ट्रैफिक रूल सबके लिए एक समान, जो भी तोड़ेंगे उनका कटेगा चालान
मोटरयान संशोधन बिल-2019 को सख्ती से लागू किया जा रहा है। इस कानून का पालन सभी को करना होगा। यातायात एसपी ने कहा कि सभी के लिए कानून बराबर है।
बिनीत भारती, रांची :
मोटरयान संशोधन बिल-2019 को सख्ती से लागू किया जा रहा है। इस कानून के लागू होने के बाद से दुर्घटनाओं में कमी आई है। यह नियम सबसे लिए एक समान है। चाहे सरकारी कर्मचारी हों या आम आदमी, जो भी नियम को तोड़ेंगे उनका चालान कटेगा। इस नियम को लागू करवाने के लिए जिम्मेदार ट्रैफिक पुलिस या अधिकारी यदि नियम को तोड़ते हैं तो उन्हें दोगुना जुर्माना देना होगा। यह बातें ट्रैफिक एसपी एपी डुंगडुंग ने सोमवार को दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित जागरण विमर्श कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि यह नियम व पूरा अभियान लोगों की सुरक्षा को लेकर है। यह किसी को परेशान करने के लिए नहीं है। बाइक चालक व पीछे बैठने वालों को हेलमेट पहनना जरूरी है। दुर्घटना की स्थिति में हेलमेट ही आपकी जान बचाती है। 95 फीसद दुर्घटनाओं में बाइक पर पीछे बैठने वाले ही गंभीर रूप से जख्मी होते हैं। डर से हेलमेट नहीं, अपनी सेफ्टी के लिए पहने। अगर आप ऐसा नहीं करते तो भारी जुर्माना भरना पड़ेगा। लाइट ग्रीन होने पर ही आगे बढ़ें
ट्रैफिक नियमों का पालन करें। रेड लाइट ग्रीन होने पर ही सड़क क्रॉस करें। डीएल, पॉल्यूशन प्रमाणपत्र, आरसी व इंश्योरेंस की फोटो कॉपी हमेशा साथ रखे। इसे आप डिजी लॉकर व एमपी लॉकर में भी रख सकते हैं। जांच की स्थिति में इसे आप ट्रैफिक अधिकारी को दिखा सकते हैं। यातायात एसपी ने कहा, आने वाले दिनों में ट्रैफिक रूल तोड़ कर आप बच नहीं पाएंगे। क्योंकि ट्रैफिक पुलिस तकनीकी मोर्चे पर चाकचौबंद तैयारी में जुटी हुई है। हर चौक-चौराहे को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया जा रहा है। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस, पैसे वसूली की सत्यता पाई गई तो सीधे जेल :
ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग ने कहा कि अगर किसी ट्रैफिक जवान या अधिकारी पर अवैध वसूली का आरोप लगता है, जांच में उनकी संलिप्तता पाई जाती है तो उनपर एफआइआर तो होगा ही सीधे उन्हें जेल भेजा जाएगा। भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राज्य के डीजीपी कमल नयन चौबे ने बैठक में निर्देश दिया है कि ट्रैफिक अधिकारी व जवान समाज के सामने नाजिर पेश करें। नियमों का खुद तो पालन करें ही कड़ाई से लागू भी कराएं। जांच के दौरान सरकारी काम में बाधा पहुंचाया तो सख्त कार्रवाई :
ट्रैफिक जांच के दौरान अगर कोई सरकारी काम में बाधा पहुंचाता है तो दंड का भागी होगा। उसे जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है। आइपीसी की धारा-353 और मोटरयान अधिनियम की धारा-179 के तहत कार्रवाई हो सकती है। अगर आपके साथ कुछ गलत हो रहा है तो इसकी शिकायत आप ट्रैफिक पुलिस के वरीय अधिकारी से कर सकते हैं।