ओटी और उपकरणों के अभाव में नहीं शुरू हो पा रही कैंसर मरीजों की सर्जरी
रिम्स के ओंकोलॉजी वार्ड के सर्जरी विभाग में दो नए चिकित्सकों की नियुक्ति के बाद से ऑपरेशन के लिए मरीजों की लाइन लग गई है।
शक्ति सिंह, रांची : रिम्स के ओंकोलॉजी वार्ड के सर्जरी विभाग में दो नए चिकित्सकों की बहाली तो हो गई है। लेकिन ओटी नहीं होने से विभाग का कार्य और मरीज का इलाज अधूरा है। ओंको सर्जरी कराने के लिए कतार में 100 से अधिक मरीज खड़े हैं। यानि दस दिन ही ओंको सर्जरी विभाग की सेवा शुरू हुई है। पर ओटी के नहीं रहने से चिकित्सक चाहकर भी सर्जरी नहीं कर पा रहे हैं।
रिम्स में सिर्फ दो ओटी है। लेकिन आवश्यक उपकरणों की सुविधा नहीं होने से ओटी की सेवा मरीजों के लिए शुरू नहीं की गई है। विभाग के चिकित्सकों ने भी रिम्स प्रबंधन को पत्र लिखा है कि मरीजों के हित को देखते हुए जल्द से जल्द ओटी मरीजों के लिए खोल दिया जाए।
इसके अभाव में ओटी में सिर्फ बायोप्सी की सेवा शुरू की गई है। लेकिन, मरीजों की रिपोर्ट आने के बाद भी मरीज की सर्जरी नहीं हो रही है। रिम्स को पिछले पांच वर्षो से विभाग के चिकित्सकों का इंतजार था। अब चिकित्सक आ गए तो उन्हें ओटी नहीं मिल रहा है।
रिम्स प्रबंधन ने चिकित्सकों को आश्वासन दिया है कि दो सप्ताह में ओटी के लिए उपकरण की सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी, ताकि पहले चरण में कम से कम एक ओटी में मरीजों का ऑपरेशन शुरू हो सके। दूसरे चरण में एक अन्य ओटी में उपकरणों को इंस्टॉल कर दिया जाएगा। रिम्स प्रबंधन को उम्मीद है कि इन विभाग के शुरू होने से प्रदेश ही नहीं बल्कि दूसरे प्रदेश के भी मरीजों को राहत होगी। सरकारी संस्थानों में रिम्स का ओंकोलॉजी एक बेहतर संस्थान होगा, जहां कैंसर के मरीजों को अच्छी सुविधा मिलेगी।
लंबे इंतजार के बाद ओंको मेडिसिन विभाग में भी चिकित्सक ने अपना योगदान दिया है। इस कारण कीमोथेरेपी की सुविधा मरीजों को मिलनी शुरू हो गई है। अब तक पांच सालों तक सिर्फ रेडियोथेरेपी ही मरीजों को दी जाती थी। अन्य विभाग के मरीजों को चिकित्सकों के अभाव में वापस लौटना पडता था। 'ओंकोलॉजी विभाग में दो सप्ताह के बाद ओटी की सेवा शुरू हो जाएगी। इसे लेकर सारी तैयारियां शुरू हो गई है। इससे कैंसर के मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।'
डॉ. डीके सिंह
निदेशक, रिम्स