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जैविक विधि से संवरती है राजभवन की बगिया

रांची राजभवन का उद्यान 52 एकड़ में फैला हुआ है। राजभवन के बाग में उगाई

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 10:19 PM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 01:51 AM (IST)
जैविक विधि से संवरती है राजभवन की बगिया
जैविक विधि से संवरती है राजभवन की बगिया

जागरण संवाददाता, रांची : राजभवन का उद्यान 52 एकड़ में फैला हुआ है। राजभवन के बाग में उगाई गई सब्जी और अनाज का ही राज्यपाल की खाने में इस्तेमाल होता है। इससे भी बड़ी बात ये है कि यहां जैविक खाद के इस्तेमाल से हर प्रकार के फल, सब्जी और अनाज उगाए जाते हैं। गोबर, गो मूत्र, और खर पतवार से खाद तैयार किया जाता है। उद्यान में कहीं भी रासायनिक खाद और कीटनाशक का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। उद्यान में अपने संसाधनों से 30 टन से ज्यादा जैविक खाद का उत्पादन किया जाता है। इसमें राजभवन की गोशाला के पशुओं की विशेष भूमिका होती है। साथ ही वर्मी खाद के लिए चार यूनिट लगाई गई है। इससे 4 टन केंचुआ खाद तैयार किया जाता है। उद्यान की देख -रेख में जुटे विशेषज्ञ एक साल में लगभग 12 टन जैवअमृत और इतनी ही मात्रा में कंपोस्ट तैयार करते हैं। उद्यान में कंपोस्ट के लिए नौ और अजोला के चार यूनिट लगाई गई हैं। बड़े इलाके में फैले पार्क से रोज सूखी पत्तियां आदि को इकट्ठा करके बड़े हौद में डालकर खाद बनाया जाता है। मसालों की भी होती है खेती

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राजभवन के उद्यान में सब्जियों के अलावा तेजपत्ता, लौंग, कवाब, दालचीनी, इलायची आदि मसालों की भी खेती होती है। इसके अलावा मशरूम रुद्राक्ष, रोड़ी, सिंदूर, कल्पतरु, स्ट्रॉबेरी, अनानास, चीकू, कर्पूर, हिग आदि के पौधे भी हैं। इस वक्त उद्यान में करीब 15 हजार पेड़ हैं। यहां जैविक खाद और कीटनाशक का प्रयोग होने से मिंट्टी की उपज काफी अच्छी है। गाधी औषधि गार्डेन में हैं 35 किस्म की जड़ी-बूटिया

राजभवन में जैविक विधि से एक औषधि पार्क भी बनाया गया है। इसका नाम गाधी औषधि गार्डेन रखा गया है। इसमें 35 प्रकार की जड़ी-बूटिया हैं। कई औषधीय पौधे और पेड़ यहा लगे हुए हैं। बबुई तुलसी, अश्वगंधा, लवंग, बिलायती धनिया, गंध प्रसारिणी, सर्पगंधा, मशकदाना आदि हैं। इसके अलावा यहां फूलों से सजे कई बाग हैं। जिसमें सैकड़ों तरह के गुलाब और कई किस्म के सुंदर फूल हैं।


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