पलामू के हर्ष सिंह हत्याकांड में हाई कोर्ट ने CID को फटकारा, पूछा- 10 साल में क्यों पूरी नहीं हुई जांच
CID एडीजी ने अदालत में कहा कि इस मामले में जांच पूरी हो गयी है। 15 दिनों में निचली अदालत में अंतिम चार्जशीट दाखिल करने पर निर्णय हो जाएगा।
रांची, राज्य ब्यूरो। पलामू के हर्ष सिंह हत्याकांड मामले में हाई कोर्ट ने सीआइडी को कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई के क्रम में सीआइडी से जानना चाहा कि आखिर ऐसी क्या वहज है कि 10 साल में भी इस हत्याकांड की जांच पूरी नहीं हो सकी। जस्टिस आनन्द सेन की अदालत ने धीमी जांच पर सीआईडी के एडीजी को फटकार लगाई। कोर्ट ने उनसे सीधा सवाल पूछा कि 10 साल बाद भी मामले जांच क्यों नहीं पूरी हुई। एडीजी ने अदालत में कहा कि इस मामले में जांच पूरी हो गयी है। 15 दिनों में निचली अदालत में अंतिम चार्जशीट दाखिल करने पर निर्णय हो जाएगा। इस मामले में पांकी के विधायक देवेंद्र सिंह उर्फ बिट्टू सिंह सहित तीन लोगों को आरोपित बनाया गया है।
हर्ष सिंह हत्याकांड की जांच पूरी
झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत में शुक्रवार को मेदिनीनगर के चर्चित हर्ष सिंह हत्याकांड मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने दस साल में जांच पूरी नहीं होने पर सीआइडी के एडीजी को फटकार लगाई। अदालत ने एडीजी से पूछा कि जांच में इतनी देरी होने का मतलब यह समझा जाए कि इस मामले में आरोपितों के खिलाफ सीआइडी को कोई साक्ष्य नहीं मिला है या फिर ऐसी कोई घटना ही नहीं हुई है। अदालत ने एडीजी से पूछा इस मामले की जांच दस साल में भी क्यों नहीं पूरी हुई, इससे निष्पक्ष जांच पर सवाल उठते हैं। अदालत के आदेश पर सीआइडी के एडीजी अदालत में हाजिर हुए थे।
अदालत ने धीमी जांच पर एडीजी को लगाई फटकार
एडीजी की ओर से अदालत को बताया गया कि इस मामले में जांच पूरी कर ली गई है। 15 दिन के अंदर निचली अदालत में अंतिम आरोप पत्र दाखिल करने पर निर्णय ले लिया जाएगा। कहा कि इस मामले की जांच में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। इस पर अदालत ने एडीजी को अंतिम आरोप पत्र दाखिल करने के लिए एक माह का समय दिया और मामले की अगली सुनवाई आठ सप्ताह बाद निर्धारित की है। बता दें कि 18 अप्रैल 2009 को मेदिनीनगर में हर्ष सिंह की हत्या हुई थी।
विधायक देवेंद्र सिंह बिट्टू सहित तीन लोग हैं आरोपित
हत्या के बाद मेदिनीनगर के सदर थाने में मामला दर्ज किया गया, जिसमें विधायक देवेंद्र सिंह बिट्टू, उनके भतीजे मनोज सिंह और कालू सिंह को आरोपित बनाया गया। दस साल बीत जाने के बाद भी सीआइडी जांच पूरी नहीं कर सकी है। प्रार्थी का आरोप है कि आरोपितों की राजनीतिक पहुंच के चलते जांच को लटका कर रखा गया है। बता दें कि हर्ष सिंह के भाई करन सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर जल्द जांच की मांग की है।