली है। तमाम दालों के स्टॉक अभी से कम दिखने लगे हैं। हालांकि चावल और आटा की पर्याप्त मात्रा फिलहाल उपलब्ध है। सरकार ने थोक बाजार की सुध न ली तो आने वाले दिनों में इसका भी संकट सामने आ सकता है।
झारखंड में महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के ग्वालियर से गेहूं की आवक लगभग थम सी गई है। कोरोना के कारण परिवहन पर खराब प्रभाव पड़ा है और यही वजह है कि इस वक्त गेहूं की कमी हो गई है। व्यापारियों के मुताबिक परिवहन के लिए ट्रकों की कमी नहीं है लेकिन किसानों के पास मजदूर और मंडी में कुली अवश्य कम हो गए हैं। अभी वही ट्रक झारखंड की मंडियों में पहुंच रहे हैं, जो पांच-सात दिन पहले निकल चुके थे। ट्रक ऑपरेटरों को ड्राइवर और खलासी की सेवा पूरी तरह से उपलब्ध नहीं हो पा रही है और अगर किसी को मिल भी रही है तो रास्ते में आने वाली कठिनाइयों को लेकर परिवहन उद्योग सकते में है। गुरुवार को ग्वालियर से ट्रक लेकर रांची पहुंचे रवि बताते हैं कि सबसे बड़ी चिंता रास्ते में खाने-पीने और ट्रकों में किसी तरह की गड़बड़ी होने की स्थिति में उसकी मरम्मत को लेकर है।
पंडरा बाजार समिति में थोक व्यवसायी विजेंद्र प्रसाद के अनुसार गेहूं के बाद सबसे बड़ी समस्या दलहन के साथ आने वाली है। अभी से ही परेशानी दिखने लगी है। बाजार में अरहर दाल का स्टॉक एकदम कम हो गया है जबकि चना और अन्य दाल भी धीरे-धीरे कम हो रहे हैं। धनबाद बाजार समिति के थोक व्यवसायी विकास के अनुरोध आटा मिलों ने बड़े पैमाने पर गेहूं की खरीदारी कर ली और अब आवक बंद है। हालांकि वे आश्वस्त है कि अगले चार-पांच दिनों में आपूर्ति बढ़ी तो समस्या का समाधान भी हो जाएगा।
विजेंद्र बताते हैं कि अभी बाजार में काबुली चना और मूंगफली के दाने भी कम आ रहे हैं। हालत यह है कि पिछले 15 दिनों में मूंगफली के दानों की थोक कीमत में 30 रुपये प्रति किलो तक की बढ़ोतरी हो गई है। उनके अनुसार सरकार की पहल पर ही ट्रांसपोर्टर हिम्मत करेंगे और तब जाकर बाजार की स्थिति सामान्य होगी। फिलहाल तो कुछ व्यवसायियों को आटे की कमी की भी चिंता सता रही है।
दूध की मांग घटी, गड़बड़ाया सप्लाई-डिमांड का संतुलन
कोरोना को लेकर किए गए लॉकडाउन ने राज्य में आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई और डिमांड का संतुलन बिगाड़ दिया है। खाद्यान्न की मांग बढऩे और आपूर्ति कम होने से अभी से संकट बढऩे के आसार दिखाई देने लगे है। दूध की सप्लाई अधिक और डिमांड कम होने से झारखंड मिल्क फेडरेशन ने फिलहाल दूध का उठाव कुछ दिनों तक न करने का निर्णय लिया है। झारखंड मिल्क फेडरेशन ने मेधा दूध की मांग में गिरावट आने के कारण 29 मार्च तक दूध का उठाव न करने का फैसला लिया है। फेडरेशन की दूध उत्पादन क्षमता 1.20-1.35 लाख लीटर प्रतिदिन की है। मौजूदा समय में मांग घटकर एक तिहाई से कम (35 हजार लीटर प्रतिदिन) रह गई है। दूध का स्टॉक बढ़कर चार लाख लीटर से अधिक हो गया है। इससे अधिक स्टॉक रखने की क्षमता फेडरेशन के पास नहीं है। इसलिए उसने कुछ दिन दूध लेना बंद करने का निर्णय लिया है। फेडरेशन के इस निर्णय का सीधा असर दुग्ध उत्पादन करने वाले किसानों पर पड़ा है। सीधे तौर पर उनकी आजीविका प्रभावित हुई है। किसानों ने मुख्यमंत्री को ट्वीट कर अपनी समस्या से अवगत कराया है। किसानों की परेशानी सिर्फ यहीं खत्म नहीं हो रही है। यदि बाजार में दूध की डिमांड थमी रही तो आगे भी दूध का उठाव रोका जा सकता है।
विधायक ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
बोकारो के विधायक बिरंची नारायण ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिख उनका ध्यान खाद्यान्न संकट की ओर दिलाया है। विधायक ने कहा है कि राज्य में खाद्यान्न भंडारण की स्थिति नाजुक होने की सूचनाएं प्राप्त हो रहीं है। खाद्यान्न भंडारण की स्थिति को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है।
किसी को जमाखोरी नहीं करने दी जाएगी। इसकी जांच के लिए हम लोगों ने फ्लाइंग स्क्वायड हर प्रखंड में बनाया है। जहां तक गेहूं की बात है तो एफसीआई को निर्देश दे दिया गया है कि वह आटा मिलों को बाजार दर पर गेहूं उपलब्ध कराएं ताकि लोगों को आटा की कमी ना रहे। रामेश्वर उरांव, मंत्री, खाद्य आपूर्ति एवं वित्त विभाग।
गेहूं की कमी की जानकारी सरकार को है और अभी-अभी हमने बैठक कर इसके लिए आवश्यक निर्देश दिए हैं। फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को निर्देशित किया गया है कि वह बाजार को भी गेहूं उपलब्ध कराएं ताकि लोगों को रोटी की कमी न हो। यही गेहूं आटा मिलों को मुहैया कराया जाएगा।अरुण कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग।