Jharkhand High Court: हाई कोर्ट के 3 एडिशनल जज बनेंगे स्थाई जज, सुप्रीम कोर्ट की कोलेजियम ने भेजी अनुशंसा
Jharkhand High Court दो साल पहले जस्टिस राजेश कुमार जस्टिस अनुभा रावत चौधरी और जस्टिस केपी देव एजिशनल जज बने थे।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के तीन एडिशनल जजों को स्थाई जज बनाया गया है। सुप्रीम कोर्ट की कोलेजियम ने एडिशनल जज जस्टिस राजेश कुमार, जस्टिस अनुभा रावत चौधरी और जस्टिस कैलाश प्रसाद देव की नियुक्ति स्थाई जज के रूप में करने की अनुशंसा की है। उक्त अनुशंसा केंद्र सरकार को भेज दी गई है। केंद्र सरकार की ओर से अधिसूचना जारी होने के बाद इन्हें स्थाई जज की शपथ दिलाई जाएगी। दो साल पहले इन्हें हाई कोर्ट का एडिशनल जज बनाया गया था।
जस्टिस राजेश कुमार
हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार का जन्म बिहार के बाढ़ में हुआ था। इनके पिता का नाम बिन्देश्वरी सिंह है। इनकी प्रारंभिक शिक्षा सिकिदरी प्रोजेक्ट स्कूल, रांची में हुई थी। जस्टिस राजेश कुमार ने रांची के रातू रोड स्थित सरकारी स्कूल से हाई स्कूल की पढ़ाई की। सेंट जेवियर कॉलेज से इन्होंने इंटर की पढ़ाई। आगे की पढ़ाई के लिए ये दिल्ली चले गए। दिल्ली विश्वविद्यालय से गणित (सांख्यकी) में ऑनर्स किया। इसके बाद 1990-93 में यहीं से लॉ की डिग्री ली। डिग्री मिलने के बाद 1994 में इन्होंने तीस हजारी कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू कर दिया। 1996 में झारखंड हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे। वर्ष 2011 से 2017 तक सरकारी वकील रहे।
जस्टिस अनुभा रावत चौधरी
इनकी शुरुआती पढ़ाई रांची स्थित गुरुनानक स्कूल में हुई। यहीं से इन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई की। दिल्ली विश्वविद्यालय से इन्होंने भौतिकी में ऑनर्स किया। इन्होंने लॉ की पढ़ाई यहीं से की और 1995 में ये पटना हाई कोर्ट के रांची बेंच में प्रैक्टिस करने लगी। हाई कोर्ट में भारत सरकार की वकील रहीं। कई बैंकों के पैनल में वकील थीं। जस्टिस अनुभा रावत झालसा बोर्ड की सदस्य भी थीं। इन्होंने जनहित के कई मामलों में न्याय मित्र के तौर पर जुड़ी रहीं।
जस्टिस कैलाश प्रसाद देव
जस्टिस कैलाश प्रसाद देव का जन्म देवघर जिले के करनीबाग मोहल्ले में 1 अगस्त 1967 में हुआ था। इनके पिता स्वर्गीय सत्येंद्र प्रसाद देव संयुक्त बिहार में डीएसपी रहे। बेहतर सेवा के लिए उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक से नवाजा गया था। इनकी प्रारंभिक पढ़ाई देवघर में हुई थी। इसके बाद मुंगेर, भागलपुर और पटना में आगे पढ़ाई हुई। दिल्ली में लॉ की डिग्री लेने के बाद इन्होंने 1996 में देवघर सिविल कोर्ट में प्रैक्टिस प्रांरभ की। इसके बाद वे पटना हाई कोर्ट चले गए। झारखंड हाई कोर्ट बनने के बाद ये रांची आ गए और सरकार के विभिन्न विभाग व सीबीआइ के अधिवक्ता रह चुके हैैं।