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सीयूजे की कार्यशाला में देश के 200 रिसर्च स्कॉलर एवं फैकल्टी ने भाग लिया

केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड में ‘डाटा एनालिटिक्स एंड मशीन लर्निंग’ पर पांच दिवसीय कार्यशाला का समापन हो गया है। यह कार्यशाला एआइसीटीइ नई दिल्ली द्वारा अटल योजना के तहत आयोजित की गई थी। इसमें देश के अलग-अलग संस्थानों के 200 रिसर्च स्कॉलर एवं फैकल्टी ने भाग लिया।

By Kanchan SinghEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 01:23 PM (IST)Updated: Fri, 24 Sep 2021 01:23 PM (IST)
सीयूजे की कार्यशाला में देश के 200 रिसर्च स्कॉलर एवं फैकल्टी ने भाग लिया
केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड में ‘डाटा एनालिटिक्स एंड मशीन लर्निंग’ पर कार्यशाला हुई।

रांची,जासं। केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड के कंप्यूटर विज्ञान एंड टेक्नोलॉजी विभाग की ओर से आयोजित ‘डाटा एनालिटिक्स एंड मशीन लर्निंग’ पर पांच दिवसीय कार्यशाला का समापन हो गया है। यह कार्यशाला एआइसीटीइ नई दिल्ली द्वारा अटल योजना के तहत आयोजित की गई थी। पांच दिवसीय इस कार्यशाला में देश के अलग-अलग संस्थानों के 200 रिसर्च स्कॉलर एवं फैकल्टी ने भाग लिया। कार्यशाला में देश तथा विदेश के कई अग्रणी संस्थानों के विद्वानों ने अपने व्याख्यान दिए। मुख्य तौर पर जीएसएम लंदन के टेक्निकल डायरेक्टर श्री गौतम हजारी ने मशीन लर्निंग के विभिन्न प्रयोगों और उपयोगों में इसकी संलग्नता को विस्तार से बताया।

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प्रो. एके  नायक ने डेटा एनालिटिक्स में चुनौतियां और मुद्दे पर व्याख्यान दिया। प्रो प्रमोद कुमार मिश्रा (कंप्यूटर विज्ञान विभाग, बीएचयू) ने ‘फंडामेंटल ऑफ डेटा साइंस’ पर अपना व्याख्यान दिया। पुष्पेंद्र कुमार (कंप्यूटर साइंस एंड टेक्नोलॉजी, सीयूजे) ने ‘हैंड्स ऑन सेसन के साथ मशीन लर्निंग और डिसीजन ट्री क्लासीफायर’ पर व्याख्यान दिया। डा कनौजिया सिंधुवेन बाबूलाल (कंप्यूटर साइंस एंड टेक्नोलॉजी, सीयूजे) ने ‘जेनेटिक एल्गोरिथम’ पर व्याख्यान दिया। प्रो दिलीप कुमार यादव (एनआईटी, जमशेदपुर) ने ‘रीग्रेसन एनालाइसिस’ पर व्याख्यान दिया।

प्रो संजय कुमार सिंह (आइआइटी, बीएचयू ) ने बताया कि डेटा साइंस का उपयोग वास्तविक समस्या के समाधान में कैसे किया जा सकता है।डा खुमुक्चम रोबिंद्रो सिंह (मनीपुर यूनिवर्सिटी) ने ‘क्लासीफिकेशन यूजिंग के-एनएन: ए न्यू एप्रोच’ पर व्याख्यान दिया। डा धर्मेंद्र सिंह राजपूत (बीआइटी, वेल्लोर) ने ‘सेंटीमेंट एनालिसिसस यूजिंग मशीन लर्निंग’ विषय पर अपनी बातें रखीं।

अभिषेक कुमार सिंह (डायरेक्टर ‘ऑपरेशन’, एसेंचर, नई दिल्ली) ने ‘राईज ऑफ एआइ एंड डेटा साइंस: इम्पेक्टिंग आवर डेली लाइफ’ पर अपना व्याख्यान दिया। डा रामजीत सिंह यादव (आरएमएलए यूनिवर्सिटी, यूपी) ने ‘साफ्ट सेट बेस्ड डेटा एनालिटिक्स’ पर अपना व्याख्यान दिया। डा चंद्रा मौली (सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ तमिलनाडु ने ‘ऑटो इनकोडर इन डीप लर्निंग’ पर अपना व्याख्यान दिया। डा चंद्रमनी शर्मा (यूपीइएस देहरादून) ने ‘इमेज क्लासीफिकेशन यूजिंग सीएनएन, आरएनएन एंड एलएसटीएम विद हेंड्स ऑन सेशन’ पर अपना व्याख्यान दिया।

डा प्रशांत प्रसून एआइ इन हेल्थकेयर फोर दी नेक्स्ट सेंचुरिस पर अपना व्याख्यान दिया। प्रो कमल राज परदसानी (एनआइटी भोपाल) ने साफ्ट सेट बेस्ड मॉड्ल्स फार डेटा एनालिटिक्स एंड मशीन लर्निंग पर अपना व्याख्यान दिया। इस कार्यक्रम के समापन समारोह में प्रो एससी यादव ने डेटा के महत्व को बताते हुए कहा कि यह 21 वीं सेंचुरी का क्रूड आयल है। कार्यशाला का समापन प्रो एके नायक (पूर्व अध्यक्ष और फेलो - सीएसआइ, सदस्य - आल इंडिया बोर्ड इन आइटी एजुकेशन और सलाहकार, आइआइबीएम और जेडएचआइ और एनआइटी भोपाल के वरिष्ठ प्रोफेसर कमल राज परदसानी के संबोधन से हुआ। इस अवसर पर कार्यशाला के समन्वयक प्रो एससी यादव, डा प्रशांत प्रसुन, डा कनौजिया सिंधुवेन बाबूलाल, पुष्पेंद्र कुमार आदि उपस्थित थे।


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