ग्रामीण तैराकों को आपदा प्रबंधन से जोड़ेगी सरकार, देगी प्रशिक्षण
Jharkhand. आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा बैठक के बाद मंत्री बन्ना गुप्ता ने घोषणा की। कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण बनाना पहला लक्ष्य है।
रांची, राज्य ब्यूरो। आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री बन्ना गुप्ता ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की कि ग्रामीणों को विभाग से जोड़ना उनकी प्राथमिकताओं में से एक है। कहा कि डैम, नदी, तालाब के किनारे रहने वाले वैसे ग्रामीण बच्चे जो किसी भी वक्त जान पर खेलकर डूबते को बचाते हैं, उन्हें आपदा मित्र बनाया जाएगा। ऐसे बच्चों को चिन्हित कर आपदा प्रबंधन विभाग उन्हें विशेष रूप से प्रशिक्षित करेगा और अत्याधुनिक उपकरणों से लैस करेगा।
इससे उन्हें रोजगार मिलेगा और ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण सरकार से जुड़ेंगे। मंत्री बन्ना गुप्ता मंगलवार को नेपाल हाउस में आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने विभाग की प्राथमिकताएं बताई। कहा कि पहली प्राथमिकता यह है कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) का गठन हो। इसके लिए अधिकारियों ने 80 फीसद काम पूरा कर लिया है
इसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री, उपाध्यक्ष आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री और सदस्यों में गृह सचिव व अन्य विभागीय सचिव होंगे। शीघ्र ही फाइल विधि विभाग, वित्त विभाग के बाद कैबिनेट को भेजा जाएगा ताकि एसडीएमए अस्तित्व में आ जाए। एसडीएमए अस्तित्व में आते ही आपदा प्रबंधन विभाग स्वतंत्र रूप से बेहतर तरीके से कार्य करना शुरू कर देगा। विभाग में कौन-कौन से अधिकारी होंगे, कैसा इंफ्रास्ट्रक्चर होगा, कौन-कौन से उपकरणों की जरूरत होगी, पैसे का कहां-कहां उपयोग होगा, इस संबंध में शीघ्र ही निर्णय लिया जाएगा।
आपदा प्रबंधन विभाग का अपना भवन होगा, जहां प्रशिक्षण से लेकर अन्य सुविधाएं उपलब्ध रहेगा। इसके लिए नामकुम में पांच एकड़ जमीन देखी गई है। जहां तक संसाधन की बात है, पुलिस मुख्यालय में आपदा प्रबंधन से संबंधित तककरीब 10 करोड़ के सामान पड़े हुए हैं, जिनका कोई उपयोग नहीं हो रहा है। इसपर भी विचार किया जा रहा है। मंत्री के साथ समीक्षा बैठक में गृह-कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, एडीजी आधुनिकीकरण आरके मल्लिक, आपदा प्रबंधन विभाग के संयुक्त सचिव मनीष कुमार तिवारी व अन्य अधिकारी मौजूद थे।
एसडीआरएफ में रिटायर्ड सैनिकों को भी जोड़ने की है योजना
एनडीआरएफ की तर्ज पर ही राज्य आपदा मोचन बल यानी एसडीआरएफ को तैयार किया जा रहा है। इसके लिए वर्तमान में पुलिस मुख्यालय से 132 जवान मिल रहे हैं। योजना है कि एसडीआरएफ में पूर्व सैनिक बीएसएफ और एयरफोर्स के जवानों को भी लाया जाये।
अगर सर्पदंश आपदा है तो हाथी से मौत क्यों नहीं
आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि सर्पदंश को आपदा से जोड़ा गया है और इसके एवज में मुआवजा मिलता है। राज्य में हाथी से कुचलने के मामले भी बहुत आते हैं। ऐसी स्थिति में हाथी से होने वाली मौतों व नुकसान को भी आपदा प्रबंधन से जोड़ने की योजना है।
मोबाइल कंपनियों से करेंगे टाइअप, वज्रपात की पूर्व सूचना जन-जन तक पहुंचेगी
मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि राज्य में वज्रपात से प्रतिवर्ष ढाई सौ से भी ज्यादा लोगों की मौत होती है। आपदा प्रबंधन विभाग ने एक सिस्टम डेवलप किया है जिससे प्रत्येक व्यक्ति के मोबाइल पर वज्रपात के पूर्व सूचना पहुंच जाएगी। अब विभाग मोबाइल टावर कंपनियां जैसे जियो, एयरटेल, बीएसएनएल आदि के साथ टाइअप करने जा रही है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक वज्रपात से पूर्व की सूचना पहुंच सके।
सिविल डिफेंस और फायर ब्रिगेड को भी आपदा से जोड़ने की तैयारी
मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि सिविल डिफेंस और फायर ब्रिगेड को भी आपदा से जोड़ने की तैयारी है। बड़े-बड़े भवन बन रहे हैं। ऐसे भवन आपदा प्रबंधन के मानक पर कितने खरे हैं, यह जांच के बाद ही पता चल पाएगा। ऐसे भवनों को आपदा प्रबंधन विभाग से एनओसी मिलनी चाहिए। कमर्शियल भवनों में कैसे रॉड लग रहे हैं, किस तरह का सामान लग रहा है, कितनी मजबूत नींव है, प्रत्येक बिंदुओं पर जांच की जरूरत है ताकि भविष्य में कोई हादसा ना हो।