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निजी स्कूल ऑटो व वैन चालकों को कराना होगा व्यावसायिक निबंधन

प्रभारी ट्रैफिक एसपी हरिलाल चौहान ने निजी स्कूल ऑटो व वैन के चालकों को 15 दिनों के अंदर व्यावसायिक निबंधन कराने को कहा है। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Jul 2019 04:57 AM (IST)Updated: Tue, 23 Jul 2019 06:36 AM (IST)
निजी स्कूल ऑटो व वैन चालकों को कराना होगा व्यावसायिक निबंधन
निजी स्कूल ऑटो व वैन चालकों को कराना होगा व्यावसायिक निबंधन

जागरण संवाददाता, रांची : प्रभारी ट्रैफिक एसपी हरिलाल चौहान ने निजी स्कूल ऑटो व वैन के चालकों को एक सप्ताह के अंदर व्यावसायिक निबंधन कराने का निर्देश दिया है। इसके अलावा उन्होंने चालकों को शपथ पत्र के माध्यम से पहचान पत्र, फोटो व मोबाइल नंबर स्कूल प्रबंधन के साथ-साथ संबंधित यातायात थाना में जमा करने का भी निर्देश दिया है। निजी स्कूल ऑटो व वैन के परिचालन पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद सोमवार को ऑल स्कूल पैरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय राय ने कुछ अभिभावकों के साथ इस मुद्दे पर प्रभारी ट्रैफिक एसपी हरिलाल चौहान से वार्ता की। वार्ता में इन बिंदुओं पर बनी सहमति

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- बच्चों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता।

- सभी वाहन चालकों को शपथ पत्र भरना होगा।

- वाहन में जीपीएस लगाना अनिवार्य होगा।

- संबंधित स्कूल वाहन का व्यावसायिक रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा।

- खिड़की पर जाली लगाना अनिवार्य होगा।

- निजी स्कूल वाहन में स्पीड गवर्नर लगाना होगा।

- एक सप्ताह के अंदर परिवहन विभाग के नियम को पूरा करें।

- वाहन में क्षमता के अनुसार बच्चों को बैठाना होगा।

- वाहन चालक शपथ पत्र के माध्यम से अपना पहचान पत्र व वाहन से संबंधित सभी कागजातों के अपडेटेड कॉपी स्कूल के साथ-साथ यातायात कार्यालय में जमा करें।

- वाहन चालक शपथ पत्र की छायाप्रति, अपना मोबाइल नंबर व फोटो युक्त पहचान पत्र बच्चों के अभिभावक को भी उपलब्ध कराएं, ताकि उन्हें यह जानकारी हो कि उनके बच्चे सुरक्षित हैं।

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प्रभारी ट्रैफिक एसपी ने निजी स्कूलों को जारी किया था निर्देश

13 जुलाई को प्रभारी ट्रैफिक एसपी यातायात की ओर से शहर के विभिन्न स्कूलों को नोटिस जारी किया गया था। नोटिस के माध्यम से स्कूल प्रबंधन को निर्देश दिया गया था कि अभिभावकों को नोटिस जारी कर बताएं कि वे अपने बच्चों को स्कूल बस से भेजें या स्वयं बच्चों को स्कूल पहुंचाएं व ले जाएं।

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वैसे अभिभावक जो मुख्य सड़क से दो-तीन किलोमीटर अंदर रहते हैं, वे स्कूल बस से अपने बच्चों को भेजने में असमर्थ हैं। कुछ अभिभावक नौकरी या रोजगार के कारण अक्सर घर से बाहर रहते हैं। ऐसे में बच्चों को निजी स्कूल वाहनों से स्कूल भेजना उनकी मजबूरी है।

- अजय राय, अध्यक्ष, ऑल स्कूल पैरेंट्स एसोसिएशन।

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बच्चों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। इससे समझौता नहीं किया जा सकता। वाहन चालक समय सीमा के अंदर वाहनों का व्यावसायिक निबंधन करा लें। अन्यथा उनके खिलाफ नियम सम्मत कारवाई की जाएगी ।

- हरिलाल चौहान, प्रभारी ट्रैफिक एसपी। इनसेट ::

सांसद संजय सेठ की पहल पर निजी स्कूल ऑटो चालकों ने हड़ताल लिया वापस जागरण संवाददाता, रांची : छोटे वाहनों से बच्चों को स्कूल ले जाने पर प्रशासन की ओर से प्रतिबंध लगाने एवं सोमवार को वाहन चालकों के हड़ताल पर जाने के बाद रांची के सांसद संजय सेठ ने सोमवार को सीनियर एसपी व प्रभारी ट्रैफिक एसपी से दिल्ली से फोन पर बात की। उन्होंने तत्काल इस निर्देश को वापस लेने का निर्देश दिया। कहा, शहर में कई मोहल्ले ऐसे हैं, जहां बस नहीं पहुंच सकती। वहां के बच्चे स्कूल कैसे जाएंगे। बहुत से अभिभावक सुबह काम पर निकल जाते हैं। स्कूल घर से दूर होने के कारण सिर्फ छोटे वाहन ही साधन हैं। सीनियर एसपी व प्रभारी ट्रैफिक एसपी ने सांसद के निर्देश पर सहमति जताई। वहीं सांसद ने छोटे वाहन मालिकों से अपील करते हुए कहा कि वे हड़ताल समाप्त करें और बच्चों को स्कूल पहुंचाने का काम करें। उसके बाद निजी वाहन मालिकों ने मंगलवार से हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की।

अभिभावक हुए परेशान

सोमवार को निजी ऑटो एवं वैन चालकों के हड़ताल पर रहने के कारण अभिभावकों को काफी परेशानी हुई। बड़े बच्चे तो किसी तरह ऑटो से स्कूल चले गए, परंतु छोटे बच्चे को अभिभावक स्वयं छोड़ते देखे गए। सबसे ज्यादा सरकारी या निजी कार्यालयों में काम करने वाले अभिभावकों को हुई।


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