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वित्त और कृषि दोनों कांग्रेस के पास, फिर क्यों नहीं हुआ ऋण माफ; दिल्‍ली में सोनिया से मिले 4 मंत्री

Farmers Loan Waiver कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी से झारखंड के चार मंत्रियों ने प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह के साथ मुलाकात कर चुनावी घोषणाओं पर अमल के बारे में जानकारी दी।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 25 Feb 2020 05:11 PM (IST)Updated: Tue, 25 Feb 2020 08:05 PM (IST)
वित्त और कृषि दोनों कांग्रेस के पास, फिर क्यों नहीं हुआ ऋण माफ; दिल्‍ली में सोनिया से मिले 4 मंत्री
वित्त और कृषि दोनों कांग्रेस के पास, फिर क्यों नहीं हुआ ऋण माफ; दिल्‍ली में सोनिया से मिले 4 मंत्री

रांची, राज्य ब्यूरो। Farmers Loan Waiver  हेमंत मंत्रिमंडल में शामिल कांग्रेस के चारों मंत्रियों ने मंगलवार की शाम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। मंत्री बनने के बाद पहली बार नई दिल्ली पहुंचे नेताओं ने सोनिया गांधी को प्रदेश का हालचाल बताया। इस दौरान नेताओं ने अपने विभागों में किए जा रहे कार्यों की भी जानकारी दी। सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद चारों मंत्री प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह से मिलने पहुंचे। बताया जाता है कि वहां मंत्रियों ने अब तक किए कार्यों और घोषणापत्र के अनुसार उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी दी। चारों मंत्री बुधवार को वापस रांची लौटेंगे। ज्ञात हो कि मंत्री बनने के बाद नेताओं ने एक साथ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने के लिए समय मांगा था जिसके बाद उन्हें मंगलवार का समय दिया गया था।

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झारखंड में सरकार बनने के बाद कांग्रेस के चारों मंत्री यूं तो दिल्‍ली पहुंचे औपचारिक तौर पर सोनिया गांधी से मुलाकात करने लेकिन कहीं न कहीं उन्हें अपनी रिपोर्ट भी देनी थी। यह भी बताना था कि राज्य में किसानों का ऋण माफ करने की घोषणा कर सत्ता में आई पार्टी ने आखिर किन कारणों से इसे अब तक अमलीजामा नहीं पहुंचाया। खासतौर पर तब जब वित्त विभाग से लेकर कृषि विभाग तक कांग्रेस के पास है। कांग्रेस को ग्रामीण इलाकों की समस्या का समाधान खोजने को ग्रामीण विकास विभाग भी मिला हुआ है।

सोनिया गांधी से मुलाकात करने वाले मंत्रियों में बन्‍ना गुप्‍ता, बादल, रामेश्‍वर उरांव और आलमगीर आलम शामिल हैं। इनके साथ प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह भी मौजूद रहे। इस दौरान कांग्रेसी मंत्रि‍यों ने अपनी-अपनी रिपोर्ट तो आलाकमान को सौंपी लेकिन कुछ मुद्दाें पर जल्‍द काम आगे बढ़ाने की हिदायत दी गई। माना जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग के कार्यों से मंत्री बन्ना गुप्ता ने पार्टी आलाकमान को आसानी से संतुष्ट कर दिया।

सरकार गठन के दो महीने बाद पहुंचे इन मंत्रियों से इस दौरान किए गए कार्यों की रिपोर्ट ली गई। पार्टी सूत्रों की मानें तो सभी मंत्री अपने-अपने स्तर से तैयारी करके पहुंचे थे। इसके अलावा राज्य की आर्थिक स्थिति का हवाला देकर भी पार्टी के शीर्ष नेताओं को समझाया गया।


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