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भत्ता देने की घोषणा से बेरोजगारों के निबंधन में जबर्दस्त उछाल

राज्य ब्यूरो रांची राज्य सरकार ने बेरोजगार युवाओं को प्रोत्साहन भत्ता देने की घोषणा की है। इसके बाद नियोजनालय में निबंधन कराने वालों की नंबर बढ़ गई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 02:22 AM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 06:19 AM (IST)
भत्ता देने की घोषणा से बेरोजगारों के निबंधन में जबर्दस्त उछाल
भत्ता देने की घोषणा से बेरोजगारों के निबंधन में जबर्दस्त उछाल

राज्य ब्यूरो, रांची : राज्य सरकार ने बेरोजगार युवाओं को प्रोत्साहन भत्ता देने की घोषणा की तो नियोजनालयों में निबंधन में जबर्दस्त उछाल आ गया। एक माह में नियोजनालयों में निबंधन की संख्या दोगुनी हो गई है। नियोजनालयों में पिछले माह तक निबंधित युवाओं की संख्या महज 2.54 लाख थी। अब इनमें निबंधित बेरोजगार युवाओं की संख्या मंगलवार तक बढ़कर 5,40,893 हो गई है। इनमें 3,97,498 पुरुष तथा 1,43,395 महिला हैं।

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नियोजनालयों के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी माह में महज 8,305 युवाओं ने अपना निबंधन कराया था। इस माह अभी तक 2,90,560 युवा अपना निबंधन करा चुके हैं। इस माह एक दिन में अधिकतम लगभग 12 हजार युवाओं ने अपना निबंधन कराया। बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नियोजनालयों को दुरुस्त करने तथा कैंप लगाकर बेरोजगार युवाओं के निबंधन का आदेश दिया है, ताकि उनका नियोजन कराया जा सके। राज्य सरकार बेरोजगार युवाओं को भत्ता देने की भी तैयारी कर रही है। इधर, मुख्य सचिव डा. डीके तिवारी ने मंगलवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान उपायुक्तों को इसमें और तेजी लाने का निर्देश दिया।

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योग्यता के अनुसार कुल निबंधित बेरोजगार

मिडिल पास : 6,114

दसवीं पास : 1,30,502

बारहवीं पास : 1,87,743

स्नातक : 1,72,657

स्नातकोत्तर : 31,893

पीएचडी : 62

आइटीआइ : 47,179

डिप्लोमा पास : 53,911

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श्रेणीवार निबंधन

सामान्य : 1,08,778

एससी : 59,962

एसटी : 1,02,230

ओबीसी : 1,93,938

बीसी : 75,452। आवेदनों को रिजेक्ट करने वालों पर कार्रवाई करें डीसी : मुख्य सचिव

रांची : मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी ने वैसे कर्मियों-अधिकारियों की पहचान करने का निर्देश दिया है, जिन्होंने आम लोगों के आवेदनों को गलत तरीके से खारिज कर दिया है और ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है। जाति, आवासीय, आय प्रमाण पत्र सहित दाखिल खारिज के आवेदनों को गलत ढंग से निरस्त करने या लौटाने के मामलों पर वे वीडियो कांफ्रेंसिंग कर रहे थे। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि उपायुक्त खुद ऐसे मामलों का सैंपल टेस्ट करें और दोषी को चिह्नित कर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू करें। बैठक में प्रधान सचिव एपी सिंह, अविनाश कुमार, अजय कुमार सिंह, सचिव केके सोन, अमिताभ कौशल आदि मौजूद थे।

मुख्य सचिव ने कहा कि कुछ जिलों में जाति, आवासीय और दाखिल खारिज के मामलों को निरस्त करने या लौटाने का उच्च प्रतिशत गुड गवनर्ेंस पर सवाल खड़ा करता है। उन जिलों के उपायुक्तों को यथाशीघ्र इस दिशा में सकारात्मक पहल करने का निर्देश भी दिया। मुख्य सचिव ने उपायुक्तों को व्यवस्था की कार्यशैली में बदलाव पर जोर दिया।

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राइट टू सर्विस एक्ट का कड़ाई से करें पालन :

मुख्य सचिव ने राइट टू सर्विस एक्ट के तहत जनता से जुड़ी सेवा तय समय सीमा के भीतर देने पर जोर देते हुए इसे दृढ़ता से पालन करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इससे आम लोगों का व्यवस्था के प्रति संतुष्टि का भाव बढ़ेगा।

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मार्च तक किसी का पेंशन व मानदेय भुगतान बकाया नहीं रहे :

मुख्य सचिव ने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि सामाजिक सुरक्षा के तहत वृद्धा, विधवा, दिव्याग पेंशन का भुगतान मार्च तक सभी को मिल जाए। अगर इस मद का समय पर आवंटन नहीं मिले, तो विभागीय सचिव को बताते हुए उन्हें भी सूचित करें। वहीं, लाभुकों का सत्यापन सर्टिफिकेट विभाग को यथाशीघ्र उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। विभागीय सचिव द्वारा बताया गया कि राज्य के 24 में से 17 जिलों के आगनबाड़ी सेविका का मानदेय जनवरी तक का दिया जा चुका है। पारा, मदरसा और संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों का भी मानदेय लंबित नहीं है।

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कोयला कंपनियों से जमीन का बकाया वसूलें :

मुख्य सचिव ने सभी कोयला कंपनियों को दिए गए सरकारी जमीन का बकाया वसूलने का निर्देश उपायुक्तों को दिया है। उन्होंने ऐसी जमीनों पर सरकारी जमीन का बोर्ड लगाने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इस मद में काफी राशि की वसूली की जानी है। वहीं, जिलों में विभिन्न विभागों को दी गई सरकारी जमीन की भौतिक स्थिति बताने का भी निर्देश दिया है।

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चमकेंगे प्रखंड व अंचल भवन :

मुख्य सचिव ने सरकारी भवनों को सरकार का चेहरा बताते हुए इसके उचित देखरेख पर बल दिया। उन्होंने ऐसे तमाम भवनों की सधारण मरम्मत कर रंगाई-पुताई का निर्देश दिया। विभाग द्वारा 260 अंचल कार्यालयों को इस मद में दिए गए प्रति अंचल 3.75 लाख रुपये से मार्च के भीतर कार्य कराने का निर्देश दिया। विभिन्न उपकरणों के लिए प्रति अंचल ढाई लाख रुपये का उपयोग भी सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया।


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