Move to Jagran APP

पॉलीथिन खेतों की उर्वरा शक्ति को कर रहा नष्ट, बंद करें इसका उपयोग

सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान और सरकार के निर्देश के बाद भी प्लास्टिक का उपयोग जारी है. इससे खेतो की उर्वरा शक्ति भी समाप्त हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Sep 2019 04:10 AM (IST)Updated: Wed, 18 Sep 2019 06:33 AM (IST)
पॉलीथिन खेतों की उर्वरा शक्ति को कर रहा नष्ट, बंद करें इसका उपयोग
पॉलीथिन खेतों की उर्वरा शक्ति को कर रहा नष्ट, बंद करें इसका उपयोग

जागरण संवाददाता, रांची : सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान और सरकार के निर्देश के बाद 50 माइक्रॉन तक की पॉलीथिन पर रोक लगाई गई है, लेकिन इसके प्रचलन में कोई कमी नहीं दिख रही है। स्थिति यह है कि जो पर्यावरण की सेहत की चिता कर रहा है, वही जागरूक होकर इस ओर अपने कदम बढ़ा रहे हैं। पॉलीथिन व प्लास्टिक से बने उत्पाद खुले में जलाए जा रहे हैं। इससे वायु प्रदूषण तेजी से फैल रहा है। वहीं नाली व पानी में जाने से जल को प्रदूषण करने के साथ ही खतरनाक केमिकल भी पानी में घुल रहे हैं। खेतों में जाकर पॉलीथिन खेत की उर्वरक शक्ति को नष्ट कर रही हैं। इसका प्रभाव फसल उत्पादन पर भी पड़ रहा है। खाद्य पदार्थो को लेकर जाने से पॉलीथिन बेकार होने पर उसे फेंक दिया जाता है। उपजाऊ भूमि को बंजर बनाने वाली पॉलीथिन ही जिले में प्रदूषण का अहम कारण बनी हुई है। खुले में जला दिया जाता है प्लास्टिक व कूड़ा

loksabha election banner

नगर व गलियों में बिखरे कूड़ों को एकत्र करने के बाद नगर पालिका व नगर पंचायत शहर के बाहर खुले में जलाकर छोड़ देता है। कुछ साल पहले कचड़े के निष्पादन के लिए कई जगह डंपिंग यार्ड भी बनाए गए है लेकिन इसका इस्तेमाल न के बराबर ही हो रहा है। जगह-जगह बिखरे पड़े कूड़ों के ढ़ेर में पॉलीथिन ही बहुतायत संख्या में दिखाई पड़ती है। इसमें आग लगा दिया जाता है इससे महीनों तक वह धूएं के रूप में वातावरण को प्रदूषित करता रहता है। इसके प्रयोग पर रोकथाम लगाने में प्रशासन की लचर कार्यप्रणाली के चलते प्रत्येक माह जिले में कई कुंतल पॉलीथिन की खपत हो रही है। इसके प्रयोग से गंदगी को भी बढ़ावा मिल रहा है। -------------

रि-साइकिलिग की प्रक्रिया से भी प्रदूषण

रि-साइकिलिग किए गए या रंगीन प्लास्टिक थैलों में ऐसे रसायन होते हैं, जो जमीन में पहुंच जाते हैं और इससे मिट्टी और भूगर्भीय जल विषैला होता जा रहा है। जिन उद्योगों में पर्यावरण की दृष्टि से बेहतर तकनीक वाली रि-साइकिलिग इकाइया नहीं लगी होती, उनमें रि-साइकिलिग के दौरान पैदा होने वाले विषैले धुएं से वायु प्रदूषण फैल रहा है। प्लास्टिक एक ऐसा पदार्थ है, जो सहज रूप से मिट्टी में घुल-मिल नहीं सकता। इसे अगर मिट्टी में छोड़ दिया जाए, तो भूगर्भीय जल की रिचार्जिंग को रोक सकता है। ------------

पॉलीथिन से होने वाले नुकसान पर रोक लगाने के लिए सभी को उसका प्रयोग न करने का संकल्प लेना होगा। साथ ही इसके लिए पहल करनी चाहिए। जिसके उपरात ही पॉलीथिन की समस्या पर प्रभावी रोक लग सकेगी। लोगों को कागज एवं कपड़ों के थैले का उपयोग करना चाहिए।

-विकास पुष्पराज पॉलीथिन के उपयोग के कारण हमारी प्रकृति पूरी तरह से नष्ट हो रही है। इसका लोगों के जीवन पर भी गहरा प्रभाव पड़ रहा है। जितना हो सके लोगों के इसका उपयोग न करने के लिए जागरूक करना चाहिए। लोगों को बताना होगा कि यह किस तरह से हानिकारक है।

-अमित मिश्रा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.